यूपी सरकार में हंगामा! आशीष पटेल के बाद अनुप्रिया पटेल ने भी उठाए STF पर सवाल

उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार में इन दिनों एक बड़ा विवाद मचा हुआ है। उत्तर प्रदेश सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग के मंत्री आशीष पटेल ने उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके बाद, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी इस विवाद में कूदते हुए इशारों-इशारों में योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल उठाए हैं।

यह मामला कुछ दिनों से विवादों में है, और इसकी वजह बनी है विभाग में हुई कथित गड़बड़ियों के आरोप। पल्लवी पटेल, समाजवादी पार्टी की विधायक, ने आरोप लगाया था कि तकनीकी शिक्षा विभाग में नियुक्तियों को लेकर गड़बड़ियां हुई हैं। इसी आरोप के बाद आशीष पटेल ने STF पर अपनी आक्रोशित प्रतिक्रिया दी, और अब अनुप्रिया पटेल का बयान सामने आया है।

आशीष पटेल ने STF पर लगाए गंभीर आरोप

आशीष पटेल ने हाल ही में मीडिया को बयान देते हुए कहा था कि उनका मीडिया ट्रायल किया जा रहा है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर उनके खिलाफ कोई दुर्घटना या षड्यंत्र हुआ, तो इसके लिए पूरी जिम्मेदारी यूपी STF की होगी। पटेल ने कहा, “मैंने जो भी फैसले लिए, वे बिल्कुल सही हैं। किसी को मेरी छवि धूमिल करने का कोई अधिकार नहीं है।”

उनके मुताबिक, ये सब एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है, और लगातार उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। आशीष पटेल ने दावा किया कि सभी प्रमोशन ईमानदारी से किए गए थे और किसी प्रकार की अनियमितता नहीं थी।

अनुप्रिया पटेल

अनुप्रिया पटेल ने भी किया समर्थन

आशीष पटेल के बयान के बाद उनकी पत्नी और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी मीडिया में बयान दिया। अनुप्रिया पटेल ने बिना किसी का नाम लिए हुए कहा, “आप लोग जानते हैं कि ये सब किसके इशारे पर हो रहा है। मंत्री जी ने जो कहा, वह बिल्कुल सच है।” उनका इशारा साफ तौर पर योगी आदित्यनाथ सरकार की तरफ था।

अनुप्रिया ने कहा, “हमारी पार्टी अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं की प्रतिष्ठा पर हमला नहीं होने देगी। अगर कोई यह समझता है कि झूठे आरोप लगाकर हमारी पार्टी की छवि खराब कर सकता है, तो यह उसकी गलतफहमी है। हम किसी भी षड्यंत्र का जवाब देना जानते हैं।”

मामला क्या है?

इस विवाद की शुरुआत समाजवादी पार्टी की विधायक पल्लवी पटेल ने की थी। पल्लवी पटेल ने आरोप लगाया कि तकनीकी शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष के पदों पर हुई नियुक्तियां गलत तरीके से की गईं और पुराने नियमों का हवाला देकर प्रमोशन दिए गए। उनका आरोप था कि 250 से ज्यादा लेक्चरर्स को अवैध प्रमोशन दिए गए और उन्हें प्रिंसिपल बना दिया गया।

इसी मामले में पल्लवी पटेल ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की और जांच की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में पदोन्नति नियमों का उल्लंघन हुआ है और अयोग्य उम्मीदवारों को होड के पदों पर प्रमोट किया गया है।

 समाजवादी पार्टी की विधायक पल्लवी पटेल

आशीष पटेल का प्रतिक्रिया

आशीष पटेल ने 31 दिसंबर को सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर कहा था कि विभागीय प्रमोशन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं है। उनके मुताबिक, यह प्रमोशन प्रमुख सचिव एम देवराज की अध्यक्षता में हुई समिति की सिफारिश के आधार पर किया गया। आशीष पटेल ने आरोप लगाया कि मीडिया में उनके खिलाफ चल रहे ट्रायल का कोई आधार नहीं है और अगर यह गलत है तो सरकार को इसे सीबीआई जांच के लिए सौंप देना चाहिए।

आशीष पटेल ने यह भी कहा कि अगर विभागीय प्रमोशन में कुछ गलत है तो सूचना विभाग को इसका स्पष्टीकरण देना चाहिए, क्योंकि यह मुख्यमंत्री के अधीन आता है। हालांकि, इस पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

मामला तूल पकड़ता जा रहा है

यह मामला अब केवल एक विभागीय विवाद से कहीं ज्यादा बड़ा बन चुका है। आशीष पटेल और अनुप्रिया पटेल दोनों ने आरोपों का बचाव किया है और इसके पीछे किसी बड़ी साजिश को बताया है। वहीं, विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर यूपी सरकार को घेर लिया है और पूरे मामले की जांच की मांग कर रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषक इस मामले को यूपी की राजनीति में एक अहम मोड़ मान रहे हैं। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और ज्यादा खुलासे हो सकते हैं, जो यूपी सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।

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