पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया। उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद शाम को उन्हें दिल्ली के AIIMS अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वह 92 साल के थे और लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे।
बताया जा रहा है कि 2006 में उनकी दूसरी बार बाईपास सर्जरी हुई थी, जिसके बाद से उनकी सेहत लगातार बिगड़ती जा रही थी। गुरुवार को सांस लेने में परेशानी और बेचैनी महसूस होने पर उन्हें एम्स में भर्ती किया गया था।
भूपेश बघेल ने लिखा एक महान राष्ट्रकर्मी हमसे विदा हो गए हैं
“देश आपका आभारी रहेगा, सर। इतिहास आपके योगदान से सदैव परिपूर्ण रहेगा। एक महान राष्ट्रकर्मी आज जीवन के अंतिम सफर पर हमसे विदा हो गए हैं। उनके व्यक्तित्व, योगदान और देशसेवा के लिए शब्द कम हैं। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का निधन एक बड़ी क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें। ॐ शांति:”
देश आपका आभारी रहेगा सर. इतिहास आपके योगदान से सदैव परिपूर्ण रहेगा.
एक महान राष्ट्रकर्मी आज जीवन के अंतिम सफर पर हम सबसे विदा हो गए हैं. उनके व्यक्तित्व, योगदान और देशसेवा के लिए शब्द कम हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी का निधन बड़ी क्षति है.
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति… pic.twitter.com/u0ahUyOjSG
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 26, 2024
यूपीए सरकार में पीएम रहे डॉ. सिंह
मनमोहन सिंह 2004 से लेकर 2014 के बीच कांग्रस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के प्रधानमंत्री रहे हैं। इससे पहले पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में 1991 से 1996 के दौरान वे वित्तमंत्री रहे। उन्हें देश में व्यापक सुधारों के लिए जाना जाता है।
आरबीआई के गर्वनर भी रहे
डॉ. मनमोहन सिंह रिजर्व बैंक के गवर्नर भी रह चुके हैं। इससे पहले वे पूर्व पीएम राजीव गांधी की सरकार में 1985 से 1987 तक भारतीय योजना आयोग के प्रमुख भी रहे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के साथ भी काम किया। सन 1982 से 1985 तक डॉ. सिंह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर रहे।
प्राध्यापक के रूप में भी ख्याति अर्जित की
डॉ. सिंह का जन्म देश के बंटवारे से पहले 1932 में अविभाजित भारत के पंजाब में हुआ। ये हिस्सा अब पाकिस्तान में है। सरल और शांत स्वभाव के लिए जाने जाते डॉ. सिंह का उनकी पार्टी के विरोधी भी सम्मान करते हैं। डॉ. सिंह ने इकोनॉमिक्स को प्रोफेसर के रूप में भी ख्याति अर्जित की। पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ और बाद में दिल्ली स्कूल ऑफ इकनामिक्स में प्राध्यापक रहे।