भारत और चीन ने मिलकर कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का फैसला किया है। यह यात्रा हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि कैलाश पर्वत को भगवान शिव का घर माना जाता है। लेकिन 2020 में बढ़ते तनावों के कारण इस यात्रा के रूट बंद कर दिए गए थे। अब, भारत और चीन ने आपसी बातचीत में इस यात्रा को फिर से शुरू करने पर सहमति दी है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा का महत्व
कैलाश मानसरोवर यात्रा हर साल हजारों भारतीयों के लिए एक पवित्र यात्रा होती है। हिंदू धर्म के मुताबिक, कैलाश पर्वत भगवान शिव का निवास स्थान है और यह यात्रा करना एक धार्मिक अनुष्ठान है। इसके अलावा, यह यात्रा बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। लेकिन 2020 के बाद से इस यात्रा के दोनों प्रमुख रूट, जो भारत और चीन के बीच होते थे, बंद कर दिए गए थे।
भारत और चीन के बीच अहम बातचीत
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी इन दिनों बीजिंग में हैं। उन्होंने चीन के विदेश मंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इस बैठक में भारत और चीन ने 2025 की गर्मियों में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर सहमति जताई। इसके अलावा, दोनों देशों ने जलवायु और पर्यावरण से जुड़े अहम मामलों पर भी चर्चा की। दोनों देशों ने सीमा पार नदियों से संबंधित डेटा के आदान-प्रदान के लिए एक विशेषज्ञ स्तर की बैठक भी करने पर सहमति दी है।
ब्रह्मपुत्र नदी पर भी चर्चा
चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर एक बांध बनाने की योजना बनाई थी, जिससे भारत को चिंता थी। इस पर भी बातचीत हुई और दोनों देशों ने इस मामले में सहयोग बढ़ाने की दिशा में कदम उठाने पर सहमति जताई। यह भारत के लिए एक बड़ी राहत की बात है, क्योंकि ब्रह्मपुत्र नदी भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
सीधी हवाई सेवाओं पर सहमति
भारत और चीन के बीच इस अहम बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। दोनों देशों ने सीधी हवाई सेवाएं फिर से शुरू करने पर सहमति जताई। इससे दोनों देशों के बीच यात्रा और व्यापार को और आसान बनाया जाएगा। कोरोना महामारी के कारण काफी समय से इन सेवाओं पर ब्रेक था, लेकिन अब दोनों देशों ने इसे फिर से शुरू करने का फैसला लिया है।
भारत-चीन राजनयिक संबंधों के 75 साल
इस साल भारत और चीन के राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे हो रहे हैं। इस अवसर पर दोनों देशों के बीच सहयोग और संवाद को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की गई हैं। इस बैठक के दौरान दोनों देशों ने अपने रिश्तों को सुधारने और भविष्य में और मजबूत करने के लिए कई कदम उठाने पर सहमति जताई।
रिश्तों को सुधारने की दिशा में कदम
भारत और चीन के रिश्तों में कई बार खटास आई है, लेकिन अब दोनों देश इस दिशा में कदम बढ़ाते दिख रहे हैं। दोनों देशों ने आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए जन-केंद्रित पहल करने पर भी बात की है। इसका मतलब यह है कि भविष्य में दोनों देशों के नागरिकों के लिए कई सुविधाएं और अवसर मिल सकते हैं।
ये भी पढ़ें: सऊदी अरब के जंगल में क्यों गईं इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी? जानिए क्या है वजह