देश के पूर्व प्रधामंत्री मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया है। उनका अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर होगा। कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि अंतिम यात्रा शनिवार 28 दिसंबर को सुबह 9:30 बजे दिल्ली स्थित ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी मुख्यालय से निगमबोध घाट के लिए रवाना होगी। लेकिन आज हम आपको राजनीति के दौर का किस्सा बताएंगे, जब विपक्ष में बैठे अटल बिहारी वाजपेयी ने डॉ. सिंह को इस्तीफा देने से रोका था।
नरसिम्हा राव बने देश के प्रधानमंत्री
साल 1991 में नरसिम्हा राव अपने राजनीतिक करियर से संन्यास लेकर हैदराबाद जाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन तभी राजीव गांधी की हत्या के बाद पैदा हुए हालातों ने पीवी नरसिम्हा राव को देश का प्रधानमंत्री बना दिया था। नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बनने के बाद राष्ट्रपति से मुलाकात की थी और उनसे देश की वित्तीय संकट पर सलाह मांगी थी। अपनी किताब ‘जब मैं राष्ट्रपति था’ में तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमन ने लिखा है कि नरसिम्हा राव ने मुझसे कहा था कि वह ऐसे व्यक्ति को वित्त मंत्री बनाना चाहते हैं, जिसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं की जानकारी और अनुभव हो। वेंकटरमन ने आगे लिखा मैंने उन्हें दो नामों का सुझाव दिया था। जिसके बाद प्रधानमंत्री राव मनमोहन सिंह को वित्तमंत्री के रूप में चुना था।
डॉ. सिंह बने वित्तमंत्री
राजीव गांधी के हत्या के बाद देश में आर्थिक संकट को देखते हुए पीवी नरसिम्हा राव ने वित्त मंत्री के पद की जिम्मेदारी ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई करने वाले और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रहे मनमोहन सिंह को सौंप दी थी। मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री बनते ही देश की अर्थव्यवस्था में बड़े बदलाव किए थे। जिसको लेकर 24 जुलाई 1991 को बजट पेश करते हुए मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की थी।
अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी जमकर आलोचना
बता दें कि वित्तमंत्री बनने के बाद मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधारों को लेकर कई बड़े फैसले लिए थे। वहीं जब साल 1992 में वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने बजट पेश किया था। उस दौरान विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने उनके बजट और सरकार की जमकर आलोचना की थी। कहा जाता है कि अटल बिहारी की आलोचना से मनमोहन सिंह का गैर राजनीतिक मन ऐसा व्यथित हुआ था कि उन्होंने इस्तीफा देने का मन बना लिया था। उन्होंने नरसिम्हा राव के सामने भी इस्तीफे की पेशकश की थी।
जब अटल ने डॉ. सिंह को इस्तीफा देने से रोका
जानकारी के मुताबिक मनमोहन सिंह के इस्तीफा देने के बीच पर पूर्व पीएम नरसिम्हा राव चिंतित हो गये थे। उन्होंने इस विषय में अटल बिहारी वाजपेयी से आग्रह किया था कि वे मनमोहन सिंह से बात करें। इस बात को अटल जी ने तुरंत सीरियस लिया था और इसके बाद वाजपेयी ने मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी। अटल बिहारी वाजपेयी ने उन समय डॉ. सिंह ने ये कहा था कि वो विपक्ष की आलोचनाओं को निजी तौर पर न लें। उन्होंने डॉ. सिंह को समझाते हुए कहा था कि विपक्ष का काम तो आलोचना करना ही है। कहा जाता है कि यह सुनने के बाद मनमोहन सिंह ने अपना फैसला बदला था।
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