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नीतीश और तेजस्वी की मुस्कान में छिपा है बिहार की सियासत का बड़ा उलटफेर?

बिहार की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से हलचल मची हुई है, और अब एक तस्वीर ने उस हलचल को और बढ़ा दिया है। इस तस्वीर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक दूसरे से मिले और एक दूसरे का हाथ थामते हुए मुस्कुरा रहे हैं। इस फोटो के सामने आने के बाद, बिहार की राजनीति में एक नई अटकलें शुरू हो गई हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि यह तस्वीर किसी बड़े राजनीतिक बदलाव की ओर इशारा कर रही है, तो कुछ इसे सिर्फ एक सामान्य मुलाकात मान रहे हैं।

नीतीश और तेजस्वी की मुलाकात: क्या है इसकी असल मंशा?

यह तस्वीर उस दिन की है जब बिहार के नए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शपथ ली। इस समारोह में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच जो मित्रवत मुलाकात हुई, उसने राज्य में चल रही राजनीतिक अटकलों को और हवा दे दी है। तस्वीर में नीतीश कुमार तेजस्वी के कंधे पर हाथ रखते हुए उन्हें शुभकामनाएं देते नजर आ रहे हैं, वहीं तेजस्वी उनके सामने हाथ जोड़कर अभिवादन करते हैं। इस दृश्य को लेकर अब राजनीति में तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है।

लालू यादव के बयान ने किया राजनीतिक पारा गर्म

इस तस्वीर के सामने आने से पहले, लालू यादव के नीतीश कुमार को लेकर दिए गए बयान ने बिहार की सियासत में गहमागहमी शुरू कर दी थी। लालू यादव ने हाल ही में कहा था कि नीतीश कुमार के लिए उनके दरवाजे खुले हैं, और यदि वह आना चाहें तो उनका स्वागत किया जाएगा। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि यदि नीतीश कुमार साथ आएं तो उन्हें साथ लिया जाएगा। इस बयान के बाद राज्य में यह चर्चा शुरू हो गई कि कहीं नीतीश कुमार और आरजेडी के बीच किसी नए गठबंधन की तैयारी तो नहीं हो रही।

तेजस्वी यादव का बयान: मीडिया की अटकलों को खारिज किया

लालू यादव के बयान के बाद तेजस्वी यादव ने इसे सिर्फ मीडिया की कयासबाजी करार दिया। उन्होंने कहा कि यह बयान मीडिया को शांत करने के लिए था और इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। तेजस्वी ने यह भी कहा कि जो कुछ भी कहा गया था, वह मीडिया में भ्रामक तरीके से प्रस्तुत किया गया है।

राजद के अंदर क्या हो रहा है? 

तेजस्वी यादव के इस बयान को लेकर अब एक नई बहस शुरू हो गई है। कुछ लोगों का कहना है कि तेजस्वी के इस बयान के बाद क्या यह संकेत है कि राजद के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा? क्या राजद में नीतीश कुमार के साथ रिश्ते को लेकर कोई विवाद चल रहा है? एक तरफ जहां लालू यादव ने नीतीश को दोस्ती का प्रस्ताव भेजा, वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी ने इसे हल्के में लिया। क्या यह राजद के भीतर की असहमति को दर्शाता है?

नीतीश कुमार ने लालू यादव के बयान को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि लालू यादव के बयान को ज्यादा तवज्जो देने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जो लालू बोलते हैं, वह मायने नहीं रखते। नीतीश ने इस पर यह भी कहा कि उनकी पार्टी और उनकी सरकार अपनी दिशा में पूरी तरह से स्पष्ट है।

ललन सिंह ने एनडीए के साथ रहने की बात दोहराई

बिहार के केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा कि हमारे लिए कोई भ्रम नहीं है। उन्होंने साफ कहा कि जेडीयू और एनडीए के बीच कोई मतभेद नहीं हैं, और हमारी पार्टी मजबूती से एनडीए के साथ ही रहेगी। ललन सिंह ने यह भी कहा कि यह लालू यादव का व्यक्तिगत बयान था और इससे हमारी राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

सम्राट चौधरी का तंज: लालू यादव को हो सकता है डर

बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने लालू यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लगता है लालू यादव डर गए हैं। उनका कहना था कि नीतीश कुमार के पास उनके बारे में काफी जानकारी है और शायद यही कारण है कि लालू ने ऐसा बयान दिया। सम्राट ने यह भी कहा कि यह बयान किसी डरी हुई पार्टी के नेता का हो सकता है और इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता।

विजय कुमार चौधरी का स्पष्टीकरण: कन्फ्यूजन सिर्फ आरजेडी में है

नीतीश कुमार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि आरजेडी के अंदर ही यह कन्फ्यूजन है, क्योंकि एक तरफ के नेता यह कह रहे हैं कि दरवाजे बंद हैं, वहीं दूसरे नेता कह रहे हैं कि दरवाजा खुला है। विजय चौधरी ने स्पष्ट किया कि जेडीयू अपनी जगह पर मजबूत है और कहीं भी कोई कन्फ्यूजन नहीं है।

बिहार की सियासत में क्या हो रहा है?

अब तक की राजनीतिक घटनाओं से साफ होता है कि बिहार की राजनीति में अभी भी कुछ नया घटित हो सकता है। हालांकि, इस समय कोई भी पक्ष यह स्वीकार करने को तैयार नहीं है कि जेडीयू और राजद के बीच कोई गठबंधन हो रहा है, लेकिन तस्वीरें और बयानों के बीच जो हलचल है, वह निश्चित ही इस बात का संकेत देती है कि बिहार की सियासत में कुछ बड़ा हो सकता है। अब देखना होगा कि इन राजनीतिक बयानबाजियों और तस्वीरों के बाद बिहार में राजनीति किस दिशा में जाएगी।

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