प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत लाभार्थियों को घर मिलता है। लेकिन कई बार प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा भी होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर कोई व्यक्ति फर्जी तरीके से लाभ उठाता है या गलत तरीके से पैसे प्राप्त करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी सजा और जुर्माना लगाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ
केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सभी जरूरतमंद लाभार्थियों को घर दिया जाता है। वहीं सरकार इस योजना के तहत विभिन्न नियमों और शर्तों का पालन करवाती है। जिससे योजना का लाभ असली पात्र व्यक्तियों तक पहुंच सके। इतना ही नहीं कानून के तहत फर्जी तरीके से पैसा लेने वालों से वसूली तो होती है, साथ में उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है।
धोखाधड़ी करने पर क्या मिलती है सजा?
बता दें कि अगर कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेज़ पेश करता है या गलत जानकारी देता है। तो वह व्यक्ति धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में फंस सकता है। इसके लिए भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत सजा हो सकती है, जिसमें जुर्माना और जेल की सजा दोनों तरह की सजा शामिल होती है।
फर्जीवाड़ा पर कितना लगता है जुर्माना?
बता दें कि अगर कोई व्यक्ति गलत तरीके से योजना का लाभ लिया है, तो उसे जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। वहीं जुर्माना की राशि स्थानीय अधिकारियों द्वारा तय की जाती है और यह मामले की गंभीरता पर निर्भर करता है। फर्जी तरीके से पीएमएवाई योजना का लाभ लेने पर अधिकतम 5 साल की सजा भी हो सकती है, साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यह सजा कोर्ट द्वारा सुनाई जाती है और अपराध की गंभीरता के आधार पर बदला जा सकता है। फर्जीवाड़ा मामले जितने लोग भी शामिल होते हैं, उन सभी लोगों के खिलाफ कोर्ट जांच का आदेश दे सकती है।
सरकार को करना होगा पैसा वापस
जानकारी के मुताबिक अगर यह साबित होता है कि किसी ने अवैध तरीके से धन लिया है, तो उसे कोर्ट द्वारा पैसा वापस करने का आदेश दिया जा सकता है। इतना ही नहीं गलत तरीके से आवास हासिल करने की कोशिश करने वाले व्यक्ति को भविष्य में इस तरह की योजना का लाभ प्राप्त करने से भी वंचित किया जा सकता है। वहीं अगर इस फर्जीवाड़ा में कोई सरकारी अधिकारी शामिल है, तो कोर्ट के आदेश पर उसे निलंबित किया जा सकता है और उस अधिकारी पर जांच के आदेश और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।