2025 delhi legislative assembly election: दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान, आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने मिडिल क्लास यानी मध्यवर्गीय परिवारों के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। केजरीवाल का कहना है कि देश का मिडिल क्लास टैक्स के बोझ तले दबा हुआ है और किसी भी सरकार ने कभी उनकी परेशानी को ठीक से समझने की कोशिश नहीं की। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले मिडिल क्लास को साधने के लिए केजरीवाल ने केंद्र सरकार से सात बड़ी मांगें की हैं। आइए जानते हैं वो क्या हैं और मिडिल क्लास की स्थिति के बारे में केजरीवाल का क्या कहना है।
एटीएम बनकर रह गया है आम आदमी
केजरीवाल ने मिडिल क्लास के बारे में बात करते हुए कहा कि आजकल के मिडिल क्लास परिवार एक तरह से सरकार के एटीएम यानी ‘ऑटोमेटेड टेलर मशीन’ की तरह हो गए हैं। मतलब, सरकार सिर्फ मिडिल क्लास से टैक्स ले रही है, लेकिन उनकी परेशानियों को कोई सुनने वाला नहीं है।
केजरीवाल ने यह भी कहा कि मिडिल क्लास पर सबसे ज्यादा टैक्स का बोझ है। उनकी आधी से ज्यादा कमाई तो टैक्स में चली जाती है, जिससे उनका जीवन बहुत मुश्किल हो जाता है। इसके बावजूद, मिडिल क्लास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। हर सरकार आती है, लेकिन मिडिल क्लास के लिए कुछ भी नहीं करती।
केजरीवाल की 7 बड़ी मांगें
आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने मिडिल क्लास की परेशानियों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार से सात बड़ी मांगें की हैं। ये सभी मांगें मिडिल क्लास के जीवन को बेहतर बनाने और उनके वित्तीय बोझ को कम करने से जुड़ी हुई हैं।
1- शिक्षा का बजट बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाए
केजरीवाल ने कहा कि सरकार को शिक्षा के बजट में भारी बढ़ोतरी करनी चाहिए। उनका कहना है कि आजकल बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए काफी पैसे खर्च होते हैं, और अगर सरकार शिक्षा बजट को 10 प्रतिशत तक बढ़ा देती है, तो ज्यादा बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।
2- उच्च शिक्षा के लिए सब्सिडी और स्कॉलरशिप दी जाए
केजरीवाल ने उच्च शिक्षा में सब्सिडी और छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) देने की मांग की। उनका कहना है कि कई परिवारों के पास अपने बच्चों को अच्छी कॉलेजों में पढ़ाने के पैसे नहीं होते, ऐसे में सरकार को स्कॉलरशिप देकर उनकी मदद करनी चाहिए।
3- स्वास्थ्य बजट को 10 प्रतिशत किया जाए और हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स हटाया जाए
स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बहुत सुधार की जरूरत है। केजरीवाल ने कहा कि स्वास्थ्य बजट को 10 प्रतिशत किया जाना चाहिए, ताकि हर नागरिक को सस्ती और अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। इसके साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाले टैक्स को भी हटाने की मांग की।
4- इनकम टैक्स की छूट सीमा बढ़ाकर 10 लाख की जाए
आजकल मिडिल क्लास की ज्यादा कमाई टैक्स में चली जाती है, और छूट की सीमा भी बहुत कम है। केजरीवाल ने कहा कि इस छूट की सीमा को 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख किया जाना चाहिए, ताकि मिडिल क्लास के लोग टैक्स का बोझ कम महसूस करें।
5- जरूरी चीजों पर GST खत्म किया जाए
केजरीवाल ने कहा कि रोज़मर्रा की चीजों पर जीएसटी (GST) खत्म किया जाना चाहिए। जैसे कि राशन, दवाइयां, स्कूल की किताबें और बाकी जरूरी सामानों पर टैक्स बहुत ज्यादा लगता है। इससे मिडिल क्लास को काफी राहत मिलेगी।
6- वरिष्ठ नागरिकों के लिए मजबूत रिटायरमेंट प्लान और मुफ्त इलाज
केजरीवाल ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए रिटायरमेंट प्लान बनाने की बात कही। उनका कहना है कि सरकार को वृद्ध लोगों के लिए एक मजबूत पेंशन योजना बनानी चाहिए, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो। इसके साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि बुजुर्गों को मुफ्त इलाज मिलना चाहिए।
7- रेलवे में बुजुर्गों को मिलने वाली छूट फिर से लागू की जाए
केजरीवाल ने रेलवे में बुजुर्गों को मिलने वाली छूट फिर से लागू करने की मांग की। उनका कहना है कि बुजुर्गों को सफर करने में काफी परेशानी होती है, और उन्हें रियायती टिकट मिलनी चाहिए, जैसे पहले मिलती थी।
मिडिल क्लास के लिए आम आदमी पार्टी का संघर्ष
केजरीवाल ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे देश में मिडिल क्लास के लिए काम करेगी। उनका कहना था कि मिडिल क्लास के लिए कोई भी सरकार आवाज नहीं उठाती, लेकिन आम आदमी पार्टी मिडिल क्लास के मुद्दों को सड़क से लेकर संसद तक उठाएगी।
केजरीवाल ने मिडिल क्लास से यह भी कहा कि वे घबराएं नहीं, क्योंकि उनकी आवाज को अब सरकार तक पहुंचाने का काम आम आदमी पार्टी करेगी। वे इस वर्ग की परेशानियों के समाधान के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे।
क्या मिडिल क्लास के लिए कुछ बदल पाएगा?
केजरीवाल की यह मांगें मिडिल क्लास के लिए एक उम्मीद की किरण हो सकती हैं। अगर सरकार इन मांगों पर ध्यान देती है और इनमें से कुछ भी लागू करती है, तो मिडिल क्लास को राहत मिल सकती है। हालांकि, अब देखना यह है कि ये मांगें पूरी होती हैं या नहीं।