Environment Baba in Mahakumbh: महाकुंभ से एनवायरनमेंट बाबा का संदेश, सांसे हो रही है कम आओ पेड़ लगाएं हम

Environment Baba in Mahakumbh: महाकुंभ से एनवायरनमेंट बाबा का संदेश, ‘सांसे हो रही हैं कम, आओ पेड़ लगाएं हम’

Environment Baba in Mahakumbh: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में रोज कुछ ना कुछ नया निकल कर आ रहा है। हिन्द फर्स्ट की टीम लगातार महाकुंभ में आए साधु और संतों से बात कर उनका विचार जनता तक पंहुचा रही है। इसी क्रम में हिन्द फर्स्ट के संपादक विवेक भट्ट ने महामंडलेश्वर अवधूत बाबा अरुण गिरी उर्फ एनवायरनमेंट बाबा से कई मुद्दों पर विस्तार से बात की।

एनवायरनमेंट बाबा उर्फ़ गोल्डन बाबा पिछले कई वर्षों से (Environment Baba in Mahakumbh) पर्यावरण के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने इसकी शुरुआत साल 2010 से की। अब तक उन्होंने 82 यज्ञ और लगभग एक करोड़ से ज्यादा वृक्षारोपण किए हैं। उनका मूल मंत्र ही है ” सांसे हो रही है कम आओ पेड़ लगाएं हम “।

एनवायरनमेंट बाबा का क्या है उद्देश्य

हिन्द फर्स्ट के संपादक विवेक भट्ट ने जब एनवायरनमेंट बाबा से उनके उद्देश्य के बारे में पूछा तो गोल्डन बाबा (Environment Baba in Mahakumbh) ने सिर्फ पर्यावरण को सुरक्षित रखने की बात कही। जिसके लिए उन्होंने अधिक से अधिक पेड़ (Mahakumbh) लगाने और यज्ञ करने की बात पर जोर डाला। ताकि लोगों को शुद्ध ऑक्सीजन , शुद्ध वातावरण और लंबी व् निरोगी आयु जीने की दिशा प्राप्त हो।

यज्ञ और पर्यावरण मानव हित के लिए करता है कार्य

एनवायरनमेंट बाबा ने संपादक विवेक भट्ट से यज्ञ को भी वातावरण (Hind First Editor Vivek Bhatt) शुद्धि से जोड़ते हुए बताया कि अगर हम गाय के शुद्ध घी से एक आहुति मंत्रोचार के साथ देते हैं तो हमें लगभग एक टन शुद्ध ऑक्सीजन प्राप्त होता है। बाबा के मुताबिक़ यज्ञ और पर्यावरण( Avdhoot baba in Mahakumbh) एक साथ मानव हित के लिए ही कार्य करते हैं। इसलिए हमें शुद्ध गाय के घी से ज्यादा से ज्यादा यज्ञ करने के साथ बहुसंख्यक रूप से पेड़ भी लगाने चाहिए। गोल्डन बाबा ने यह भी बताया कि यज्ञ सिर्फ इच्छा पूर्ति ही नहीं करती बल्कि ये मतभेद भी दूर करता है। इससे अच्छी फसल भी उगती है और भाईचारा भी बढ़ता है। यह सभी जाति और समुदाय का कल्याण करता है।

घर में कैसे कर सकते है यज्ञ

हिन्द फर्स्ट के संपादक विवेक भट्ट ने लोगों के डेली लाइफ (Environmen baba) में बिजी रहने की बात को लेकर एनवायरनमेंट बाबा से पूछा कि अपने बिजी रूटीन में लोग कैसे संक्षिप्त रूप में यज्ञ कर सकते हैं तो बाबा ने बताया कि घर में ही एक छोटे से हवन कुंड में गणेश जी का अव्वाहन करते हुए शुद्ध गाय के घी से आहुति करें और हनुमान जी से ये प्रार्थना करें कि हमने जिस भी मनोकामना से यह यज्ञ किया है उसे देवताओं तक पंहुचा दें। उन्होंने यह भी बताया कि एक दिन घर में हवन करने से 30 दिनों तक मलेरिया जैसे बैक्टेरिया का घर में प्रवेश तक नहीं हो सकता है।

यज्ञ से बढ़ती है आयु

एनवायरनमेंट बाबा ने यज्ञ के विशेषताओं को बताते हुए कहा कि यज्ञ करने से व्यक्ति के आयु में भी वृद्धि होती है। यज्ञ का धुंआ शरीर को आतंरिक और बहरी दोनों रूपों से स्वस्थ करता है। कई तरह रोगों से भी मुक्ति दिलाने में सहायक है। इसलिए नियमित रूप( Mahakumbh 2025) से यज्ञ करने या करवाने से ना सिर्फ अपना बल्कि आस- पास के वातावरण की पूर्ण रूप से शुद्धि हो जाती है। निरोगी व्यक्ति की उम्र भी दीर्घायु होती है। इसलिए सभी लोगों को घर में छोटा ही सही लेकिन यज्ञ जरूर करना चाहिए।

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