किसान आने वाले 16 दिसंबर को देशभर में ट्रैक्टर मार्च निकालने वाले हैं। दरअसल किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने देशभर में ट्रैक्टर मार्च करने का आह्वान किया है। बता दें कि किसान नेता सरवन सिंह का ये बयान शंभू बॉर्डर पर किसानों का जत्था रोकने के बाद आया है।
शंभू बॉर्डर पर किसानों के ऊपर वाटर कैनन का इस्तेमाल
बता दें कि MSP समेत तमाम मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे 101 किसानों का जत्था शनिवार को शंभू बॉर्डर पर दिल्ली मार्च शुरू किया था। लेकिन पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोक दिया है। पुलिस ने किसानों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया है। जानकारी के मुताबिक पुलिस की इस कार्रवाई में कई किसान घायल हुये हैं। जिसके बाद दिल्ली चलो मार्च को स्थगित कर दिया गया है।
पंजाब के अलावा देशभर में ट्रैक्टर मार्च
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने देशभर में ट्रैक्टर मार्च करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि 16 दिसंबर को पंजाब को छोड़कर देश के बाकी राज्यों में ट्रैक्टर मार्च होगा। इसके बाद 18 दिसंबर 12 बजे से लेकर 3 बजे तक पंजाब में हर जगह पर पूरी तरह से रेलों को जाम किया जाएगा।
रेल पटरियां होगी जाम?
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम सभी तबकों को अपील करते हैं कि उठिए और 3 करोड़ पंजाबियों को चैलेंज है कि हर जगह रेलों को जाम करना है। रेल जाम वहां करनी हैं, जहां प्लेटफॉर्म और रेल का फाटक है, उसके ऊपर रेलों को जाम करो। पंधेर ने आगे कहा कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों की कार्रवाई के दौरान 17-18 किसान घायल हुए हैं।
किसानों पर फेंका गया कैमिकल वाला पानी
किसान नेता सरवन ने कहा कि हमारे देश में 50 फीसदी लोग खेती-किसानी से जुड़े हैं, उनकी आवाज को दबाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक हमारे किसान जगजीत सिंह खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे हैं। उनकी बिगड़ती सेहत सबके सामने है, यहां तक कि प्रधानमंत्री के सामने भी है।
ठंड में किसानों ने किया पैदल मार्च
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि पूरी दुनिया ने देखा कि दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ने इस ठंड के मौसम में पैदल मार्च कर रहे किसानों के खिलाफ शारीरिक बल, रासायनिक पानी का इस्तेमाल किया है। किसानों के ऊपर आंसू गैस छोड़ा गया है, हमारे मंच और खेतों पर आंसू गैस फेंके गये हैं। उन्होंने कहा कि शंभू बॉर्डर पर हमारे समर्थन के लिए लगभग 10 हजार लोग आए थे, उन पर भी आंसू गैस फेंककर वे किसानों को घायल करना चाहते थे।