स्वामित्व योजना से बदलेगी गांवों की तस्वीर

65 लाख से ज्यादा परिवारों को मिले संपत्ति कार्ड, जानें कैसे बदलेगी गांवों की तस्वीर!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 65 लाख से ज्यादा परिवारों को स्वामित्व कार्ड बांटे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना से गांवों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए ऐतिहासिक कदम बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह योजना गांवों के विकास और उनकी व्यवस्था को मजबूत बनाने में मील का पत्थर साबित होगी। स्वामित्व योजना का मकसद गांवों में रहने वालों को उनकी जमीन का कानूनी प्रमाण देना है, ताकि वे अपनी संपत्ति का सही उपयोग कर सकें।

करीब डेढ़ करोड़ लोगों को मिला स्वामित्व कार्ड

पांच साल पहले शुरू की गई इस योजना के तहत अब तक करीब डेढ़ करोड़ लोगों को स्वामित्व कार्ड मिल चुके हैं। इससे ग्रामीणों को न सिर्फ उनकी जमीन का अधिकार मिला है, बल्कि उनके जीवन में बड़ा बदलाव भी आ रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार पूरी ईमानदारी से ग्राम स्वराज को हकीकत में बदलने की कोशिश कर रही है। स्वामित्व योजना के जरिए गांवों के विकास की योजना बनाना और उसे लागू करना अब काफी आसान और बेहतर हो गया है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए। इसलिए 2014 में जब हमारी सरकार बनी, तो हमने प्रॉपर्टी से जुड़े कागजात की समस्याओं को हल करने की ठानी और स्वामित्व योजना की शुरुआत की।

ड्रोन तकनीक से जमीनों की होगी मैपिंग 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि अब ड्रोन तकनीक की मदद से देश के हर गांव में घरों और जमीनों की मैपिंग कराई जा रही है। इससे गांव के लोगों को उनकी आवासीय संपत्ति के कागजात मिलेंगे। उन्होंने कहा कि “स्वामित्व” और “भू-आधार” जैसे कदम, गांवों के विकास की नई नींव रख रहे हैं।

भू-आधार के जरिए हर जमीन को एक खास पहचान दी गई है और अब तक 23 करोड़ भू-आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं। बीते 7-8 सालों में लगभग 98% जमीनों का रिकॉर्ड डिजिटलीकरण कर दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि प्रॉपर्टी राइट्स मिलने से ग्राम पंचायतें भी आर्थिक रूप से मजबूत होंगी और उनकी कई समस्याएं हल होंगी। साथ ही, आपदा जैसी स्थिति में सही तरीके से मुआवजा पाना भी आसान हो जाएगा।

प्रॉपर्टी राइट्स एक बड़ी समस्या 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21वीं सदी में दुनिया कई बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है, जैसे क्लाइमेट चेंज, पानी की कमी, स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं और महामारी। इन सबके बीच एक और बड़ी समस्या है प्रॉपर्टी राइट्स यानी संपत्ति के अधिकार।

उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने सालों पहले एक स्टडी की थी, जिसमें यह पता चला कि दुनिया के कई देशों में लोगों के पास अपनी संपत्ति के पक्के और कानूनी दस्तावेज नहीं हैं। इस स्टडी में यह भी कहा गया कि अगर गरीबी कम करनी है तो लोगों को संपत्ति के अधिकार देना बहुत जरूरी है।

 

 

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