कांग्रेस की ‘किसान मजदूर न्याय यात्रा’ अब फरवरी में शुरू होगी, महाकुंभ के कारण बदला समय

कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अपनी ‘किसान मजदूर सम्मान एवं न्याय यात्रा’ को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। पहले यह यात्रा 18 जनवरी से शुरू होने वाली थी, लेकिन अब इसे महाकुंभ के चलते फरवरी में शुरू किया जाएगा। कांग्रेस का कहना है कि महाकुंभ के समय यात्रा को स्थगित करने से श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं होगी। पार्टी ने यह फैसला लिया है कि यात्रा अब 16 फरवरी के बाद शुरू होगी। यह यात्रा उत्तर प्रदेश के किसानों और मजदूरों के मुद्दों को उठाने के लिए होगी और पार्टी सरकार पर दबाव बनाएगी कि वह किसानों के हक में कदम उठाए।

गाजियाबाद से होगी यात्रा की शुरुआत

कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष अजय राय ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह यात्रा अब गाजियाबाद से शुरू होगी। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को सबसे ज्यादा परेशानियां हो रही हैं। यहां के किसानों को गन्ने का उचित भुगतान नहीं मिल रहा है और भूमि अधिग्रहण के मुआवजे में भी देरी हो रही है। पार्टी का कहना है कि गाजियाबाद में किसान सबसे ज्यादा संकट का सामना कर रहे हैं, इसलिए इस यात्रा की शुरुआत यहीं से की जाएगी। अजय राय ने कहा, “हमने यात्रा को फरवरी में स्थगित करने का निर्णय लिया है ताकि महाकुंभ के समय श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो। यात्रा अब गाजियाबाद से शुरू होगी और पूरे उत्तर प्रदेश में जाएगी।” इसके बाद इस यात्रा के जरिए पार्टी पूरे प्रदेश में किसानों की समस्याओं को उजागर करेगी और उनकी मदद करने की कोशिश करेगी।

300 ‘किसान न्याय योद्धा’ बनाए जाएंगे

कांग्रेस ने अपनी यात्रा के दौरान किसानों के मुद्दों को और मजबूत बनाने के लिए एक खास योजना बनाई है। इसके तहत अखिल भारतीय किसान कांग्रेस हर जिले में 300 ‘किसान न्याय योद्धा’ बनाएगी। ये योद्धा किसानों के अधिकारों को लेकर संघर्ष करेंगे और जनता तक उनकी समस्याएं पहुंचाएंगे। साथ ही, इन किसान न्याय योद्धाओं को एक प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा, ताकि वे इस यात्रा का हिस्सा बन सकें और इस मुहिम को आगे बढ़ा सकें। अजय राय ने यह भी बताया कि इस अभियान का उद्देश्य पूरे प्रदेश में किसानों के मुद्दों को उठाना और सरकार से इनके समाधान की मांग करना है।

किसान क्यों परेशान हैं?

किसान कांग्रेस के अध्यक्ष सुखपाल सिंह खैरा ने इस यात्रा के दौरान किसानों की बढ़ती समस्याओं पर ध्यान दिलाया। उनका कहना था कि किसान लगातार कर्ज में डूब रहे हैं और इसके कारण कई किसान आत्महत्या करने तक मजबूर हो रहे हैं। खैरा ने उदाहरण देते हुए कहा, “मनमोहन सिंह सरकार ने किसानों का 72 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया था, लेकिन आज स्थिति इतनी खराब हो गई है कि किसानों को उनकी फसलों का सही मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है।”कांग्रेस का कहना है कि अगर किसानों की मदद के लिए कदम नहीं उठाए गए, तो ये स्थिति और बिगड़ सकती है। पार्टी ने यह मांग भी की है कि अगले बजट सत्र में कृषि क्षेत्र का बजट बढ़ाया जाए ताकि किसानों की समस्याओं का समाधान किया जा सके।

कांग्रेस का संकल्प: किसानों के साथ खड़ी रहेगी पार्टी

कांग्रेस ने यह साफ किया है कि वह हमेशा किसानों के साथ खड़ी रहेगी। पार्टी का कहना है कि अगर किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं होता, तो कांग्रेस इस मुद्दे पर लगातार आवाज उठाती रहेगी। अजय राय ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य सिर्फ गन्ने के भुगतान और भूमि अधिग्रहण मुआवजे तक सीमित नहीं रहेगा। पार्टी किसानों की अन्य समस्याओं जैसे फसलों की कीमतें, कर्ज़ और कृषि नीतियों पर भी सरकार से सवाल करेगी।कांग्रेस का कहना है कि यह यात्रा उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक अवसर होगी, जब उनकी समस्याओं को एक मंच पर लाया जाएगा और सरकार से उनके समाधान की मांग की जाएगी।

किसानों की मदद के लिए क्या कर रही है कांग्रेस?

कांग्रेस पार्टी का यह कहना है कि वह इस यात्रा के माध्यम से किसानों के मुद्दों को उठाएगी और उनकी समस्याओं का समाधान करवाएगी। पार्टी की मांग है कि सरकार किसानों की मदद के लिए ठोस कदम उठाए। जैसे- कृषि उत्पादों की सही कीमतें, कर्ज़ की माफी, और भूमि अधिग्रहण के मुआवजे की सही व्यवस्था। कांग्रेस का यह भी कहना है कि इस यात्रा से यह संदेश मिलेगा कि पार्टी किसानों के हक के लिए लड़ रही है और उनकी समस्याओं को हल करने तक चुप नहीं बैठेगी। पार्टी के नेताओं का मानना है कि अगर सरकार किसानों के लिए सही कदम उठाती है तो इससे उनकी स्थिति में सुधार हो सकता है और उनकी ज़िंदगी बेहतर हो सकती है। कांग्रेस की यह यात्रा किसानों के हक के लिए एक बड़ा संघर्ष साबित हो सकती है।

महाकुंभ के कारण यात्रा का समय बदला

बता दें महाकुंभ की वजह से कांग्रेस ने यात्रा के समय में बदलाव किया है। महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु हरिद्वार और इलाहाबाद की ओर जाते हैं, और इस दौरान यदि यात्रा निकाली जाती तो कई जगहों पर भीड़भाड़ हो सकती थी। कांग्रेस ने इस स्थिति को समझते हुए यात्रा को स्थगित करने का फैसला किया। अब यात्रा फरवरी में शुरू होगी, और यह निश्चित रूप से किसानों के मुद्दों को लेकर एक बड़ा आंदोलन बनेगा।

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