Delhi Assembly Elections 2025

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: इन सीटों पर होगी ‘तगड़ी’ लड़ाई , जानें AAP, BJP और कांग्रेस के बीच किसका पलड़ा है भारी?

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक बार फिर दिल्ली की सियासी ज़मीन पर AAP, BJP और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। चुनाव के दिन करीब आ रहे हैं और ये तीनों पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंकने में जुटी हुई हैं। अब सवाल ये है कि इस बार किस पार्टी की झोली में किस्मत सजेगी और कौन दिल्ली की सत्ता का नया राजा बनेगा? दिल्ली के अगले चुनाव में वो 15 सीटें सबसे ज्यादा अहम होने वाली हैं, जिन पर पहले के मुकाबले बेहद कम वोटों से फैसला हुआ था। अगर हम बात करें AAP, BJP और कांग्रेस की, तो इन तीनों का अलग-अलग हाल है, लेकिन जो भी हो, मुकाबला बेहद दिलचस्प होगा।

 दिल्ली की सियासत पर क्यों है AAP की मजबूत पकड़?

अगर दिल्ली विधानसभा के पिछले दो चुनावों की बात करें, तो आम आदमी पार्टी (AAP) ने शानदार प्रदर्शन किया। 2015 में AAP ने 70 में से 67 सीटों पर कब्जा जमाया था और 54.6% वोट शेयर हासिल किया था। 2020 में, AAP ने 62 सीटें जीतीं, हालांकि वोट शेयर थोड़ा घटकर 53.6% रह गया, लेकिन फिर भी पार्टी का दिल्ली में दबदबा कायम रहा। AAP की सबसे बड़ी ताकत उसकी नीतियों में जनता की बढ़ती हुई निष्ठा और पार्टी के कार्यकर्ताओं की मेहनत है। खासकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का ‘काम बोलता है’ वाला कैम्पेन तो दिल्ली की सियासत का अहम हिस्सा बन चुका है।

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क्या अबकी बार बदलेगा BJP का समीकरण?

अब बात करते हैं भारतीय जनता पार्टी (BJP) की, जो पिछले कुछ सालों से दिल्ली में अपना खोया हुआ गढ़ वापस पाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 32 सीटें जीती थीं, लेकिन 2015 में यह संख्या घटकर सिर्फ 3 रह गई थी। फिर भी पार्टी ने हार के बावजूद दिल्ली की सियासत में अपनी उपस्थिति बनाई रखी। 2020 के चुनाव में बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत हासिल की थी, और पार्टी अब अपनी रणनीतियों में बदलाव करने की कोशिश कर रही है। बीजेपी का कहना है कि उनका फोकस उन सीटों पर है जहां AAP और कांग्रेस के बीच का अंतर कम था। खासकर, अगर कांग्रेस का वोट शेयर थोड़ा बढ़ता है, तो बीजेपी को इसका फायदा मिल सकता है, क्योंकि दोनों पार्टियों के वोट बैंक में काफी समानताएं हैं।

बीजेपी को मिलेगा नया अध्यक्ष

कांग्रेस का क्या है भविष्य? 

अब हम बात करते हैं कांग्रेस की। कांग्रेस के लिए दिल्ली में राजनीतिक मैदान में लौटना उतना आसान नहीं होगा। 2015 और 2020 के चुनावों में कांग्रेस ने पूरी तरह से हार का सामना किया था और एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। 2013 में कांग्रेस के पास 8 सीटें थीं, लेकिन 2015 में वह संख्या शून्य हो गई थी। हालाँकि, कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता इस बार पूरी तरह से तैयार हैं। कांग्रेस का मानना है कि दिल्ली में उसकी वापसी हो सकती है, क्योंकि पार्टी के कुछ उम्मीदवारों ने पिछले चुनावों में अच्छे वोट पाए थे। पार्टी का दावा है कि इस बार वह दिल्ली के कुछ इलाकों में ज़बरदस्त जीत हासिल करेगी। हालांकि, बीजेपी और AAP के साथ मुकाबला करना अभी भी चुनौतीपूर्ण होगा। कांग्रेस की योजना है कि वह अपने पुराने वोट बैंक को फिर से जोड़ने की कोशिश करेगी और कई सीटों पर नतीजे पलट सकती है।

15 सीटों पर होगी तगड़ी जंग

अब हम आते हैं उन सीटों पर, जिन पर इस बार सबसे ज्यादा जोर डाला जा रहा है। 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में 15 ऐसी सीटें थीं, जहां जीत का अंतर 10,000 वोट से भी कम था। मतलब, उन सीटों पर हर पार्टी के लिए मौका है। AAP, BJP और कांग्रेस, तीनों पार्टी इस बार उन सीटों पर अपनी पूरी ताकत लगाने की तैयारी में हैं। खासकर AAP और BJP का फोकस उन सीटों पर है जहां पहले की तुलना में जीत का अंतर बहुत कम था। इस बार इन सीटों पर मुकाबला और भी तगड़ा होगा क्योंकि इन सीटों को जीतने वाले उम्मीदवार को अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से 30,000 से अधिक वोट मिले थे। यानी कि ये सीटें केवल एक तगड़े चुनाव प्रचार और मैदान में सक्रिय कार्यकर्ताओं के दम पर ही जीती जा सकती हैं।

कांग्रेस के वोट शेयर में बढ़ोतरी से बीजेपी को मिलेगा फायदा

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने तो ये तक कह दिया कि इस बार मुकाबला थोड़ा बदलेगा, खासकर उन सीटों पर जहां AAP ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। उनका कहना है कि अगर कांग्रेस का वोट शेयर थोड़ा भी बढ़ता है तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा। कांग्रेस और AAP के वोट बैंक में काफी समानताएं हैं, और इस बार अगर कांग्रेस थोड़ा बेहतर प्रदर्शन करती है, तो बीजेपी को इसका फायदा मिल सकता है।

 

विधानसभा चुनाव वर्ष AAP की सीटें BJP की सीटें कांग्रेस की सीटें AAP का वोट शेयर BJP का वोट शेयर कांग्रेस का वोट शेयर महत्वपूर्ण सीटें (जिन पर अंतर कम था)
2013 28 32 8 29.5% 32.2% 24.6% 6 (10,000 से कम वोटों का अंतर)
2015 67 3 0 54.6% 32.2% 9.6% 6 (10,000 से कम वोटों का अंतर)
2020 62 8 0 53.6% 38.5% 4.2% 15 (10,000 से कम वोटों का अंतर)

दिल्ली में होगी ‘तगड़ी’ लड़ाई

कांग्रेस की तरफ से एक दावा सामने आया है कि इस बार दिल्ली में नतीजे चौंकाने वाले होंगे। पार्टी के कई नेता मानते हैं कि इस बार कांग्रेस ने चुनावी रणनीति को पूरी तरह से बदल दिया है और वो कई सीटों पर जीत हासिल करेगी। कांग्रेस का कहना है कि उनकी मेहनत अब रंग लाएगी और पार्टी कई जगह पर AAP और बीजेपी को कड़ी टक्कर देगी। कांग्रेस ने यह भी कहा है कि वह सिर्फ नतीजों को प्रभावित नहीं करेगी, बल्कि कुछ सीटों पर तो जीत भी हासिल करेगी।

कुल मिलाकर दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार मुकाबला बहुत ही तगड़ा होगा। AAP, BJP और कांग्रेस तीनों दल अपनी-अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। जहां AAP अपनी सरकार को बनाए रखने की कोशिश करेगी, वहीं BJP अपनी खोई हुई ज़मीन वापस लेने के लिए पूरी तरह से जुटी है। कांग्रेस भी अपनी वापसी का दावा कर रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सा दल दिल्ली के सिंहासन पर बैठने में कामयाब होता है।

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