भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रहा सीमा विवाद अब कम होता नजर आ रहा है। बुधवार को बीजिंग में दोनों देशों के बीच सीमा मुद्दे पर बातचीत के लिए 23वीं विशेष बैठक हुई। ये बैठक पिछले 5 सालों में पहली बार हुई है। भारत की तरफ से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (Ajit Doval) और चीन की तरफ से विदेश मंत्री वांग यी ने इसमें हिस्सा लिया। बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने सीमा विवाद को हल करने के लिए सकारात्मक और रचनात्मक बातचीत की। इस चर्चा के बाद दोनों देश छह अहम मुद्दों पर सहमति पर पहुंचे। आइए इन सहमतियों के बारे में विस्तार से जानें।
इन 6 मुद्दों पर बनी सहमति
1. बैठक में दोनों देशों ने सीमा से जुड़े मुद्दों पर हुई प्रगति का आकलन किया और यह सहमति जताई कि इस क्षेत्र में काम जारी रहना चाहिए। दोनों ने माना कि सीमा संबंधी मामलों को आपसी समझदारी से सुलझाना जरूरी है, ताकि इससे विकास पर कोई असर न पड़े। साथ ही, यह तय हुआ कि सीमावर्ती इलाकों में शांति बनाए रखी जाएगी और दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत और स्थिर बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
2. भारत और चीन ने साल 2005 में तय किए गए राजनीतिक दिशानिर्देशों के आधार पर सीमा विवाद का समाधान निकालने की प्रतिबद्धता जताई है। दोनों देश इस मुद्दे को सुलझाने के लिए ऐसा समाधान ढूंढने की कोशिश करेंगे, जो दोनों पक्षों के लिए निष्पक्ष और स्वीकार्य हो। इसके लिए भारत और चीन आपसी बातचीत और सकारात्मक कदमों से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे।
3. भारत और चीन ने सीमा पर हालात का जायजा लिया और इस क्षेत्र में बेहतर प्रबंधन और नियंत्रण के लिए उपायों पर चर्चा की। दोनों देशों ने भरोसे को मजबूत करने और सीमा पर स्थायी शांति बनाए रखने के लिए सहमति जताई है।
4. भारत और चीन ने मिलकर यह तय किया है कि वे सीमा पार सहयोग और आदान-प्रदान को मजबूत करेंगे। दोनों देश तिब्बत में भारतीय तीर्थयात्रियों की यात्रा, सीमा पार नदियों पर सहयोग और नाथुला के जरिए व्यापार को फिर से शुरू करने पर सहमत हुए हैं।
5. भारत और चीन ने सीमा से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए एक नई व्यवस्था बनाने और इसे और मजबूत करने पर सहमति जताई है। दोनों देशों ने राजनयिक और सैन्य स्तर पर आपसी तालमेल और सहयोग बढ़ाने की बात कही है। साथ ही, सीमा मामलों पर चर्चा और समन्वय के लिए पहले से मौजूद चीन-भारत कार्य तंत्र (WMCC) को प्रभावी तरीके से लागू करने पर भी सहमति हुई है।
6. भारत और चीन अगले साल भारत में विशेष प्रतिनिधियों की एक और बैठक करने पर सहमत हुए हैं। इस बैठक की तारीख राजनयिक बातचीत के जरिए तय की जाएगी। इसके अलावा, दोनों देशों ने इस मुलाकात में आपसी मुद्दों, द्विपक्षीय संबंधों, अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मामलों पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय शांति के लिए भारत और चीन के मजबूत और स्थिर संबंधों की जरूरत पर जोर दिया।
डोभाल ने की चीनी उपराष्ट्रपति से मुलाकात
अजीत डोभाल ने बातचीत के बाद चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। उन्होंने वांग को भारत आने का निमंत्रण दिया ताकि दोनों देशों के बीच अगली विशेष प्रतिनिधि बैठक पर चर्चा की जा सके। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सैन्य तनाव मई 2020 में शुरू हुआ था, जिसमें जून में गलवान घाटी में घातक झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्तों में काफ़ी तनाव आ गया था।
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