Jaishankar Spain visit: विदेश मंत्री एस. जयशंकर अपनी पहली स्पेन यात्रा पर दो दिनों के दौरे पर पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत यूरोपीय यूनियन के साथ मजबूत साझेदारी चाहता है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में यह साझेदारी भूमध्यसागरीय क्षेत्र में और गहरी होती नजर आएगी।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पेन के विदेश मंत्री अल्बेरेस के साथ मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि भारत में 230 स्पेनी कंपनियां काम कर रही हैं। दोनों देशों के बीच करीब 10 अरब यूरो का व्यापार होता है। उन्होंने बताया कि रेलवे, डिजिटल टेक्नोलॉजी, शहरी विकास, स्मार्ट सिटी, और हरित व स्वच्छ तकनीकों के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। साथ ही, भारत और स्पेन ने रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भी कई अहम उपलब्धियां हासिल की हैं।
साल 2026 में भारत-स्पेन की साझेदारी को मिलेगा बल
भारत और स्पेन ने अपने रक्षा और सुरक्षा संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया है। दोनों देशों का मानना है कि उनकी सेनाओं के बीच बेहतर सहयोग बेहद अहम है। साथ ही, भारत और स्पेन ने यह फैसला किया है कि साल 2026 को संस्कृति, पर्यटन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का साल घोषित किया जाएगा। यह कदम दोनों देशों के लोगों को एक-दूसरे के करीब लाने में मदद करेगा।
भारतीय शांति सैनिक लेबनान और गोलान हाइट्स में हैं तैनात
एस जयशंकर ने कहा कि एआई के युग में कुशल पेशेवरों की गतिशीलता बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि आज हमने दो महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत की भूमध्य सागर में गहरी रुचि है। इस दौरान, यूएन में भारत की भूमिका पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय शांति सैनिक लेबनान और गोलान हाइट्स में तैनात हैं।
भारत-अमेरिका के संबंधों पर जयशंकर ने कही ये बात
जयशंकर ने आगामी ट्रंप प्रशासन में भारत और अमेरिका के रिश्तों को लेकर कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि दोनों देशों के संबंध आगे और मजबूत होंगे। इसके अलावा, उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि उन्हें स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अल्बेरेस के साथ गहरी चर्चा करने का अवसर मिला। भारत स्पेन के साथ अपने मजबूत संबंधों को सराहता है, खासकर यूरोपीय यूनियन और भूमध्यसागरीय क्षेत्र में साझेदारी को लेकर।