चीन में एक नए वायरस (HMPV) के मामलों की खबरों के बीच भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली है। कर्नाटका के बेंगलुरु में एचएमपीवी वायरस के दो मामले सामने आने के बाद, बाजार में खलबली मच गई। सेंसेक्स 1,100 अंक से ज्यादा गिर गया, वहीं निफ्टी में भी लगभग 1.4 फीसदी की कमी आई। इस गिरावट के चलते निवेशकों के 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा डूब गए हैं। तो आइए, जानते हैं कि कैसे एचएमपीवी वायरस ने शेयर बाजार को हिलाकर रख दिया।
कोविड के बाद फिर से एक और वायरस
कभी कोविड-19 ने दुनिया भर में दहशत मचाई थी और अब एक और वायरस एचएमपीवी ने निवेशकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। कर्नाटका के बेंगलुरु में इस वायरस के दो मामले सामने आने के बाद शेयर बाजार में बिकवाली का सिलसिला शुरू हो गया।
शेयर बाजार में यह गिरावट इतनी जबरदस्त रही कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 1,100 अंक तक गिरकर 77,959.95 अंक पर आ गया। यह गिरावट तब आई है जब सेंसेक्स आज सुबह मामूली तेजी के साथ 79,281.65 अंक पर खुला था। वहीं, पिछले कारोबारी दिन सेंसेक्स 79,223.11 अंक पर बंद हुआ था। इसका मतलब यह है कि लगातार दो दिन में सेंसेक्स में करीब 1,983 अंक की गिरावट आई है।
सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का प्रमुख सूचकांक निफ्टी भी पीछे नहीं रहा। इसमें भी 1.4 फीसदी तक की गिरावट आई। निफ्टी इस गिरावट के बाद 23,601.50 अंक पर ट्रेड कर रहा था, जबकि पिछले कारोबारी दिन यह 24,004.75 अंक पर बंद हुआ था। इसका मतलब है कि दो दिनों में निफ्टी में 587 अंक की गिरावट आई है।
शेयर बाजार में यह भारी गिरावट सीधे तौर पर निवेशकों की जेब पर पड़ी है। सेंसेक्स का मार्केट कैप शुक्रवार को 4,49,78,130.12 करोड़ रुपए था, लेकिन यह घटकर 4,39,44,926.57 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इससे साफ है कि कुछ घंटों के अंदर निवेशकों के 10 लाख करोड़ से ज्यादा डूब गए हैं।
अगर बात करें पिछले दो कारोबारी सत्रों की तो इस दौरान निवेशकों को 11 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इससे यह साबित हो गया है कि बाजार में डर का माहौल है और यह वायरस की खबरों के कारण हुआ है।
पिछले 9 दिनों में भारतीय शेयर बाजार का हाल
दिनांक | सेंसेक्स (BSE) | निफ्टी (NSE) | सेंसेक्स में गिरावट (अंकों में) | निफ्टी में गिरावट (अंकों में) |
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23 दिसंबर 2024 | 79,900.23 अंक | 24,200.50 अंक | +99.73 अंक | +49.60 अंक |
24 दिसंबर 2024 | 79,500.50 अंक | 24,100.75 अंक | -399.73 अंक | -99.75 अंक |
25 दिसंबर 2024 | 79,000.00 अंक | 24,000.00 अंक | -500.50 अंक | -100.75 अंक |
26 दिसंबर 2024 | 78,800.75 अंक | 23,900.50 अंक | -199.25 अंक | -99.50 अंक |
29 दिसंबर 2024 | 79,400.50 अंक | 24,100.75 अंक | +599.75 अंक | +201.25 अंक |
30 दिसंबर 2024 | 79,200.00 अंक | 24,050.25 अंक | -200.50 अंक | -50.50 अंक |
31 दिसंबर 2024 | 79,500.75 अंक | 24,200.50 अंक | +300.75 अंक | +150.25 अंक |
2 जनवरी 2025 | 79,223.11 अंक | 24,004.75 अंक | -700.60 अंक | -183.90 अंक |
5 जनवरी 2025 | 77,959.95 अंक | 23,601.50 अंक | -1,100 अंक | -403.25 अंक |
मिडकैप और स्मॉलकैप में बिकवाली
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी बिकवाली का दौर जारी है। खासकर पीएसयू बैंकों, रियल एस्टेट कंपनियों और तेल-गैस कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी जा रही है। जैसे कि बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी और केनरा बैंक के शेयरों में 4 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई। वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में भी काफी गिरावट आई है। इन दिग्गज कंपनियों के शेयरों में गिरावट ने बाजार को और कमजोर किया है।
दिग्गज कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट
बाजार में सबसे ज्यादा गिरावट टाटा स्टील और अडानी ग्रुप के शेयरों में देखने को मिली है। टाटा स्टील के शेयर 4.21 फीसदी तक गिर गए। वहीं, बीपीसीएल के शेयर 3.44 फीसदी, अडानी इंटरटेनमेंट के शेयर 3.30 फीसदी और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर 3 फीसदी से ज्यादा गिर गए हैं। इन गिरावटों के कारण निवेशकों को और बड़ा नुकसान हुआ।
क्यों हो रही है गिरावट?
यह गिरावट वायरस के डर के कारण हो रही है। एचएमपीवी वायरस को लेकर खबरें आने के बाद बाजार में डर का माहौल बन गया है। हालांकि, इस वायरस का असर अभी बहुत बड़ा नहीं हुआ है, लेकिन बाजार में इसे लेकर चिंता है कि कहीं यह बड़ी महामारी न बन जाए।
एचएमपीवी (Human Metapneumovirus) एक वायरस है, जो आमतौर पर श्वसन (respiratory) समस्याओं का कारण बनता है। यह वायरस खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक हो सकता है। हालांकि, अभी तक भारत में इस वायरस का असर ज्यादा नहीं देखा गया था, लेकिन बेंगलुरू में मामले सामने आने के बाद इसकी चिंता बढ़ गई है।
क्या करें निवेशक?
शेयर बाजार में इस समय घबराहट का माहौल है, लेकिन यह निवेशकों के लिए समय नहीं है कि वे अपनी पूरी पूंजी निकाल लें। निवेशकों को यह समझने की जरूरत है कि यह बाजार में उतार-चढ़ाव का हिस्सा है। ऐसे समय में उन्हें धैर्य रखने की आवश्यकता है और धीरे-धीरे सही कंपनियों में निवेश करना चाहिए।
बाजार में राहत कब आएगी?
जब तक वायरस की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं आती, तब तक शेयर बाजार में गिरावट की आशंका बनी रह सकती है। लेकिन समय के साथ बाजार की स्थिति सुधरने की उम्मीद भी है। अगर एचएमपीवी वायरस के मामले ज्यादा नहीं बढ़ते, तो बाजार जल्दी संभल सकता है। इस बीच, निवेशकों को बाजार की पल-पल की खबर पर नजर रखनी चाहिए और सही समय पर फैसले लेने चाहिए।
क्या है एचएमपीवी वायरस?
एचएमपीवी (Human Metapneumovirus) एक वायरस है जो सामान्यत: सांस से संबंधित बीमारियों का कारण बनता है। यह खासकर बच्चों और बुजुर्गों में गंभीर रूप से असर करता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के छींकने, खांसने या शारीरिक संपर्क से फैल सकता है। हालांकि, इसका भारत में अब तक बहुत बड़ा असर नहीं देखा गया था, लेकिन बेंगलुरू में इसके मामले सामने आने के बाद से इसकी चिंता बढ़ गई है।