आजकल आईफोन और एंड्रॉयड फोन को लेकर एक दिलचस्प चर्चा हो रही है। कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि आईफोन पर चीज़ों की कीमत एंड्रॉयड के मुकाबले ज्यादा दिखाई जाती है। यहां तक कि अगर आप आईफोन से कैब बुक करते हैं, तो भी कीमत ज्यादा हो सकती है।
हमने इस दावे की सच्चाई जांचने के लिए एक ऑनलाइन कैब सर्विस ऐप का इस्तेमाल किया। टेस्ट में हमने एक ही समय पर एक ही लोकेशन के लिए आईफोन और एंड्रॉयड दोनों से कैब बुक की। नतीजा यह रहा कि दोनों पर कीमत एक जैसी ही दिखी।
लेकिन अगर कभी कीमत अलग दिखाई देती है, तो इसके पीछे कुछ वजहें हो सकती हैं। अलग-अलग स्मार्टफोन्स में ऐसा क्यों होता है, यह आपके ऐप के सेटअप, लोकेशन डेटा, और यूजर प्रोफाइल पर भी निर्भर करता है।
एंड्रॉयड से और आईफोन से कैब बुकिंग
अगर आपने एक ही जगह से ड्रॉप लोकेशन डालकर iPhone और Android से कैब बुक की और प्राइस सेम दिखा, तो यह नॉर्मल है। लेकिन अगर आपको अलग-अलग प्राइस दिख रहा है, तो इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं।
• कैब का चार्ज आपके फोन के मॉडल और यूसेज पर डिपेंड करता है।
• अगर आपका अकाउंट बैलेंस माइनस में है, तो फाइनल बिल ज्यादा आ सकता है।
• अलग-अलग डिवाइस पर प्राइस चेक करके यह कंफर्म कर सकते हैं।
इसलिए प्राइस में फर्क समझने के लिए इंडिविजुअली चेक करना सही रहेगा।
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर दिखा बदलाव?
अमेज़न पर जब रेडमी का स्मार्टफोन सर्च किया गया, तो अलग-अलग लोकेशन डालने पर भी दोनों जगह एक ही कीमत दिखाई दी। लेकिन अगर हम ग्रॉसरी खरीदने जाएं, तो हर जगह दाम लगभग एक जैसे ही रहते हैं।
अगर आप प्रीमियम मेंबर हैं और फास्ट डिलीवरी या कैब बुकिंग के लिए टिप चुनी है, तो कुल कीमत थोड़ी ज्यादा दिखाई देगी।
उबर कंपनी ने दिया जवाब
उबर कंपनी का कहना है कि हर राइड का किराया कई चीजों पर निर्भर करता है, जैसे पिकअप और ड्रॉप ऑफ प्वाइंट का फर्क और यात्रा का अनुमानित समय (ETA)। इन्हीं वजहों से किराए में बदलाव हो सकता है। कंपनी ये भी साफ करती है कि वे राइडर के फोन की कंपनी देखकर किराया तय नहीं करते।
किराया तय करने का तरीका उनकी वेबसाइट पर बताया गया है। यह यात्रा की अनुमानित दूरी और समय पर आधारित होता है। साथ ही, डिमांड और ट्रैफिक जैसे कारणों से भी यह बदल सकता है।
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