डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद जैसे ही पद संभाला, उन्होंने कई फैसले लिए, जिनका असर न सिर्फ अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ेगा। इन फैसलों में भारत जैसे देशों के लिए भी कई मायने हैं। ट्रंप ने अपनी सरकार के पहले दिन ही ऐसे कई आदेश दिए, जिनका असर सीधे-सीधे वैश्विक राजनीति, पर्यावरण और प्रवासियों के मुद्दों पर पड़ेगा। जानिए, ट्रंप के इन फैसलों का भारत पर क्या असर हो सकता है।
1. WHO से अमेरिका की दूरी – क्या होगा असर?
डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) से बाहर कर दिया। ट्रंप का कहना था कि WHO ने कोरोना महामारी के दौरान चीन का पक्ष लिया और महामारी को लेकर दुनिया को सही जानकारी नहीं दी।
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इस फैसले से भारत को नुकसान हो सकता है क्योंकि WHO भारत में कई स्वास्थ्य योजनाओं और मिशनों पर काम करता है। भारत के लाखों गरीबों को WHO की योजनाओं से मदद मिलती है, और इसकी स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार हो रहा है। अमेरिका के WHO से बाहर होने से इसकी कार्यक्षमता पर असर पड़ेगा, और भारत को WHO से मिलने वाली सहायता में कमी आ सकती है।
2. पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका का बाहर आना
पेरिस जलवायु समझौता दुनिया के देशों को जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए एकजुट करता है, लेकिन ट्रंप ने अमेरिका को इससे बाहर कर दिया। उनका कहना था कि यह समझौता अमेरिका के आर्थिक हितों के खिलाफ है।
भारत पेरिस समझौते का हिस्सा है और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कई कदम उठा रहा है। अगर अमेरिका इस समझौते से बाहर रहता है, तो इसका असर वैश्विक जलवायु लक्ष्यों पर पड़ेगा। ट्रंप का यह कदम भारत और अन्य देशों के प्रयासों को कमजोर कर सकता है, क्योंकि अमेरिका जैसे बड़े देश का सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है।
3. प्रवासी भारतीयों के लिए मुसीबत?
ट्रंप का प्रवासियों के मामले में रुख हमेशा सख्त रहा है। उन्होंने हाल ही में अमेरिका में शरण और आव्रजन पर नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। इसके अलावा, उन्होंने अमेरिकी-मेक्सिको सीमा पर सेना भेजने और जन्म से नागरिकता को खत्म करने का भी एलान किया है।
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यह फैसले भारतीयों के लिए चिंता का कारण बन सकते हैं। बहुत से भारतीय लोग अमेरिका में काम या पढ़ाई के लिए जाते हैं। ट्रंप का यह कदम उन भारतीयों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है, जो अवैध तरीके से अमेरिका जाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, ट्रंप ने यह भी कहा कि वह कानूनी तरीके से आए प्रवासियों का स्वागत करते हैं, लेकिन इसके बावजूद उनका कड़ा रुख प्रवासियों के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है।
4. चीन के साथ अमेरिका के रिश्तों में बदलाव?
ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को आमंत्रित किया और संकेत दिया कि वह चीन के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश कर सकते हैं। जबकि अमेरिका और चीन के बीच कई मुद्दों पर विवाद हैं, ट्रंप का यह कदम चीन के साथ व्यापार बढ़ाने की दिशा में हो सकता है।
भारत के लिए यह चिंता का विषय हो सकता है क्योंकि एशिया में चीन और भारत के बीच ऐतिहासिक तनाव है। अगर अमेरिका चीन के साथ अपने रिश्ते सुधारता है, तो भारत के लिए यह नई चुनौती बन सकती है। अमेरिका और चीन के रिश्ते मजबूत होने से भारत और अमेरिका के रिश्ते पर असर पड़ सकता है, क्योंकि एशिया में दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा बनी हुई है।
5. भारत पर क्या असर पड़ेगा ?
इन सभी फैसलों का भारत पर खासा असर हो सकता है। WHO से अमेरिका के बाहर जाने से भारत को स्वास्थ्य योजनाओं में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, पेरिस समझौते से अमेरिका का बाहर होना जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए भारत के प्रयासों को कमजोर कर सकता है। प्रवासी भारतीयों के लिए ट्रंप का सख्त रुख भी चिंता का कारण बन सकता है।
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अगर अमेरिका अपनी आव्रजन नीतियों को और सख्त करता है, तो भारतीयों को वहां काम करने और पढ़ाई के लिए जाना मुश्किल हो सकता है। आखिरकार, ट्रंप के फैसलों से दुनिया के राजनीतिक माहौल में बदलाव आ सकता है, और भारत को अपनी विदेश नीति और आंतरिक रणनीतियों को इस नए बदलाव के मुताबिक ढालने की जरूरत हो सकती है।
क्या कर सकता है भारत ?
भारत के पास अभी भी कई मौके हैं। भारत अपनी घरेलू नीति और अंतर्राष्ट्रीय रिश्तों को मजबूत कर सकता है। अमेरिका और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा में, भारत को अपनी ताकत बढ़ानी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि वह वैश्विक मंच पर एक अहम खिलाड़ी बना रहे। साथ ही, भारत को WHO और पेरिस समझौते जैसे वैश्विक मंचों पर अपनी स्थिति बनाए रखनी होगी, ताकि वह जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य संकट जैसे मामलों में अपनी भूमिका निभा सके।