अभी हाल ही में जीएसटी काउंसिल की बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया है। सेकेंड हैंड कारों पर लगने वाले जीएसटी को 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया है। यानी, अब पुरानी कारें खरीदने पर आपको ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा। इस फैसले से सबसे ज्यादा असर उन डीलर्स पर पड़ेगा, जो सेकेंड हैंड कार बेचते हैं, जैसे कि Cars 24, Maruti True Value, Mahindra First Choice और Spinny। लेकिन एक आम ग्राहक के तौर पर इस बदलाव का असर कितना होगा? क्या अब आपकी कार खरीदने की कीमत बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी? क्या आपकी जेब पर ये टैक्स हाइक ज्यादा भारी पड़ेगा? आइये, जानते हैं।
सेकेंड हैंड कार पर 18% GST: आपको क्या फर्क पड़ेगा?
इस बदलाव को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, और बहुत से लोग यह सोच रहे हैं कि इस टैक्स हाइक का उनकी जेब पर क्या असर होगा। सबसे पहले तो आपको ये समझना जरूरी है कि 18% जीएसटी का असर सीधे तौर पर सेकेंड हैंड कार के प्रॉफिट मार्जिन पर पड़ेगा, न कि पूरी कार की कीमत पर।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात को साफ किया था कि सेकेंड हैंड कार पर टैक्स उस प्रॉफिट पर लगेगा जो डीलर को मिलेगा, यानी अगर आपने कार को सस्ते में खरीदी और महंगे में बेचा, तो सिर्फ उस अंतर (प्रॉफिट) पर टैक्स लगेगा। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आपने अपनी पुरानी कार को सस्ते में बेचा और डीलर ने उसे रीफर्बिश करके थोड़ा महंगा करके बेचा, तो सिर्फ उस कीमत पर टैक्स लगेगा, न कि पूरी कार की कीमत पर।
टैक्स में 6% की बढ़ोतरी का असर
अब, सवाल ये है कि इस 18% जीएसटी बढ़ने से आपकी कार खरीदने की कुल कीमत पर कितना फर्क पड़ेगा। इसका जवाब ज्यादा जटिल नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस टैक्स हाइक से ग्राहकों की कुल लागत केवल 1% तक ही बढ़ेगी। इसे एक उदाहरण से समझते हैं।
मान लीजिए कि आप Maruti True Value से एक सेकेंड हैंड Maruti Dzire खरीदने जा रहे हैं। आपने अपनी पुरानी कार को 4 लाख रुपये में बेच दिया और Maruti True Value ने उस कार को 10,000 रुपये खर्च करके रीफर्बिश किया। अब इस कार की कीमत 4.50 लाख रुपये हो गई है। अगर इस पर 18% GST लगता है, तो टैक्स 9000 रुपये बनेगा। वहीं, अगर पुरानी दर 12% होती, तो टैक्स 6000 रुपये होता। इस हिसाब से 3000 रुपये का फर्क आया है।
उदाहरण से समझें
कार की खरीद मूल्य (₹) | रीफर्बिशिंग की लागत (₹) | कुल मूल्य (₹) (नया मूल्य) | 12% GST (पुरानी दर) | 18% GST (नई दर) | GST का फर्क (₹) | GST का फर्क (%) |
---|---|---|---|---|---|---|
₹4,00,000 | ₹10,000 | ₹4,50,000 | ₹6,000 | ₹9,000 | ₹3,000 | 1% |
₹5,00,000 | ₹15,000 | ₹5,50,000 | ₹7,500 | ₹9,000 | ₹1,500 | 0.27% |
₹6,00,000 | ₹20,000 | ₹6,50,000 | ₹9,000 | ₹11,700 | ₹2,700 | 0.41% |
₹7,00,000 | ₹25,000 | ₹7,50,000 | ₹10,500 | ₹13,500 | ₹3,000 | 0.40% |
₹8,00,000 | ₹30,000 | ₹8,50,000 | ₹12,000 | ₹15,300 | ₹3,300 | 0.39% |
₹9,00,000 | ₹35,000 | ₹9,50,000 | ₹13,500 | ₹17,100 | ₹3,600 | 0.38% |
₹10,00,000 | ₹40,000 | ₹10,40,000 | ₹15,000 | ₹18,720 | ₹3,720 | 0.36% |
क्यों यह फर्क ज्यादा नहीं है?
अच्छा, अब सोचिए कि कुल कार की कीमत पर ये फर्क कितना असर डालता है। Maruti Dzire की कुल कीमत 4.50 लाख रुपये है और टैक्स में जो फर्क आया वो 3000 रुपये का है। ये फर्क कुल कीमत का 1% से भी कम है। तो आपकी जेब पर कोई बड़ा बोझ नहीं पड़ेगा। हां, यह जरूर हो सकता है कि कुछ डीलर्स इस बढ़े हुए टैक्स का कुछ हिस्सा खुद वहन करें, ताकि ग्राहकों पर ज्यादा बोझ न पड़े।
सेकेंड हैंड कार डीलर्स पर क्या असर होगा?
इस टैक्स हाइक का असर सबसे ज्यादा सेकेंड हैंड कार डीलर्स पर पड़ेगा। डीलर्स को अपनी कारों की कीमत में थोड़ा बदलाव करना पड़ेगा। हालांकि, ये बदलाव ज्यादा बड़ा नहीं होगा, क्योंकि ज्यादातर सेकेंड हैंड कार डीलर्स अपनी कारों पर 6 से 8 प्रतिशत तक ही मार्जिन रखते हैं। इसका मतलब यह है कि डीलर्स इस टैक्स का थोड़ा बहुत हिस्सा खुद भी वहन कर सकते हैं, ताकि उनकी कारों की बिक्री पर कोई असर न पड़े।
क्या ग्राहकों की खरीदारी पर असर पड़ेगा?
अभी तक तो ये साफ हो चुका है कि सेकेंड हैंड कारों की कीमत पर टैक्स हाइक का असर बहुत ज्यादा नहीं पड़ेगा। आप जब भी सेकेंड हैंड कार खरीदने जाएंगे, तो आपको सिर्फ 1% तक की बढ़ी हुई कीमत का सामना करना पड़ेगा। लेकिन, यह भी डीलर पर निर्भर करेगा कि वह ग्राहकों से टैक्स की पूरी वसूली करता है या फिर कुछ हिस्सा खुद वहन करता है।
सरकार के इस फैसले से क्या बदलने वाला है?
सरकार का ये फैसला यूज्ड कार बाजार को सही दिशा में ले जाने और टैक्स की वसूली को बढ़ाने के लिए लिया गया है। इस बदलाव से टैक्स चोरी की संभावना कम होगी, और डीलर्स को भी अपने प्रॉफिट मार्जिन पर ध्यान देना पड़ेगा। इससे सरकार को टैक्स कलेक्शन में फायदा होगा, और वहीं, ग्राहकों को भी इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा।
तो क्या अब सेकेंड हैंड कार खरीदना महंगा हो जाएगा?
नहीं, सेकेंड हैंड कार खरीदने पर कोई बहुत बड़ा फर्क नहीं पड़ेगा। कुल मिलाकर आपके बजट पर सिर्फ 1% का असर पड़ेगा। यह असर उस 18% जीएसटी की वजह से है, जो अब सेकेंड हैंड कार पर लगेगा। इसलिए, अगर आप सेकेंड हैंड कार खरीदने की सोच रहे हैं, तो आपको ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। टैक्स की बढ़ोतरी से आपकी खरीदारी में कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं आएगा।
तो , अब जब आपको इस बढ़े हुए जीएसटी के असर का सही हिसाब मिल गया है, तो बिना किसी चिंता के सेकेंड हैंड कार खरीद सकते हैं। जीएसटी का असर आपकी जेब पर सिर्फ 1% ही पड़ेगा, और यह भी डीलर की पॉलिसी पर निर्भर करेगा कि वह टैक्स की पूरी वसूली करता है या फिर कुछ हिस्सा ग्राहकों को नहीं थोपता। इसलिए, अब आप ज्यादा पैसे खर्च किए बिना सेकेंड हैंड कार खरीद सकते हैं, और किसी तरह के अतिरिक्त खर्च के लिए घबराने की जरूरत नहीं है।