Sleep Apnea: स्लीप एपनिया एक गंभीर नींद विकार है जिसमें नींद के दौरान सांस बार-बार रुकती और शुरू होती है। इसके लक्षणों में तेज़ खर्राटे लेना, हवा के लिए हांफना, दिन में थकान और कम एकाग्रता शामिल हैं। यह (Sleep Apnea) मोटापा, उम्र, स्मोकिंग और कुछ अन्य बिमारियों के कारण होता है। यदि उपचार न किया जाए, तो स्लीप एपनिया हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और डायबिटीज जैसी जटिलताओं का कारण बन सकता है।
दुनिया भर में लगभग एक अरब लोग स्लीप एप्निया से पीड़ित हैं। इसमें लगभग 104 मिलियन भारतीय भी शामिल हैं। इस स्थिति का इलाज (Sleep Apnea Treatment) आमतौर पर निरंतर सकारात्मक वायुमार्ग दबाव या सीपीएपी मशीनों से किया जाता है जो सोते समय नाक और गले के माध्यम से दबाव वाली हवा प्रवाहित करने वाले मास्क के साथ आते हैं।
स्लीप एपनिया के इलाज को लेकर हुए दो पेटेंट
दिसंबर में, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन हॉस्पिटल्स एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के डॉक्टरों ने दो मरीजों को एक ऐप-नियंत्रित स्टिमुलेटर लगाया, जो जीभ में नसों को दबा देता है ताकि मरीज सोते समय निर्बाध रूप से सांस ले सकें। जेनियो नामक यह इम्प्लांट मेडटेक कंपनी निक्सोआह (Genio was devised by medtech company Nyxoah) द्वारा तैयार किया गया था।
दो तरह के होते हैं स्लीप एपनिया
मोटे तौर पर, स्लीप एपनिया दो प्रकार के होते हैं – ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (obstructive sleep apnea) और सेंट्रल स्लीप एपनिया (Central sleep apnea)। पहला वाला अधिक आम है और तब होता है जब गले की मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं और फेफड़ों में हवा के प्रवाह को अवरुद्ध कर देती हैं। इसके परिणामस्वरूप घुटन भरी आवाजें, तेज खर्राटे आना और रात में बार-बार जागना होता है। इसके घातक प्रभाव भी होते हैं, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक, डायबिटीज और यहां तक कि कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है, और शायद सबसे महत्वपूर्ण कार दुर्घटनाएं होती हैं, क्योंकि ऐसे मरीज़ अक्सर गाड़ी चलाते समय सो जाते हैं।
जेनियो जैसे चिप प्रत्यारोपण विशेष रूप से ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लिए होते हैं, जिनमें चार भाग होते हैं – न्यूरोस्टिम्यूलेटर, एक्टिवेशन चिप, चार्जिंग यूनिट और चिपकने वाला पैच।
रोस्टिम्यूलेटर को सर्जरी द्वारा डाला जाता है, और इसके इलेक्ट्रोड को हाइपोग्लोसल तंत्रिका के संपर्क में रखा जाता है जो जीभ को हिलाता है। रात में ठोड़ी के नीचे चिपकने वाले पैच के साथ एक बाहरी चिप लगाई जाती है। चिप सोते समय तंत्रिका को उत्तेजित करती है, जो जीभ को पीछे गिरने और ऊपरी वायुमार्ग को अवरुद्ध होने से रोकती है।
क्या है सेंट्रल स्लीप एपनिया का कारण और इलाज?
सेंट्रल स्लीप एपनिया तब होता है जब मस्तिष्क श्वास को नियंत्रित करने वाले डायाफ्राम को उचित संकेत नहीं भेजता है। दोनों प्रकार के लक्षण ओवरलैप होते हैं, जिनमें सोते समय हवा के लिए हांफना, अनिद्रा, दिन में नींद आना, सुबह सिरदर्द और चिड़चिड़ापन शामिल हैं।
इस बीमारी को लेकर पेंसिल्वेनिया की एक स्वास्थ्य सेवा कंपनी, एलेघेनी हेल्थ नेटवर्क, रेमेड इम्प्लांट लेकर आई है, जो एक पेसमेकर जैसा उपकरण है जो विशेष रूप से सेंट्रल स्लीप एपनिया रोगियों (Central Sleep Apnea Patients) के लिए बनाया गया है। इसका पहला प्रत्यारोपण दिसंबर 2023 में पिट्सबर्ग में किया गया था। यह सिस्टम रोगी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने, दिन की नींद को कम करने और सांस लेने में रुकावट को कम करने के लिए चिकित्सकीय रूप से कारगर है।
स्लीप एपनिया के एक दवा को भी मिली है मंजूरी
अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (USFDA) ने हाल ही में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के इलाज के लिए पहली दवा को मंजूरी दे दी है। यह वज़न कम करने वाली दवा है जिसे ज़ेपबाउंड (टिर्ज़ेपेटाइड) कहा जाता है, जो लोगों को वायुमार्ग के आसपास फैट कम करने में मदद करती है, जिससे उनकी सांस लेने में रुकावट की संख्या कम हो जाती है।
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