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दिल्ली चुनाव 2025: केजरीवाल के खिलाफ रचा गया जबरदस्त चक्रव्यूह, नई दिल्ली सीट पर 22 उम्मीदवारों की जंग

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का पूरा तस्वीर अब साफ हो चुकी है। इस बार कुल 70 विधानसभा सीटों पर 699 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है नई दिल्ली सीट की। यहां पर आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने अपने बड़े नेताओं को उतार दिया है। यही वजह है कि इस बार नई दिल्ली सीट पर चुनावी मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है।

नई दिल्ली सीट पर क्यों हो रही है सबसे बड़ी जंग?

नई दिल्ली विधानसभा सीट पर इस बार 22 उम्मीदवार मैदान में हैं, जो पिछले चुनावों में काफी कम थे। 2020 में यहां 28 उम्मीदवार थे, लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग है। बीजेपी ने प्रवेश वर्मा को और कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को उतारकर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस बार का चुनावी मुकाबला इसलिए और भी दिलचस्प हो गया है क्योंकि यह दिल्ली की सबसे हाई-प्रोफाइल सीट मानी जाती है, और यहां पर सबसे ज्यादा उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

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नई दिल्ली सीट पर कुल 40 नामांकन दाखिल किए गए थे, जिनमें से 31 नामांकनों को वैध माना गया था। सोमवार को नामांकन वापसी के बाद अब इस सीट पर 23 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें से 4 महिला उम्मीदवार भी हैं। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी और कांग्रेस ने बड़ी तैयारी की है।

arvind kejriwal
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दिल्ली चुनाव में बाकी सीटों पर क्या स्थिति है?

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कुल 70 सीटों पर 699 उम्मीदवार हैं। यह आंकड़ा 2020 के चुनाव से थोड़ा ज्यादा है, जब 672 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। इस बार नामांकन भरने वालों की संख्या 1522 थी, लेकिन कई कारणों से 803 नामांकन रिजेक्ट कर दिए गए। सोमवार को नाम वापसी के बाद अब 699 उम्मीदवार ही चुनाव लड़ रहे हैं।

दिल्ली में इस बार सबसे ज्यादा उम्मीदवार जनकपुरी सीट पर हैं, जहां 16 प्रत्याशी मैदान में हैं। वहीं, कस्तूरबा नगर और पटेल नगर सीट पर केवल 5-5 उम्मीदवार हैं, जहां मुकाबला थोड़ा कम है। इन दोनों सीटों पर दो-दो EVM का इस्तेमाल होगा, जो इन सीटों को लेकर थोड़ा और रोमांचक बना देगा।

 

स्ल. नं. विधानसभा सीट कुल उम्मीदवार विशेष जानकारी
1 नई दिल्ली 23 सबसे ज्यादा उम्मीदवार, हाई-प्रोफाइल सीट
2 जनकपुरी 16 दूसरे सबसे ज्यादा उम्मीदवार वाली सीट
3 कस्तूरबा नगर 5 कम उम्मीदवार वाली सीट
4 पटेल नगर 5 कम उम्मीदवार वाली सीट
5 दिल्ली कुल 70 कुल 699 उम्मीदवार मैदान में हैं
6 बीजेपी उम्मीदवार 68 बीजेपी का जोरदार मुकाबला
7 कांग्रेस उम्मीदवार 70 कांग्रेस ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं
8 आम आदमी पार्टी (AAP) 70 AAP ने भी सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं

बीजेपी, कांग्रेस और AAP में क्या हो रहा है?

दिल्ली विधानसभा चुनाव इस बार बहुत दिलचस्प हो गया है। बीजेपी सत्ता में वापसी के लिए पूरी ताकत लगा रही है, वहीं आम आदमी पार्टी लगातार चौथी बार सत्ता में लौटने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस भी अपनी खोई हुई जनाधार को वापस पाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है।

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इस बार दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों पार्टियां सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। बीजेपी ने 68 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि उसके सहयोगी दलों ने दो सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। इस तरह, कुल मिलाकर दिल्ली में त्रिकोणीय लड़ाई की संभावना है, जिसमें मुकाबला काफी रोमांचक हो सकता है।

केजरीवाल के खिलाफ घेराबंदी, क्या चौथी बार जीत पाएंगे?

अरविंद केजरीवाल के लिए इस बार का चुनाव आसान नहीं होने वाला है। नई दिल्ली सीट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने अपने बड़े नेताओं को उतारकर उनके खिलाफ कड़ी घेराबंदी की है। जहां एक ओर बीजेपी ने प्रवेश वर्मा को मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को भी भेज दिया है। ऐसे में देखना होगा कि केजरीवाल इस बार इस चक्रव्यूह से कैसे बाहर निकलते हैं और क्या वे चौथी बार जीत का चौका मार पाते हैं या नहीं।

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दिल्ली में सबसे कम उम्मीदवार

दिल्ली की कुछ विधानसभा सीटों पर कम उम्मीदवार हैं, जैसे कस्तूरबा नगर और पटेल नगर सीट पर केवल 5-5 उम्मीदवार हैं। इन सीटों पर मुकाबला बहुत तगड़ा नहीं होगा और यहां पर अन्य सीटों की तुलना में कम उम्मीदवार हैं। लेकिन इन सीटों पर भी चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह से रोमांचक होगी।

इस बार दिल्ली चुनाव में बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। जहां बीजेपी अपने पुराने जलवे को फिर से हासिल करने की कोशिश कर रही है, वहीं आम आदमी पार्टी चौथी बार सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है। कांग्रेस भी इस बार अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है।

अब यह देखना होगा कि दिल्ली की जनता किसे चुनती है और कौन सा दल दिल्ली की सत्ता पर काबिज होगा। यह चुनाव दिल्ली की राजनीति के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।