Vinod Kambli Struggles

कांबली की तबियत फिर से खराब, अस्पताल में भर्ती: पढ़ें- कैसे अर्श से फर्श पर पहुंचे विनोद कांबली

Vinod Kambli Struggles: टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली की तबियत फिर से खराब हो गई है। पिछले कुछ दिनों से वह स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे और अब उन्हें ठाणे के आकृति अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है और डॉक्टर्स उनकी देखभाल कर रहे हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कांबली और उनके पुराने दोस्त सचिन तेंदुलकर साथ दिखाई दिए थे। इस वीडियो में कांबली की हालत बहुत खराब लग रही थी, जिससे उनके फैंस और क्रिकेट जगत में चिंता का माहौल बन गया था।

वहीं कांबली की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। वह बीसीसीआई से मिलने वाली पेंशन पर निर्भर हैं और पहले से ही कई मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। विनोद कांबली, जो कभी भारतीय क्रिकेट के सितारे हुआ करते थे, अब अपनी जिंदगी के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। एक समय में सचिन तेंदुलकर के साथ क्रिकेट के मैदान पर तूफान मचाने वाले कांबली अब अपनी जिंदगी की कड़ी मुश्किलों से जूझ रहे हैं। फिलहाल, वह हर महीने बीसीसीआई से मिलने वाली 30,000 रुपये की पेंशन पर ही अपना गुजर-बसर कर रहे हैं और किसी तरह अपने परिवार के साथ वक्त बिता रहे हैं। कांबली के बारे में कई ऐसी बातें हैं जो यह बताती हैं कि क्या उनका यह हाल उनकी अपनी गलतियों का नतीजा है?

 

एक वक्त था जब कांबली थे क्रिकेट के सुपरस्टार

कांबली का क्रिकेट करियर जब शुरू हुआ था, तो उन्होंने सबको चौंका दिया था। 1991 में जब उन्होंने भारतीय टीम के लिए पदार्पण किया, तो अपने पहले सात टेस्ट मैचों में उन्होंने 100 की औसत से 793 रन बना डाले थे। उनकी और सचिन तेंदुलकर की जोड़ी ने क्रिकेट की दुनिया में धूम मचा दी थी। 1998 में जब दोनों ने हैरिस शील्ड स्कूल टूर्नामेंट में 664 रन की साझेदारी की थी, तो यह वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया था। कांबली का करियर शुरू में सचिन से भी कहीं बेहतर दिख रहा था।

लेकिन बाद में ऐसा हुआ कि कांबली को क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाना मुश्किल हो गया और उनका करियर ढलान पर आ गया। वहीं सचिन तेंदुलकर का करियर लगातार ऊपर की ओर बढ़ता गया, और कांबली धीरे-धीरे क्रिकेट की दुनिया से गायब हो गए। सचिन का करियर क्रिकेट के सर्वोच्च शिखर तक पहुंचा, जबकि कांबली को वह सफलता नहीं मिल पाई।

विवादों से घिरा रहा कांबली का करियर

कांबली का करियर हमेशा विवादों से घिरा रहा। 1996 के वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत की हार के बाद कांबली ने आरोप लगाया था कि कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने मैच फिक्सिंग में हाथ डाला था। इसके बाद, 2009 में उन्होंने टीवी शो ‘सच का सामना’ में यह दावा किया था कि उन्हें टीम में भेदभाव का सामना करना पड़ा और उस दौरान सचिन ने उनकी कोई मदद नहीं की। 2013 में, जब सचिन तेंदुलकर ने अपनी रिटायरमेंट पार्टी का आयोजन किया, कांबली को उसमें शामिल नहीं किया गया, और यह चर्चा का विषय बन गया। इन विवादों ने कांबली के करियर को और भी मुश्किल बना दिया।

आजकल बीसीसीआई की पेंशन पर बसर कर रहे कांबली

अब कांबली की हालत यह है कि वे बीसीसीआई से मिलने वाली पेंशन पर अपना गुजारा कर रहे हैं। उन्हें हर महीने 30,000 रुपये की पेंशन मिलती है, जो उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी चलाने के लिए मुश्किल से पर्याप्त है। कांबली ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि वे मुंबई क्रिकेट संघ से जुड़ा कोई काम ढूंढ रहे हैं, ताकि वह अपनी रोज़ी-रोटी चला सकें। 2019 में मुंबई T20 लीग में कांबली को कोच का काम मिला था, लेकिन कोविड महामारी के कारण वह काम भी बंद हो गया। इसके बाद सचिन ने उन्हें नेरूल में स्थित Middlesex Global Academy में कोचिंग का काम दिलवाया था, लेकिन कांबली को हर दिन 30 किलोमीटर का सफर करना थकान भरा लगता था, और उन्होंने वह काम छोड़ दिया।

क्या सच में 30 किलोमीटर का सफर इतना थकान भरा है?

कांबली का कहना है कि उन्हें 30 किलोमीटर दूर कोचिंग के लिए जाना थकान भरा लगता है, लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या यह सचमुच इतना कठिन है? मुंबई जैसी जगह में लोग रोज़ाना बीकेसी, सांताक्रुज़, या अन्य दूर-दराज इलाकों में काम करने के लिए लंबा सफर तय करते हैं। दिल्ली में सैकड़ों लोग नोएडा, गाज़ियाबाद, और गुड़गांव से अपनी नौकरी के लिए रोज़ सफर करते हैं। क्या कांबली का यह रवैया उनके लिए नए मौके खोने का कारण बन रहा है?

सचिन तेंदुलकर से मदद की उम्मीद छोड़ चुके कांबली

कांबली ने यह साफ कर दिया है कि वे सचिन तेंदुलकर से किसी मदद की उम्मीद नहीं रखते। उनका मानना है कि सचिन ने उन्हें काफी मदद दी है, लेकिन अब उन्हें उनसे और कोई उम्मीद नहीं है। कांबली ने इंटरव्यू में कहा, “सचिन को सब पता है, लेकिन मैं उनसे किसी मदद की उम्मीद नहीं कर रहा। उसने मुझे TMGA (तेंदुलकर मिडलसेक्स ग्लोबल एकेडमी) का काम दिलवाया था और मैं इसके लिए बहुत खुश हूं। वह हमेशा मेरा अच्छा दोस्त रहा है।”

विवाद और शराब का असर पड़ा करियर पर

कांबली के करियर में विवादों का लंबा इतिहास रहा है। एक ओर जहां उनकी क्रिकेट यात्रा शानदार थी, वहीं उनकी निजी जिंदगी और गलत फैसलों ने उनकी छवि पर भी गहरा असर डाला। कांबली ने शराब का सेवन शुरू कर दिया था, और यही कारण था कि उनका करियर डगमगाने लगा। वे ग्लैमर और करियर के बीच संतुलन नहीं बना पाए। पहले उनकी शादी नोएला लुईस से हुई थी, जो पुणे के एक होटल में रिसेप्शनिस्ट थीं, लेकिन बाद में उनका तलाक हो गया और उन्होंने दूसरी शादी एंड्रिया हेविट से की।

आज कांबली के लिए क्या बचा है?

कांबली का कहना है कि वे आज भी अपने पुराने फैसलों और गलतियों का पछतावा करते हैं। एक बार उन्होंने सचिन के पैरों में गिरकर माफी भी मांगी थी। अब देखना यह होगा कि क्या वे अपनी गलतियों से कुछ सीख पाए हैं और अपने जीवन को सही दिशा में ले जाने में सफल हो पाएंगे या फिर वे फिर से अपनी बुरी आदतों और गलत फैसलों का शिकार हो जाएंगे?

कांबली की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता और शोहरत के बाद अगर हम अपनी ज़िंदगी के अहम फैसले सही तरीके से नहीं लेते, तो कल वही फैसले हमें भरी मुश्किलों में डाल सकते हैं। अगर हम अपनी जिम्मेदारियों से भागते हैं और खुद को सही दिशा में नहीं ले जाते, तो हालात कभी भी पलट सकते हैं।