राजधानी दिल्ली समेत देश के सभी महानगर कूड़े की समस्या से जूझ रहे हैं। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस समस्या पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी की क्लास लगा दी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी से कहा है कि हर दिन तीन हजार कूड़ा अनट्रीटेड रह जाता है, जिसको नष्ट्र किया जाता है। आज हम आपको बताएंगे कि दिल्ली में हर दिन कितना कूड़ा निकलता है और इसको सरकार कैसे डंप करती है।
दिल्ली में कूड़ा
बता दें कि राजधानी में कूड़े की समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बीते बुधवार को दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी की क्लास लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर दिन तीन हजार टन कूड़ा अनट्रीटेड रह जाता है, यानी उसको नष्ट नहीं किया जाता है। कोर्ट ने इस स्थिति को शर्मनाक बताते हुए चीफ सेक्रटरी से पूछा कि इससे निपटने के लिए सरकार क्या कर रही है और कब तक इस स्थिति से निपटा जाएगा।
हर दिन निकलता है इतना कूड़ा
जानकारी के मुताबिक दिल्ली में हर दिन 11 हजार टन कूड़ इकट्ठा होता है। जिसमें से 8 हजार टन कूड़ा को नष्ट कर दिया जाता है, जबकि तीन हजार टन कूड़ा हर रोज नष्ट करने से रह जाता है। वहीं कोर्ट ने कहा कि गाजीपुर और भलसवा जैसी जगहों पर कूड़े को नष्ट करने के लिए आग जलाई जाती है, ये स्थिति बेहद खतरनाक और शर्मनाक है। कोर्ट ने कहा कि राजधानी में ऐसा हो रहा है, इसलिए कोर्ट में बेकार की हीटेड डिबेट करने का कोई मतलब नहीं है।
कूड़ा से निपटने का नहीं है कोई अच्छा तरीका?
कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ऑस्टिन जॉर्ज ऑगस्ट की बेंच ने इस पर निराशा जताई है। कोर्ट ने कहा कि प्रशासन कूड़े को नष्ट करने के लिए अच्छे तरीके ढूंढ पा रहा है और न ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स, 2016 को लागू किया जा रहा है। वहीं कोर्ट ने कूड़े को अवैध तरीके से डंप करने पर भी नाराजगी जताई है। इतना ही नहीं कोर्ट ने दिल्ली सरकार से गाजीपुर और भलसवा में डंप किए जाने वाले 3,800 टन कूड़े को लेकर 15 जनवरी, 2025 तक एफिडेविट देने को कहा है। जिसमें इन जगहों पर आग को रोकने और पर्यावरणीय नुकसान को रोकने लिए किए गए उपायों की रूपरेखा दी गई है।
पर्यावरण को हो रहा है नुकसान
बता दें कि कोर्ट ने सरकार से ये भी बताने को कहा है कि पिछले एक साल में कितने ऐसे मामले हैं, जिनमें कूड़े को नष्ट करने के लिए आग का इस्तेमाल किया गया है। वहीं कोर्ट ने इसे पर्यावरण के लिए गलत बताते हुए सरकार से जानकारी मांगी है। बता दें कि दिल्ली चीफ सेक्रेटरी सुनवाई के दौरान वर्चुअली शामिल हुए थे और उन्होंने कहा कि 11 नवंबर के कोर्ट के आदेश के बाद सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स को लागू करने पर विचार चल रहा है।