भारत ने अफगानिस्तान में विकास परियोजनाओं में फिर से मदद करने की संभावना जताई है। दो दिन पहले भारत ने अफगानिस्तान पर हुए पाकिस्तान के हमले की कड़ी निंदा की थी।
अब विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने तालिबान सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमीर खान मुतक्की से दुबई में मुलाकात की। यह मुलाकात खास इसलिए है क्योंकि अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद यह पहली बार है जब भारतीय विदेश सचिव ने तालिबान के किसी मंत्री से बातचीत की है।
भारत-अफगान रिश्तों की नई शुरुआत
Foreign Secy @VikramMisri met Acting Foreign Minister of Afghanistan Mawlawi Amir Khan Muttaqi in Dubai today.
Both sides discussed 🇮🇳’s ongoing humanitarian assistance to Afghanistan, bilateral issues and security situation in the region. India reiterated its commitment to… pic.twitter.com/a3UyuIqkAG
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) January 8, 2025
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मुतक्की ने भरोसा दिया है कि उनकी सरकार भारत की सुरक्षा चिंताओं को लेकर पूरी तरह संवेदनशील है। भारत और अफगानिस्तान के बीच हुई इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। संकेत मिल रहे हैं कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद जिन भारतीय परियोजनाओं का काम रुक गया था, अब उन्हें फिर से शुरू किया जा सकता है।
इसके साथ ही भारत अफगानी नागरिकों के लिए अनाज और दवाओं की नई खेप भेजने की तैयारी में है। भारत, पाकिस्तान से लौट रहे शरणार्थियों को अफगानिस्तान में बसाने में भी मदद करेगा। यह बैठक ऐसे समय पर हुई है जब अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो चुके हैं।
पाक-अफ़ग़ान की अनबन
- पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के कुछ इलाकों पर हमला करते हुए दावा किया है कि वहां आतंकियों के ठिकाने हैं। इस हमले में कई महिलाएं और बच्चे मारे गए हैं। जवाब में अफगान सरकार ने भी पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों पर हमला किया है।
- इस बीच, बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाए जाने के बाद, पाकिस्तान वहां अपनी गतिविधियां बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। वहीं, भारत और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के बीच बढ़ती नजदीकियां आने वाले समय में बड़े असर डाल सकती हैं।
भारत ने चला दांव
अगस्त 2021 में जब तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता अपने हाथ में ली थी, तब पाकिस्तान में जश्न का माहौल था, जबकि भारत के लिए यह एक चिंताजनक स्थिति थी। लेकिन अब हालात बदलते हुए नजर आ रहे हैं।
हाल ही में भारत और अफगानिस्तान के बीच हुई एक बैठक में अफगानी प्रतिनिधियों ने भारत की सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को गंभीरता से समझने का संकेत दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बताया कि इस बैठक में भारत के विदेश सचिव और अफगान विदेश मंत्री ने द्विपक्षीय संबंधों और आपसी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
चाहबार पोर्ट पर भी हुई बात
भारत और अफगानिस्तान के बीच आपसी सहयोग पर चर्चा हुई है। दोनों देशों ने एक-दूसरे के साथ व्यापार बढ़ाने और विकास परियोजनाओं को आगे ले जाने पर सहमति जताई है। इसके तहत चाबहार पोर्ट का उपयोग करने पर भी बात की गई है।
भारत ने अफगानिस्तान को स्वास्थ्य क्षेत्र में मदद देने का वादा किया है, खासकर वहां आने वाले शरणार्थियों के पुनर्वास में। इसके अलावा, क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए भी भारत मदद करेगा, ताकि अफगान युवाओं में इस खेल को लेकर रुचि बढ़े।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत अफगानिस्तान के आग्रह पर यह सभी प्रयास कर रहा है। भविष्य में भी दोनों देशों के बीच लगातार संपर्क बनाए रखने पर सहमति बनी है।