पीएम मोदी का ‘मिशन मौसम’ से होगा जलवायु संकट का हल, पूरे दक्षिण एशिया को मिलेगी राहत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 जनवरी 2025 को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के 150वें स्थापना दिवस के मौके पर ‘मिशन मौसम’ लॉन्च किया। यह मिशन खासतौर पर भारत को हर तरह के मौसम और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तैयार करेगा। पीएम मोदी ने इसे ‘क्लाइमेट स्मार्ट’ बनाने की दिशा में बड़ा कदम बताया है। इस मिशन का असर सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों को भी इससे काफी फायदा होने की उम्मीद है।

PM मोदी का बड़ा ऐलान

भारत में मौसम से जुड़ी आपदाओं का सामना करने के लिए ‘मिशन मौसम’ की शुरुआत की गई है। पीएम मोदी ने इस मिशन को लॉन्च करते हुए कहा, “मौसम विज्ञान किसी भी देश की आपदा प्रबंधन की ताकत को बढ़ाता है। अब हम मौसम संबंधी आपदाओं से निपटने में और ज्यादा सक्षम होंगे।” इसके तहत देश भर में मौसम का सही पूर्वानुमान करने, आपदाओं के दौरान लोगों को सही जानकारी देने, और जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी।

150 साल की यात्रा और अब नया मिशन

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के 150 साल पूरे होने पर उनका जश्न मनाया। उन्होंने कहा कि जब से IMD की शुरुआत हुई थी, तब से लेकर आज तक भारत ने कई बुरे मौसम के असर को कम किया है। पिछले 10 सालों में IMD की तकनीक और बुनियादी ढांचे में बहुत सुधार हुआ है। अब यह विभाग और भी ताकतवर तरीके से मौसम पूर्वानुमान करेगा और देश को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तैयार करेगा।

मिशन मौसम के फायदे कौन-कौन से होंगे?

‘मिशन मौसम’ का फायदा हर उस क्षेत्र को होगा, जहां मौसम और जलवायु का सीधा असर पड़ता है। जैसे-

कृषि: किसानों को समय पर मौसम की जानकारी मिलेगी, जिससे वे अपनी फसलें बेहतर तरीके से उगा सकेंगे।
आपदा प्रबंधन: बाढ़, सूखा या तूफान जैसी आपदाओं से पहले सही पूर्वानुमान और तैयारी की जा सकेगी।

पर्यावरण: जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

शहरी नियोजन: शहरों में बेहतर योजनाएं बनाई जाएंगी, जैसे कि जलवायु परिवर्तन के असर को ध्यान में रखते हुए रोड और इन्फ्रास्ट्रक्चर की प्लानिंग।

स्वास्थ्य: मौसम के बदलाव का मानव स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की कोशिश की जाएगी।

बांग्लादेश और श्रीलंका को भी मिलेगा फायदा

पीएम मोदी ने यह भी बताया कि ‘मिशन मौसम’ सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों को भी फायदा होगा। इन देशों के मौसम, जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन में भारत का सहयोग बढ़ेगा। इससे दोनों देशों को भी अपने मौसम और आपदाओं के बारे में सटीक जानकारी मिलेगी, जिससे वे बेहतर तैयार हो सकेंगे।

2,000 करोड़ रुपये का बजट, दो साल में लागू होगा मिशन

‘मिशन मौसम’ को लागू करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। इसके तहत आने वाले दो सालों में भारतीय मौसम विभाग (IMD), भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान और राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र मिलकर इस मिशन को लागू करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि यह मिशन भारत को एक ‘क्लाइमेट स्मार्ट राष्ट्र’ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

आईएमडी ने 2047 तक की योजना बनाई

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर आईएमडी द्वारा तैयार की गई ‘विजन 2047’ रिपोर्ट का भी विमोचन किया। इस रिपोर्ट में आने वाले समय में मौसम विज्ञान के क्षेत्र में होने वाले सुधारों और योजनाओं का खाका पेश किया गया है। इससे भारत को 2047 तक एक ऐसा देश बनाने की दिशा में काम किया जाएगा, जो हर मौसम और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हो।

क्या होगा अगला कदम?

इस मिशन के तहत भारत के कई क्षेत्र जैसे कृषि, पर्यावरण, रक्षा, जल संसाधन, विमानन, ऊर्जा और स्वास्थ्य को मौसम से जुड़ी बेहतर जानकारी मिलेगी। इससे न सिर्फ आपदाओं से निपटने में मदद मिलेगी, बल्कि कृषि क्षेत्र में उत्पादन बढ़ेगा, पर्यावरणीय नुकसान कम होगा और पानी, बिजली जैसे संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल होगा।

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