RG Kar Rape Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के मामले में आज कोर्ट का फैसला आ सकता है। यह घटना 9 अगस्त को हुई थी, जब ड्यूटी पर तैनात पीजीटी इंटर्न के साथ अस्पताल परिसर में इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया था।
66 दिनों तक केस का चला कैमरा ट्रायल
हत्या के 162 दिन बाद सीबीआई ने इस मामले में सियादलह कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। आज, 18 जनवरी को सत्र न्यायालय के न्यायाधीश अनिरबन दास इस चार्जशीट पर अपना फैसला सुना सकते हैं। सीबीआई को उम्मीद है कि मुख्य आरोपी संजय रॉय को दोषी ठहराया जा सकता है।
13 अगस्त को जब कोलकाता पुलिस ने यह मामला सीबीआई को सौंपा, तो केंद्रीय एजेंसी ने 120 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज किए। 66 दिनों तक केस का कैमरा ट्रायल चला। सीबीआई के वकील ने संजय रॉय को इस घटना का दोषी साबित करने के लिए झूठ पकड़ने वाली मशीन (एलवीए) के साथ-साथ जैविक सबूत जैसे डीएनए सैंपल और विसरा भी पेश किए।
खुद को बचाने की कोशिश करती रही थी पीड़िता
सीबीआई ने बताया कि पीड़िता के शरीर पर मिले लार और डीएनए के नमूने आरोपी संजय रॉय से मेल खाते हैं। एजेंसी का कहना है कि जब पीड़िता पर हमला हुआ, तो उसने खुद को बचाने के लिए काफी संघर्ष किया। इस दौरान उसने संजय रॉय को घायल भी किया, जिसके शरीर पर पांच घाव पाए गए हैं।
सीबीआई के वकील ने इस घटना को इंसानियत के खिलाफ बताया। जांच के दौरान, मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट से पता चला कि पीड़िता की मौत गला घोंटने से हुई। पीड़िता ने खुद को बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन इस संघर्ष में उसका चश्मा टूट गया।
घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि पीड़िता के साथ इतनी क्रूरता की गई कि उसकी आंखों, मुंह और गुप्तांगों से खून बह रहा था। उसकी गर्दन और होठों पर भी चोट के निशान थे।
सुप्रीम कोर्ट ने लिया था स्वत: संज्ञान
इस घटना के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और देशभर के डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। इसके बाद, डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय टास्कफोर्स का गठन किया गया।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 9 अगस्त को एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई रेप और हत्या पर आज कोर्ट का फैसला आ सकता है।
यह भी पढ़े:
नोएडा: स्कूल में 3 साल की बच्ची के साथ डिजिटल रेप, टीचर समेत तीन गिरफ्तार