अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां शुरू कर दी हैं। उन्होंने अलग-अलग देशों के नेताओं को समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजना भी शुरू कर दिया है। ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को 20 जनवरी को अपने शपथ ग्रहण में आने का न्योता दिया है। यह जानकारी उनके प्रवक्ता ने दी। व्हाइट हाउस की नई प्रेस सचिव, कैरोलिन लेविट, ने फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘यह ट्रंप का तरीका है कि वह न केवल अमेरिका के सहयोगी देशों बल्कि विरोधी और प्रतिस्पर्धी देशों के नेताओं के साथ भी खुली बातचीत करें।’
उन्होंने कहा, ‘हमने यह पहले कार्यकाल में देखा था। इसके लिए उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था, लेकिन इसके बाद दुनिया भर में शांति आई। वह किसी से भी बात करने के लिए तैयार हैं। वह हमेशा अमेरिका के हित को सबसे पहले रखेंगे।’ हालांकि, लेविट ने यह नहीं बताया कि चीनी राष्ट्रपति ने निमंत्रण स्वीकार किया है या नहीं। व्हाइट हाउस ने इस निमंत्रण पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
ट्रंप टीम तय शपथ समारोह के मेहमान
व्हाइट हाउस के जॉन किर्बी ने पत्रकारों से कहा, ‘यह राष्ट्रपति ट्रंप पर निर्भर करेगा कि शपथ ग्रहण समारोह में उनके साथ कौन बैठेगा और कौन मौजूद रहेगा। हम इस पर काफी मेहनत कर रहे हैं क्योंकि यह हमारे द्विपक्षीय रिश्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति ने शी जिनपिंग से कई बार मुलाकात की है जिसमें हाल की हुई मुलाकात भी शामिल है। और जब ट्रंप टीम को काम सौंपने का वक्त आएगा, तो हम अमेरिका-चीन रिश्तों को पहले से बेहतर स्थिति में सौंप रहे होंगे। इसका मतलब यह नहीं है कि हमारे बीच मतभेद नहीं हैं।’
यह संबंध में खतरे भी हैं और मौके भी
किर्बी ने कहा, ‘हम यह काम करते हैं और आगे भी करते रहेंगे, और मुझे पूरा यकीन है कि वे भी ऐसा करेंगे। हम इस संबंध पर बहुत मेहनत कर रहे हैं और इसे अंत तक बनाए रखेंगे।’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उद्घाटन के निमंत्रण पर फैसला करना उनका काम नहीं है। ‘यह वास्तव में ट्रंप टीम का काम है। इसमें कोई शक नहीं कि अमेरिका के लिए यह दुनिया का सबसे अहम द्विपक्षीय संबंध है, और यह एक ऐसा संबंध है जिसमें दोनों, खतरे भी हैं और मौके भी।’
ट्रंप को बाइडेन के काम की मिलेगी पूरी जानकारी
किर्बी ने कहा, ‘जब हम ट्रंप की टीम को जिम्मेदारी सौंपने के लिए तैयार होंगे, तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा किए गए सभी कामों की पूरी जानकारी हो। बाइडेन ने इस रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए बहुत कुछ किया है, और अब यह ट्रंप पर निर्भर करेगा कि वे इसे आगे कैसे और कितना बढ़ाते हैं।’
भारत को नहीं भेजा बुलावा
हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर ब्रिक्स देश अंतरराष्ट्रीय लेन-देन के लिए कोई दूसरी करेंसी इस्तेमाल करते हैं, तो उन पर नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे और 100 फीसदी टैरिफ लागू कर दिया जाएगा। हालांकि, अब उन्होंने चीनी राष्ट्रपति को अपने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता भेजा है लेकिन भारतीय प्रधानमंत्री को इस कार्यक्रम में बुलाया नहीं गया है। अगर ट्रंप चीन के साथ दोस्ती बढ़ाते हैं और भारत को नजरअंदाज करते हैं, तो यह भारत के लिए नई चुनौतियां पैदा कर सकता है।
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