रेपो रेट (repo rate ) में इस बार भी कोई बदलाव नहीं होगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में किसी भी तरह का बदलाव ना करने की बात कही है। रेपो रेट पहले की तरह 6.50 फीसदी पर ही स्थिर रहेगा। ऐसा 11 वीं बार हो रहा है कि रेपो रेट में कोई बदलाव (rape rate no change) नहीं किया गया। जानकारी के मुताबिक, लास्ट बार रेपो रेट में फरवरी 2023 में बदलाव हुआ था।
सर्वसम्मति से लिया गया फैसला
बता दें कि शक्तिकांत दास (rbi governor shaktikanta das) का भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के तौर पर यह आखिरी कार्यकाल है। अपने कार्यकाल की लास्ट पॉलिसी का ऐलान करे हुए दास ने बताया कि MPC की बैठक में सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से तय किया है कि इस बार भी रेपो रेट (rbi repo rate) में को बदलाव नहीं किया जाएगा। हमारा फोकस महंगाई को काबू करना है। यही वजह कि अभी रेपो रेट को ना तो बढ़ाया गया है और ना ही इसमें कटौती की गई है।
मौद्रिक नीति का समाज पर व्यापक प्रभाव
आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि रेपो रेट में स्थिरता मौजूदा आर्थिक स्थितियों के लेकर सतर्क दृष्टिकोण को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति का समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ता है, जो समाज के हर वर्ग के लिए बहुत जरुरी है।
Repo Rate में बदलाव से क्या होता है असर
रेपो रेट के घटने और बढ़ने का सीधा असर बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों पर पड़ता है। रेपो रेट के कम होने से लोन की ईएमआई घट जाती है। वहीं रेपो रेट में बढ़ौतरी से ईएमआई में इजाफा होता है।
क्या होता है रेपो रेट?
रेपो रेट (Repo Rate) वह दर होती है जिस पर किसी देश का सेंट्रल बैंक पैसे की कमी होने पर अन्य वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है। इसके अलावा रेपो रेट का उपयोग इंफ्लेशन को नियंत्रित करने के लिए भी किया जाता है।