Data Dump Technology : बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर गुरुवार को उनके घर में घुसे एक चोर ने चाकू से हमला कर दिया। जिसके बाद सैफ को लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहाँ उनका इलाज किया गया, उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट आने के कारण सर्जरी भी की गई। हालांकि अब सैफ खतरे से बाहर है। मुंबई पुलिस इस मामले की गहराई से जांच में जुटी है। पुलिस ने हमलावर की पहचान कर ली है। जिसके लिए पुलिस ने डेटा डंपिंग टेक्नोलॉजी की मदद ली। आइये जानते हैं, क्या होती है यह टेक्नोलॉजी।
क्या है डेटा डंप?
डेटा डंप तकनीक को मोबाइल फोन डंप या सेलफोन डंप के नाम से भी जाना जाता है। इस तकनीक के इस्तेमाल से किसी भी व्यक्ति का डिजिटल डेटा निकाला जा सकता है। इसमें कॉल लॉग, टेक्स्ट मैसेज, ईमेल, फोटो, वीडियो, एप्लिकेशन डेटा और ब्राउज़िंग हिस्ट्री के साथ अन्य जानकारियां शामिल होती हैं। आमतौर पर, इस तकनीक का उपयोग पुलिस या जांच एजेंसियां अपराधियों की पहचान करने और जांच प्रक्रिया को तेज करने के लिए करती हैं।
कैसे किया जाता है, इस टेक्नोलॉजी से काम
डेटा डंप तकनीक का इस्तेमाल करके किसी मुख्य संदिग्ध व्यक्ति का डिजिटल डेटा निकालकर उसकी एक्टिविटी पर नजर राखी जाती है। इस प्रक्रिया तब यूज किया जाता है, जब किसी घटना या अपराध के बाद जांच एजेंसियों को अपराधी की पहचान या उसकी लोकेशन का पता लगाना होता है। इस प्रक्रिया के तहत, स्मार्टफोन या अन्य डिवाइस से जुड़े डेटा को हासिल किया जाता है।
डेटा डंप के दौरान सबसे पहले देखा जाता है, कि संदिग्ध व्यक्ति किस नेटवर्क एरिया में मौजूद था। इसके लिए लोकेशन ट्रैकिंग फीचर और सेल टावरों की मदद ली जाती है। स्मार्टफोन द्वारा उपयोग किए गए सभी डेटा को सेल टावर्स स्टोर करते हैं, जिसे डिलीट करने के बावजूद टेलीकॉम कंपनियां सुरक्षित रखती हैं।
पुलिस ने ऐसे लगाया पता
सैफ अली खान पर हुए हमले के मामले की जांच में भी पुलिस ने इस तकनिकी का इस्तेमाल किया है। पुलिस ने इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके आरोपी का पता लगाया है। डेटा डंप से उसके फोन की लोकेशन पता चली और बाद में हमलावर की पहचान सुनिश्चित हुई। वहीँ सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस इस पहचान को पुख्ता कर सकी। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी है।
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