BPSC छात्रों की मांगों को लेकर जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रशांत किशोर, पटना के गांधी मैदान में धरने पर बैठे हैं। इस दौरान पटना जिला प्रशासन ने उन्हें नोटिस भेजा है। प्रशासन ने पीके को गांधी मैदान से गर्दनीबाग स्थित धरनास्थल पर जाने के लिए कहा है। प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। प्रशासन का कहना है कि पीके ने बिना अनुमति के धरना शुरू किया है, और उन्होंने पटना हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए बताया कि धरना-प्रदर्शन के लिए गर्दनीबाग को चिन्हित किया गया था।.
नीतीश कुमार को सिर्फ अपनी कुर्सी की चिंता- PK
पटना प्रशासन के नोटिस पर पीके ने कहा कि छात्रों के साथ खड़ा होना कोई राजनीति नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि नीतीश कुमार को सिर्फ अपनी कुर्सी की चिंता है। हम राजनीति करते हैं, फुल टाइम राजनीति करते हैं, तो क्या ये अधिकार सिर्फ नीतीश कुमार को है? उन्होंने ये सवाल भी उठाया कि नीतीश कुमार ने कोरोना के समय लोगों की मदद क्यों नहीं की थी? क्योंकि उन्हें काम नहीं करना था, उन्हें तो सिर्फ सत्ता और कुर्सी की चिंता थी।.
‘दलाल आधे से ज्यादा पदों के लिए कर चुके डील’
बिहार के हर जिले और गली-मोहल्ले में एक चर्चा जोरों पर है। लोग कह रहे हैं कि यहां के शिक्षा के दलाल आधे से ज्यादा पदों के लिए डील कर चुके हैं। हालांकि, इसका कोई पुख्ता सबूत नहीं है, तो फिर एग्जाम क्यों होंगे? पीके ने मीडिया से कहा कि जो सवाल आपको मुख्य सचिव से पूछने चाहिए थे, वो आप हमसे पूछ रहे हैं। 5 सूत्री मांगों पर पीके ने साफ कहा कि जब सरकार बातचीत करेगी, तब ही वे बात करेंगे। उनका अनशन जारी रहेगा।
क्यों हुआ विवाद?
बीपीएससी के अभ्यर्थियों की मांग है कि प्रारंभिक परीक्षा रद्द कर फिर से नई परीक्षा आयोजित की जाए। साथ ही, उनका कहना है कि यदि सभी एग्जाम एक साथ हो रहे हैं, तो रिजल्ट भी एक साथ ही जारी किया जाए। हालांकि, आयोग ने केवल पटना के एक सेंटर पर परीक्षा रद्द की है और अब 4 जनवरी को वहां फिर से परीक्षा होगी। इस मुद्दे को लेकर बीपीएससी के छात्र पटना में रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे सचिवालय हॉल्ट के पास रेलवे ट्रैक पर ट्रेन रोकने की कोशिश कर रहे थे। इस विरोध में पीके भी छात्रों के साथ खड़े हैं।
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