Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट प्रस्तुत करने वाली हैं। देश के अधिकांश करदाता आगामी बजट (Budget 2025) में आयकर दरों में कटौती किए जाने की उम्मीद कर रहे हैं। हाल ही कराए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि लगभग 57 लोग बजट में इनकम टैक्स रेट को कम करवाना चाहते हैं। संभवतया सरकार भी इस संबंध में बड़ी घोषणा कर सकती है।
आयकर दरों में कटौती का प्रस्ताव
मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार हाल के कुछ महीनों में जीडीपी वृद्धि धीमी पड़ी है, और इसका कारण यह है कि मध्यम वर्ग के पास खर्च करने के लिए पर्याप्त धन नहीं है। उनका बड़ा हिस्सा कर भुगतान और बढ़ती महंगाई में खर्च हो जाता है। ऐसे में विशेषज्ञों का सुझाव है कि आयकर दरों को कम किया जाए, ताकि मध्यम वर्ग के पास अधिक पैसा बच सके और उपभोग बढ़ सके।
सरकार को अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कर स्ट्रक्चर को सरल बना सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी आयकर प्रणाली को सरल बनाने पर जोर दे रही हैं। महंगाई को ध्यान में रखते हुए सरकार 10 लाख से 15 लाख रुपये तक की आय पर टैक्सपेयर्स को राहत देने का विचार कर सकती है।
स्लैब में बदलाव से करदाताओं को राहत
बाजार के जानकारों का मानना है कि आगामी बजट को लेकर अपनी संभावनाएं व्यक्त करते हुए कहते हैं कि केंद्रीय बजट 2025 में मोदी सरकार दो प्रमुख कदम उठा सकती है: पहला, सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) को समाप्त करना, और दूसरा, आयकर छूट स्लैब को संशोधित कर 25 लाख रुपये तक बढ़ाना। हालांकि अभी इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
एनपीएस में कर लाभ बढ़ाने की आवश्यकता
ग्रांट थॉर्नटन इंडिया के पार्टनर अखिल चांदना के अनुसार आगामी बजट में नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) पर मिलने वाली कर कटौती सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए। साथ ही, एनपीएस के निकासी नियमों को भी अधिक लचीला बनाने की आवश्यकता है, ताकि सेवानिवृत्ति के बाद बचत को बढ़ावा मिल सके। वर्तमान में, एनपीएस में 50,000 रुपये तक का निवेश कर मुक्त होता है।
आने वाले केंद्रीय बजट में इनकम टैक्स दरों में कटौती, एनपीएस में कर छूट बढ़ाना, और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कर लाभ जैसे कई महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं। इन कदमों से अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिल सकती है और करदाताओं को राहत मिल सकती है।