POK को लेकर गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा संकेत, कहा – ‘हमने जो गंवाया उसे जल्द करेंगे हासिल’

जम्मू-कश्मीर आज विकास की ओर अग्रसर है। गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली में जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख: सातत्य और संबद्धता का ऐतिहासिक वृत्तांत नाम की किताब के विमोचन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के दौरान ये बात कही। उन्होंने कहा कि आज कश्मीर एक बार फिर से हमारे भूसांस्कृतिक राष्ट्र भारत का अभिन्न अंग बना है, जिसके साथ ही कश्मीर भारत के साथ ही विकास के रास्ते पर चल पड़ा है। लेकिन इस दौरान अमित शाह ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर ( पीओके) को लेकर बड़ा संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि जो गंवाया है, जो जल्द करेंगे हासिल।

भारत ने जो गंवाया उसे जल्द करेंगे हासिल

गृहमंत्री अमित शाह ने J&K and Ladakh Through the Ages पुस्तक के विमोचन के मौके पर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर ( पीओके) को लेकर एक बार फिर बड़ा संकेत दिया है। किताब के विमोचन पर उन्होंने कहा कि हमने  जो गंवाया है, जो जल्द हासिल करेंगे। इस दौरान उन्होंने किताब को लेकर विस्तार से बातचीत भी कही है।

लुटियंस दिल्ली में बैठकर नहीं लिखा जाता है इतिहास

गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर दौरे के दौरान कहा कि कश्मीर भारत का हिस्सा था है और रहेगा। उन्होंने कहा कि कश्मीर को अलग करने का प्रयास किया गया था, लेकिन अब हमारी सरकार ने उस बाधा को हटा दिया है। उन्होंने इस दौरान कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इतिहास लुटियंस दिल्ली में बैठकर नहीं जाता है, उन्होंने कहा कि उसको जाकर समझना पड़ता है।

कश्यप की भूमि है कश्मीर

अमित शाह ने इस दौरान कहा कि शासकों को खुश करने के लिए इतिहास लिखने का वक्त जा चुका है। उन्होंने कहा कि मैं भारत के इतिहासकारों से अपील करता हूं कि प्रमाण के आधार पर इतिहास को लिखें। गृहमंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि हम जानते हैं कि कश्मीर को कश्यप की भूमि के नाम से जाना जाता है, उन्होंने कहा कि शायद हो सकता है कि उनके नाम से कश्मीर का नाम पड़ा हो।

कश्मीर से कन्याकुमारी एक भारत

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी एक भारत है। उन्होंने कश्मीर को लेकर कहा कि यहां पर लोकतंत्र प्रस्थापित हुआ है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि जो कुछ भी हमने गंवाया है, वो हम जल्द हासिल करेंगे। इस दौरान अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर एंव लद्दाख: सातत्य और सम्बद्धता का ऐतिहासिक वृतांत पुस्तक के विमोचन भी किया है।

10 हजार साल पुरानी है कश्मीर की संस्कृति

गृह मंत्री अमित शाह ने कार्यक्रम के दौरान 10 हजार साल पुरानी संस्कृति और इतिहास का भी विस्तार से जिक्र किया है। उन्होंने इस दौरान कहा कि गुलामी के दौर में हमारे गौरवशाली इतिहास को साजिश के तहत मिटा दिया गया था। वहीं उन्होंने जम्मू-कश्मीर एंव लद्दाख: सातत्य और सम्बद्धता किताब का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें बौद्ध धर्म की यात्रा का भी उल्लेख किया गया है। इसके साथ इस किताब में सिंधु-सरस्वती सभ्यता का भी उल्लेख किया गया है। इस दौरान अमित शाह ने कहा कि यह पुस्तक बताती है कि बौद्ध धर्म के जो सिद्धांत प्रतिस्थापित किया था, उनकी जन्मभूमि भी कश्मीर ही थी।

ये भी पढ़ें:कौन थे महर्षि कश्यप, जिनके नाम पर बना कश्मीर?