गृहमंत्री अमित शाह (amit shah) द्वारा राज्यसभा में संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर (ambedkar row) को लेकर दी गई टिप्पणी पर सियासी लड़ाई अब हिंसक होती जा रही है। मंगलवार को इस मुद्दे पर चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक (chandigarh municipal corporation meeting) के दौरान कांग्रेस और बीजेपी के पार्षदों के बीच तीखी बहस हुई, जो बाद में जोरदार हाथापाई में बदल गई। इस हाथापाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो देखकर ऐसा लग रहा है कि जैसे चंडीगढ़ नगर निगम की मीटिंग WWE का रिंग हो, जिसमें पहलवान आपस में लड़ रहे हों।
कैसे शुरु हुआ ये विवाद?
दरअसल, चंडीगढ़ नगर निगम (chandigarh) की बैठक में कांग्रेस और आप के पार्षदों ने एक प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव में अमित शाह ( amit shah ambedkar row) के पिछले हफ्ते राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान दिए गए बयान पर उनके इस्तीफे की मांग की गई थी। जिसका बीजेपी पार्षदों ने पुरजोर विरोध किया। बीजेपी पार्षदों ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने जवाहरलाल नेहरू के शासनकाल के दौरान संविधान के निर्माता डॉ. बी.आर. अंबेडकर (baba saheb ambedkar) को नीचा दिखाने की कोशिश की। इससे दिनों पार्टी के पार्षदों के बीच तीखी बहस छिड़ गई और देखते ही देखते विरोध हिंसक और शारीरिक झड़प में बदल गई।अमित शाह द्वारा बाबा साहेब आंबेडकर को लेकर दिए बयान पर चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक में कांग्रेस और बीजेपी के पार्षदों के बीच तीखी बहस हुई, जो बाद में जोरदार हाथापाई में बदल गई।
VIDEO | Scuffle breaks out between Congress, AAP and BJP councillors during Chandigarh Municipal Corporation meeting. More details are awaited.#ChandigarhNews
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/TIVHCLZWDw
— Press Trust of India (@PTI_News) December 24, 2024
‘अनिल मसीह को “वोट चोर” कहा’
वहीं, झड़प उस समय और तेज हो गई जब कुछ कांग्रेस और आप नेताओं ने नामित पार्षद अनिल मसीह को “वोट चोर” कहा। बता दें कि मसीह पर आरोप है कि वे इस साल की शुरुआत में हुए मेयर चुनावों में कथित धांधली में शामिल थे। उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी (नेशनल हेराल्ड मामले में) जमानत पर बाहर हैं।
कौन है मसीह
पार्षद अनिल मसीह जनवरी में हुए चंडीगढ़ मेयर चुनावों के लिए रिटर्निंग ऑफिसर थे। लेकिन उनपर कथित तौर पर आठ मतपत्रों को खराब करने का आरोप लगा था ताकि चुनावों को बीजेपी के पक्ष में मोड़ा जा सके। बाद में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सामने बिना शर्त माफी मांगी।
क्या है अंबेडकर विवाद?
गौरतलब हो कि अमित शाह के अंबेडकर पर दिए बयान से संसद से लेकर सड़क पर बवाल मचा हुआ है। इस विवाद के कारण संसद का शीतकालीन सत्र ठप रहा। अबंडेकर पर दिए शाह के बयान के बाद कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया और उनके इस्तीफे की मांग की। संसद परिसर में एनडीए और विपक्षी गठबंधन के सांसद भी आमने-सामने आ गए, क्योंकि दोनों ने एक-दूसरे पर दलितों के मसीहा अबंडेकर का अपमान करने का आरोप लगाया था।
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