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92 साल के कर्नाटक के पूर्व CM एसएम कृष्णा का लंबी बीमारी के बाद निधन , पीएम मोदी ने जताया दुख

पूर्व विदेश मंत्री और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सोमनहल्ली मल्लैया कृष्णा का 92 वर्ष की उम्र में मंगलवार को निधन (s m krishna passed away today)  हो गया। 2009 से 2012 तक भारत की विदेश नीति को आकार देने में अहम भूमिका निभाने वाले एसएम कृष्णा (sm krishna) ने लंबी बीमारी के बाद बेंगलुरु स्थित आवास पर अंतिम सांसे लीं।

पीएम मोदी ने जताई संवेदना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर एसएम कृष्णा (s m krishna)के निधन पर शोक व्यक्त किया। पीएण ने उन्हें उल्लेखनीय नेता बताया, जिनकी प्रशंसा विभिन्न क्षेत्रों के लोग करते थे। पीएम मोदी ने लिखा, “एसएम कृष्णा जी एक उल्लेखनीय नेता थे, जिनकी सराहना सभी क्षेत्रों के लोग करते थे। मुझे एसएम कृष्णा जी के साथ बातचीत करने के कई अवसर प्राप्त हुए और मैं उन मुलाकातों को हमेशा संजोकर रखूंगा। उनके निधन से मैं काफी दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं।”

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जताया दुख

एसएम कृष्णा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “कृष्णा की राज्य और केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री के रूप में सेवा बेमिसाल है। आईटी-बीटी क्षेत्र के विकास में उनके योगदान के लिए कर्नाटक हमेशा उनका ऋणी रहेगा, विशेष रूप से मुख्यमंत्री के रूप में।”
सिद्धारमैया ने आगे कह, ”कृष्णा एक रहस्यमयी राजनेता थे, अजतशत्रु के शत्रु थे। कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के शुरुआती दिनों में वह मेरे मार्गदर्शक थे और हमेशा मेरे शुभचिंतक रहे। उनकी दूरदृष्टि, अनुशासित जीवन, सज्जनता और अध्ययनशील दृष्टिकोण उभरते नेताओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उनके निधन से दुखी उनके परिवार और प्रशंसकों के दुख में मैं भी सहभागी हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति मिले।”

sm krishna news
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कौन थे एसएम कृष्णा

एसएम कृष्णा (sm krishna death)  कर्नाटक के लोकप्रिय मुख्यमंत्रियों में से एक थे। उन्हें कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी भूमिका के अलावा राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वह 2009 से 2012 तक केंद्रीय विदेश मंत्री रहे और 2004 से 2008 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में सेवा की।

कृष्णा ने 1960 के दशक में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया। 1962 में उन्होंने मड्डूर विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और कांग्रेस प्रत्याशी को हराकर जीत हासिल की। बाद में उन्होंने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (PSP) जॉइन की और 1968 के उपचुनाव में मंड्या लोकसभा सीट जीती। 1971 में, कृष्णा कांग्रेस में लौटे और उसी लोकसभा सीट से फिर से जीत दर्ज की। 1985 में कृष्णा राज्य की राजनीति में लौटे और 1999 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने। यहां उन्होंने सीएम के तौर पर 2004 तक सेवा दी।

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2017 में कृष्णा (sm krishna news) ने अपने राजनीतिक करियर में बड़ा बदलाव किया। उन्होंने कांग्रेस छोड़कर BJP का दामन थाम लिया। 2023 में उन्हें भारतीय राजनीति में उनके योगदान के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। जनवरी 2023 में कृष्णा ने सक्रिय राजनीति से दूर रहने की घोषणा की।