पीएम मोदी ने अजमेर शरीफ दरगाह पर भेजी चादर, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू चादर लेकर पहुंचेंगे अजमेर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजामुद्दीन औलिया दरगाह के लिए चादर भेजी है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू आज यानी शुक्रवार की सुबह पीएम मोदी द्वारा भेजी गई चादर को लेकर निजामुद्दीन औलिया दरगाह पहुंचे हैं। इसके बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू 4 जनवरी को अजमेर शरीफ जाकर भी चादर चढ़ाएंगे।

पीएम मोदी ने भेजी चादर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती 813वें उर्स के मौके पर अजमेर शरीफ दरगाह के लिए चादर भेजी है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर भेजते हैं। पीएम मोदी की तरफ से शुक्रवार को चादर लेकर निजामुद्दीन औलिया दरगाह पहुंचे केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि निजामुद्दीन औलिया की दरगाह में आना हमारे लिए किस्मत की बात है। उन्होंने इस दौरान कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से दी गई चादर अजमेर शरीफ जाएगी। उन्होंने कहा कि इस चादर को हम निजामुद्दीन औलिया की दरगाह से होते हुए लेकर जाएंगे। जानकारी के मुताबिक केंद्रीय मंत्री रिजिजू के साथ अल्पसंख्यक मंत्रालय के सीनियर अधिकारी भी अजमेर शरीफ जाएंगे।

 

अजमेर शरीफ में चादर चढ़ाएंगे रिजिजू

बता दें कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू 4 जनवरी को ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती 813वें उर्स के मौके पर अजमेर शरीफ जाकर वहां चादर चढ़ाएंगे। इसकी जानकारी खुद किरेन रिजिजू ने दी है। उन्होंने कहा कि हम पीएम मोदी के भाईचारे का संदेश लेकर अजमेर शरीफ जाएंगे। उन्होंने निजामुद्दीन औलिया दरगाह आने के बाद कहा कि अब अजमेर जाने का रास्ता आसान हो जाएगा। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के मौके पर कहा कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के अवसर पर सभी को मुबारकबाद, यह अवसर सभी के जीवन में खुशहाली और शांति लेकर लाए।

पीएम मोदी ने किरेन रिजिजू को सौंपी चादर

बता दें कि केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने एक्स पर एक फोटो शेयर की है। जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी उन्हें और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दिकी को अजमेर दरगाह के लिए चादर दे रहे हैं। इस फोटो के साथ उन्होंने लिखा कि यह भाव भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत, सद्भाव और करुणा के स्थायी संदेश के लिए पीएम मोदी के गहरे सम्मान को दर्शाता है। बता दें कि सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की पुण्य तिथि के उपलक्ष्य में अजमेर में उनकी दरगाह पर हर साल उर्स आयोजित किया जाता है।

दरगाह के नीचे मंदिर का दावा

इससे पहले भी दरगाह को लेकर बड़ा दावा किया गया था। दरअसल एक हिंदू संगठन ने सूफी दरगाह के नीचे एक मंदिर होने का दावा किया था। जिसके बाद उस संगठन ने इस मामले को लेकर कोर्ट का रुख किया था। हालांकि हाई कोर्ट ने देश के विभिन्न हिस्सों में दायर ऐसी याचिकाओं पर किसी भी अदालती कार्रवाई पर रोक लगा दी है।

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