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कनाडा में प्रधानमंत्री बनने के लिए 3 करोड़ रुपये की एंट्री फीस, लिबरल पार्टी ने बदला नियम!

कनाडा में एक बड़ा राजनीतिक बदलाव हो रहा है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के अचानक इस्तीफे के बाद अब वहां नए प्रधानमंत्री की तलाश शुरू हो गई है। यह काम आसान नहीं होने वाला है क्योंकि सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी ने अपने नए नेता को चुनने के लिए 9 मार्च को एक बड़ी बैठक बुलाई है। इसी बैठक में पार्टी तय करेगी कि कौन देश का अगला प्रधानमंत्री बनेगा। इस रेस में भारतीय मूल के दो नेताओं समेत कई और दिग्गज नेता भी शामिल हैं।

अब पीएम पद के लिए दावेदारी की एंट्री फीस बढ़ी

अगर आप सोच रहे हैं कि पीएम बनने के लिए सिर्फ कड़ी मेहनत और राजनीति की समझ होनी चाहिए, तो आप गलत हैं। इस बार, लिबरल पार्टी ने पीएम पद के लिए एंट्री फीस बढ़ा दी है। अब यह फीस 350,000 डॉलर यानी करीब 3 करोड़ रुपये होगी। यह पिछली बार से कहीं ज्यादा है। पिछली बार पार्टी ने इस फीस को सिर्फ 75,000 डॉलर रखा था। अब उम्मीदवारों को अपनी जेब काफी ढीली करनी पड़ेगी, ताकि वे इस रेस में भाग ले सकें।

एंट्री फीस जमा करने की आखिरी तारीख: 23 जनवरी

अगर आप इस रेस में शामिल होना चाहते हैं, तो आपको 23 जनवरी तक अपनी मंशा जाहिर करनी होगी और फीस भी भरनी होगी। इसके बाद, 27 जनवरी तक उम्मीदवार अपनी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इस रेस में भाग लेने के लिए कुछ शर्तें हैं। जिन लोगों की उम्र 14 साल से ज्यादा है और जो कनाडा के नागरिक या स्थायी निवासी हैं, वही वोटिंग में शामिल हो सकते हैं।

लिबरल पार्टी के नए लीडर को चुनने का तरीका

लिबरल पार्टी नेशनल काउंसिल की बैठक में 9 मार्च को तय करेगी कि पार्टी का अगला नेता कौन होगा। यह वही नेता होगा जो कनाडा का अगला प्रधानमंत्री बनेगा। इस वोटिंग में भाग लेने के लिए कुछ खास शर्तें रखी गई हैं। पहले, पार्टी के बाहर के लोग भी वोट दे सकते थे, लेकिन अब यह व्यवस्था बदल गई है। अब केवल वही लोग वोट दे पाएंगे, जो कनाडा के नागरिक या स्थायी निवासी होंगे।

भारतीय मूल के नेता भी पीएम पद की रेस में

कनाडा में भारतीय मूल के कई नेता राजनीति में अच्छी पकड़ रखते हैं, और अब इनमें से दो नेताओं ने प्रधानमंत्री बनने के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। इनमें से एक हैं अनीता आनंद, जो पहले ही अपना नाम घोषणा कर चुकी हैं। दूसरी तरफ, चंद्र आर्य भी पीएम पद की रेस में हैं। चंद्र आर्य लिबरल पार्टी के नेता हैं और ओटावा से सांसद भी हैं। इसके अलावा, कई और बड़े नेता जैसे विदेश मंत्री मेलानी जोली, इनोवेशन मंत्री फ्रांकोइस-फिलिप शैम्पेन, और जोनाथन विल्किंसन भी इस रेस में शामिल होने की इच्छा रखते हैं। हालांकि, ये सभी नेता पहले पार्टी के नए नियमों का अध्ययन करना चाहते हैं।

क्या नेताओं को अपने पद से इस्तीफा देना होगा?

पार्टी कार्यकारिणी की तरफ से अभी यह साफ नहीं हुआ है कि अगर किसी कैबिनेट मंत्री को पीएम पद की रेस में शामिल होना है तो उसे अपनी मौजूदा पोस्ट से इस्तीफा देना होगा या नहीं। इस सवाल का जवाब अभी तक किसी ने नहीं दिया है। इसी तरह, कुछ और बड़े नाम भी इस रेस में शामिल होने के लिए तैयार हैं, जैसे पूर्व सेंट्रल बैंकर मार्क कार्नी और पूर्व वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड। इनके अलावा, पूर्व बीसी प्रीमियर क्रिस्टी क्लार्क और हाउस लीडर करीना गाउल्ड भी पीएम पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करने का सोच रहे हैं।

नया प्रधानमंत्री चुनने के लिए समय कम

जो भी नेता प्रधानमंत्री पद के लिए चुना जाएगा, उसके पास संसद में लौटने के लिए ज्यादा समय नहीं होगा। कनाडा की गवर्नर जनरल मैरी साइमन ने संसद को 24 मार्च तक स्थगित कर दिया है, जिसका मतलब है कि नए प्रधानमंत्री को आने वाले कुछ हफ्तों में जल्दी काम शुरू करना होगा। ऐसे में, नए प्रधानमंत्री के पास बहुत कम वक्त होगा, लेकिन उसे अपने सामने आने वाली कई चुनौतियों का सामना करना होगा।

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