बॉलीवुड की चमक छोड़ आखिर क्यों महामंडलेश्वर बनीं ममता कुलकर्णी? जानें पूरी कहानी!

ममता कुलकर्णी, जो 90s के दशक में बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस मानी जाती थीं, आजकल महाकुंभ में किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर के रूप में अपने जीवन का एक नया अध्याय शुरू कर चुकी हैं। पिछले कुछ सालों में ममता के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए। कभी वो फिल्म इंडस्ट्री में सबसे चर्चित चेहरा थीं, तो कभी ड्रग माफिया से जुड़े रिश्तों की वजह से सुर्खियों में आ गईं। लेकिन अब ममता का फोकस पूरी तरह से आध्यात्मिकता और संन्यास की ओर है। तो चलिए, जानते हैं ममता कुलकर्णी के जीवन के इस दिलचस्प सफर के बारे में, जिसमें बॉलीवुड की चमक-धमक से लेकर संन्यास की ओर उनके कदम बढ़ने की कहानी छुपी है।

90 के दशक की बॉलीवुड स्टार

ममता कुलकर्णी का जन्म 20 अप्रैल 1972 को मुंबई में हुआ था। वह 90 के दशक की मशहूर और सबसे ग्लैमरस एक्ट्रेसेस में से एक थीं। उनका फिल्मी करियर 1991 में तमिल फिल्म ‘ननबरगल’ से शुरू हुआ, लेकिन बॉलीवुड में उन्हें असली पहचान मिली फिल्म ‘मेरा दिल तेरे लिए’ से। इसके बाद तो उनकी एक के बाद एक हिट फिल्में आईं। ममता कुलकर्णी ने ‘आशिक आवारा’, ‘वक्त हमारा है’, ‘करण अर्जुन’, और ‘बाजी’ जैसी फिल्मों में अभिनय किया, और इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कारोबार किया।

ममता को उनकी एक्टिंग के लिए कई अवॉर्ड्स भी मिले, और 1993 में उनकी फिल्म ‘आशिक आवारा’ के लिए उन्हें बेस्ट डेब्यू एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला। फिल्म इंडस्ट्री में ममता का नाम तेजी से फैलने लगा, और उनका स्टारडम बढ़ता ही गया। वह शाहरुख खान, सलमान खान, और अजय देवगन जैसे बड़े सितारों के साथ स्क्रीन पर नजर आईं।

विवादों में घिरीं ममता

ममता का फिल्मी करियर जितना चमकदार था, उतना ही उनकी निजी जिंदगी और करियर के दौरान कई विवाद भी उठे। 1993 में, उन्होंने स्टारडस्ट मैगजीन के लिए टॉपलेस फोटोशूट कराया, जो उस वक्त काफी चर्चा का विषय बना। इस फोटोशूट के बाद ममता कई दिनों तक मीडिया की हेडलाइन बन गईं। इसके बाद उनका नाम डायरेक्टर राजकुमार संतोषी के साथ भी जुड़ा। कहा जाता है कि ममता और संतोषी के बीच अनबन हो गई थी, और इसके बाद वह फिल्म ‘चाइना गेट’ से बाहर हो गईं। हालांकि, अंडरवर्ल्ड के दबाव में ममता को फिल्म में फिर से लिया गया। लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही, और ममता ने बाद में राजकुमार संतोषी पर सेक्शुअल हैरेसमेंट का आरोप भी लगाया।

ड्रग माफिया के साथ जुड़ा नाम

ममता का नाम उस वक्त और ज्यादा विवादों में आया जब यह खबर आई कि उन्होंने दुबई में रहने वाले मशहूर ड्रग माफिया विक्की गोस्वामी से शादी की है। हालांकि, ममता ने इस बात से हमेशा इनकार किया। उनका कहना था कि उन्होंने विक्की से शादी नहीं की, लेकिन वह विक्की से बहुत प्यार करती थीं। ममता ने अपनी किताब ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ एन योगिनी’ में यह बताया था कि “कुछ लोग दुनिया के कामों के लिए पैदा होते हैं, जबकि कुछ ईश्वर के लिए पैदा होते हैं। मैं भी ईश्वर के लिए पैदा हुई हूं।”

ममता कुलकर्णी के जीवन में एक बिंदु ऐसा आया, जब वह पूरी तरह से बॉलीवुड और विवादों से दूर होकर एक नई दिशा में चली गईं। 24 साल बाद, ममता ने भारत लौटने का फैसला किया, और फिर से उनका नाम सुर्खियों में आया। अब वह किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बन गईं, और उनका नाम बदलकर यामिनी नंद गिरि हो गया। वह अब अपनी आध्यात्मिक यात्रा में व्यस्त हैं और महाकुंभ 2025 में उनकी उपस्थिति ने सबको चौंका दिया।

Mamta Kulkarni : ममता कुलकर्णी बनेंगी किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर, करेंगी पिंडदान

किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर

ममता कुलकर्णी का संन्यास का सफर बहुत ही दिलचस्प है। 24 साल बाद भारत लौटने के बाद, उन्होंने किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर के रूप में अपने नए जीवन की शुरुआत की। अब वह यामिनी नंद गिरि के नाम से जानी जाएंगी। महाकुंभ में वह अब अपनी आध्यात्मिकता को लेकर लोगों से जुड़ी हैं और यह उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा परिवर्तन है। ममता कुलकर्णी ने संन्यास लेने का फैसला किया, ताकि वह अपने जीवन को एक नई दिशा दे सकें।

ममता का यह कदम यह बताता है कि जीवन में बदलाव कभी भी हो सकता है। बॉलीवुड की दुनिया, विवाद, और ड्रग माफिया से जुड़े रिश्तों के बाद भी, ममता ने आत्मज्ञान और आध्यात्मिकता की राह को चुना है। उनकी कहानी यह साबित करती है कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में मोड़ आ सकते हैं, और वह अपनी ज़िंदगी की दिशा को बदल सकता है, चाहे वह किसी भी जटिल परिस्थिति से गुजर रहा हो।