फ्रांस के हिंद महासागर वाले मायोट क्षेत्र में चक्रवात ‘चिडो’ (Cyclone Chido) ने भारी तबाही मचाई है। 200 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार से आए इस चक्रवात ने पूरे द्वीप को बर्बाद कर दिया है। यह इलाका पहले से ही गरीब है, और इस आपदा ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। फ्रांस के एक टीवी चैनल के मुताबिक, इस तूफान में हज़ारों लोगों की जान चली गई है। एक अधिकारी ने बताया कि मरने वालों की संख्या एक हजार तक या इससे भी ज्यादा हो सकती है। यह मायोट में पिछले 90 सालों में सबसे भयंकर चक्रवात है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने दुख जताते हुए कहा, ‘मायोट में रहने वाले हमारे देशवासी बहुत कठिन समय से गुजरे हैं। कई लोगों ने अपना सब कुछ खो दिया, कुछ ने अपनी जान भी गंवा दी। मेरी संवेदनाएं उनके साथ हैं।’
अफ्रीका के तट से दूर, दक्षिण-पूर्वी हिंद महासागर में मायोट नाम (Mayot) का एक इलाका है, जो फ्रांस और यूरोपीय संघ का हिस्सा होने के बावजूद बहुत गरीब है। यहां 75% से ज्यादा लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन जीते हैं। अवैध प्रवासियों की संख्या भी काफी अधिक है। हाल ही में आए चक्रवात ने यहां बड़ी तबाही मचाई है। एक अधिकारी ने बताया कि इलाके में रहने वालों की सही गिनती न होने के कारण मृतकों और घायलों की सही संख्या का पता लगाना मुश्किल हो रहा है। चक्रवात के चलते हवाई अड्डे और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं को भारी नुकसान हुआ है। इलाकों में तबाही मची हुई है, और बिजली आपूर्ति भी ठप हो गई है। गृह मंत्रालय ने बताया है कि अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 250 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हालांकि, यह संख्या 1000 तक हो सकती है।
200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आया तूफान
फ्रांस (France) की सरकारी एजेंसी के अनुसार, चक्रवात ‘चिडो’ ने रात में मायोट द्वीप पर दस्तक दी। इसकी रफ्तार 200 किलोमीटर प्रति घंटे (124 मील प्रति घंटे) से ज्यादा थी। इस तूफान से घर, सरकारी इमारतें और एक अस्पताल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। बताया जा रहा है कि यह तूफान पिछले 90 सालों में द्वीप पर आने वाला सबसे ताकतवर चक्रवात है। राजधानी मामूदजोऊ के स्थानीय निवासी मोहम्मद इस्माइल ने कहा, ‘यह सचमुच एक त्रासदी है। ऐसा लगता है जैसे हम किसी परमाणु युद्ध के बाद के हालात देख रहे हों। मैंने अपने सामने एक पूरा मोहल्ला गायब होते देखा है।’
मलबे से घिरा शहर
फ्रांसीसी जेंडरमेरी ने बताया कि मायोट में पहाड़ों पर अस्थायी मकानों का मलबा बिखरा हुआ है। यह इलाका लंबे समय से कोमोरोस से अवैध प्रवासियों का केंद्र रहा है। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, मायोट में 1 लाख से ज्यादा अवैध प्रवासी रहते हैं। फ्रांस के बाकी हिस्सों से लगभग 8,000 किलोमीटर दूर स्थित मायोट, आर्थिक रूप से काफी कमजोर है। यह जगह कई सालों से गैंग वॉर और सामाजिक अशांति का सामना कर रही है। हाल ही में आए तूफान ने हालात और बिगाड़ दिए, जिससे यहां का नजारा बेहद डरावना हो गया।
मुस्लिम आबादी अधिक
चक्रवात के बाद मरने वालों की सही संख्या का पता लगाना मुश्किल हो रहा है। इससे भोजन, पानी और सफाई की सुविधा तक पहुंच को लेकर भी चिंताएं बढ़ गई हैं। फ्रांस के गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मायोत में हालात जटिल हैं। उन्होंने कहा, ‘मायोत एक मुस्लिम क्षेत्र है, जहां परंपरा के अनुसार मृतकों को 24 घंटे के भीतर दफना दिया जाता है।’
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