आज कल यूपीआई पेमेंट करना आम हो गया है। लोग हर तरह के भुगतान के लिए यूपीआई (UPI) का इस्तेमाल कर रहे हैं। 5 रुपए से लेकर हजार रुपए तक का सामान खरीदने के लिए यूपीआई पेमेंट ग्राहको की पहली पसंद बन गई है। इसके अलावा फोन-पे, गूगल पे और पेटीएम के माध्यम से दुकानों पर क्यूआर कोड के जरिए भुगतान करना सबसे आसान तरीका बन गया है। लेकिन कई बार क्यूआर कोड (QR Codes Scam) से भुगतान का तरीका कई मामलों में खतरनाक बनता जा रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो QR कोड स्कैन के जरिए ऑनलाइन स्कैम के ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं।
कैसे हो रही है क्यूआर कोर्ड से धोखाधड़ी
दरअसल, कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के खजुराहों सें क्यूआर कोड (qr codes scam news) के जरिए धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। यहां जालसाजों ने धोखाधड़ी की ऐसी साजिश रची की जिसने भी इस बारे में सुना सुनकर हैरान रह गया। जालसाजों ने रात का फायदा उठाते हुए शहर के कई प्रतिश्ठानों जिनमें पेट्रोल पंप, मेडिकल स्टोर और अन्य दुकाने शामिल है उनके बाहर खरीदारी के बाद भुगतान के लिए चिपकाए हुए क्यूआर कोड को बदल डाला। वहीं, जब ग्राहकों ने इन जगहों से कुछ खरीदा और उसके भुगतान के लिए क्यूआर कोड स्कैन किया तो पैसै जालसाज के खाते में चले गए। जालसाजी के ऐसे मामले देश के अन्य शहरों से भी सामने आ रहे हैं।
ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए क्या करें
-दुकानदार दुकान खोलने से पहले क्यूआर कोड स्कैनर (Qr Codes) को एक बार चेक कर लें। दुकान के मालिक ये सुनिश्चि करें की दुकान के बाहर लगे क्यूआर कोर्ड पर आपकी बैंक डिटेल्स सही दिख रही है या नहीं।
-संभव होतो अपनी दुकान का क्यूआर कोड स्कैनर दुकान के अंदर ही लगाएं।
-जब भी कोई ग्राहक क्यूआर कोड स्कैन कर पेमेंट करें तो उससे पहले पूछ लें की स्कैन करने के बाद नाम किसका दिख रहा है।
-पेमेंट होने बाद आपक मोबाइल पर आने वाला बैंक डिटेल जरूर चेक करें।
-पेट्रोल पंप जैसी खुली जगहों पर लगे क्यूआर कोड को सुरक्षित और सीसीटीवी कैमरों के पहुंच वाली जगहों पर लगाएं।
ग्राहक भी बर्ते ये सावधानी
भले ही इस तरह के स्कैम के जरिए दुकानों के बाहर लगे क्यूआर कोड के साथ छेड़छाड़ करके दुकान मालिकों को चुना लगाया जा रहा है। लेकिन ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए जितना सतर्कता दुकानदारों को बरतने की जरूरत है उतनी ही ग्राहकों को भी। इसलिए क्यूआर कोड पर स्कैन करते समय ग्राहकों को भी कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
-ग्राहक क्यूआर कोड स्कैन के बाद भुगतान प्राप्त करने वाले का नाम एक बार जरूर जांच लें।
– दुकान के बाहर लगे क्यूआर कोड सही है या नहीं इसकी जानकारी के लिए आप गूगल लेंस की मदद ले सकते हैं।
-अगर क्यूआर कोड सही नहीं दिख रहा है तो आप उस पर स्कैन न करें।
-हमेशा याद रखें की क्यूआर कोड स्कैन केवल पैसे भेजने के लिए किया जाता है। पैसे लेने के लिए क्यूआर कोड स्कैन नहीं होता।
कहां करें शिकायत
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए केंद्र सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाता रहता है। साइबर अपराधों से बचने के लिए सरकार द्वारा हेल्पलाइन नंबर और पोर्टल भी जारी किया गया है। अगर आपके साथ भी इस तरह ही घटना होती है तो आप हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके या फिर www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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