राहुल द्रविड़ को भारतीय क्रिकेट का “वॉल” कहा जाता है। अपने करियर में उन्होंने कई शानदार पारी खेलीं और टेस्ट क्रिकेट में बेहतरीन रिकॉर्ड बनाया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक समय था, जब राहुल द्रविड़ ने भारत को छोड़कर स्कॉटलैंड के लिए क्रिकेट खेला? हां, यह सच है! और इस दौरान उन्होंने एक के बाद एक रनों का अंबार भी लगा दिया। तो क्या वजह थी कि द्रविड़ को भारत छोड़कर स्कॉटलैंड जाना पड़ा? आइए जानते हैं पूरी कहानी।
भारत और राहुल द्रविड़ का सफर
राहुल द्रविड़ ने 1996 से लेकर 2012 तक भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बने रहे। इस दौरान उन्होंने 509 मैच खेले और 24,000 से भी ज्यादा रन बनाये। इसके साथ ही उन्होंने 48 शतक भी लगाए। उनके टेस्ट क्रिकेट में शानदार रिकॉर्ड के बावजूद, कभी-कभी उनका वनडे क्रिकेट में उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं हो पा रहा था। 2003 के वनडे वर्ल्ड कप के बाद यह स्थिति थोड़ी और स्पष्ट हो गई।
2003 वर्ल्ड कप और राहुल द्रविड़ की स्थिति
2003 का वर्ल्ड कप भारत के लिए शानदार था, लेकिन राहुल द्रविड़ के लिए यह थोड़ा मुश्किल समय था। वह उस वर्ल्ड कप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं दे पाए थे। टेस्ट क्रिकेट में तो उनका खेल बेहतरीन था, लेकिन वनडे क्रिकेट में वह उतना कमाल नहीं कर पा रहे थे, जितना उनके फैंस और टीम की उम्मीद थी।
ये भी पढ़ें- सिडनी की पिच पर गिर गए 15 विकेट, फिर भी ICC ने दिया ‘Satisfactory’ रेटिंग, जानिए क्यों?
अब कोच जॉन राइट ने एक सलाह दी। उन्होंने द्रविड़ से कहा कि वह काउंटी क्रिकेट में खेलें। काउंटी क्रिकेट में खेलने से उनका खेल और आत्मविश्वास वापस लौट सकता था।
स्कॉटलैंड के लिए खेलने का फैसला
राहुल द्रविड़ ने कोच की सलाह मानी और स्कॉटलैंड की नेशनल क्रिकेट लीग (NCL) में खेलने का फैसला लिया। यह काउंटी क्रिकेट का हिस्सा था, और इन मैचों में स्कॉटलैंड की टीम से खेलना द्रविड़ के लिए एक नई चुनौती थी। हालांकि, यह कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं था, लेकिन काउंटी क्रिकेट में खेलने से उनके खेल में बड़ा सुधार हुआ।
राहुल द्रविड़ ने स्कॉटलैंड के लिए 11 वनडे मैच खेले और 1 टूर मैच पाकिस्तान के खिलाफ भी खेला। इन 12 मैचों में द्रविड़ ने 66.66 की औसत से 600 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 2 शतक और 8 अर्धशतक भी लगाए।
स्कॉटलैंड में शुरुआत और फिर रनों की झड़ी
स्कॉटलैंड में राहुल द्रविड़ की शुरुआत थोड़ी धीमी रही। पहले मैच में वह केवल 25 रन ही बना पाए थे। पाकिस्तान के खिलाफ दूसरे मैच में तो वह बिना खाता खोले ही आउट हो गए थे। लेकिन फिर उन्होंने अपनी असली क्लास दिखाई। उन्होंने समरसेट काउंटी टीम के खिलाफ 97 गेंदों पर 120 रन की पारी खेली। इसके बाद, द्रविड़ ने अपनी शानदार बैटिंग का जादू दिखाया और रनों का अंबार लगाना शुरू किया।
इस टूर्नामेंट में उन्होंने कुल 600 रन बनाए, जिसमें 2 शतक और 8 अर्धशतक शामिल थे। इस प्रदर्शन ने उनके आत्मविश्वास को एक नई दिशा दी।
ये भी पढ़ें- BCCI गौतम से पूछेगी गंभीर सवाल, ऑस्ट्रेलिया में भारत की हार का जिम्मेदार कौन?
भारतीय टीम में वापसी और बेहतरीन प्रदर्शन
स्कॉटलैंड के साथ अपना यह काउंटी क्रिकेट खेलकर राहुल द्रविड़ ने भारतीय क्रिकेट में वापसी की। उनका प्रदर्शन अब पहले से कहीं ज्यादा बेहतरीन हो गया था। स्कॉटलैंड में बिताए समय ने उनके खेल को एक नई दिशा दी। अब उन्होंने भारतीय टीम के लिए वनडे क्रिकेट में भी शानदार प्रदर्शन करना शुरू किया।
यह कहना गलत नहीं होगा कि स्कॉटलैंड में खेलकर राहुल द्रविड़ ने खुद को साबित किया और भारतीय क्रिकेट के लिए अहम योगदान दिया।
स्कॉटलैंड में भारतीय समुदाय का समर्थन
राहुल द्रविड़ को स्कॉटलैंड में खेलने के लिए एक खास तरह की मदद भी मिली। वहाँ के भारतीय समुदाय ने मिलकर उनका आर्थिक समर्थन किया, ताकि वह इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले सकें। यह दिखाता है कि भारत के बाहर भी उनके फैंस उन्हें लेकर कितने सपोर्टिव थे। यह उनका कड़ी मेहनत और क्रिकेट के प्रति उनके समर्पण का ही परिणाम था कि उन्होंने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और अपनी बल्लेबाजी में नया रंग दिखाया।