यमुना पानी विवाद: कांग्रेस ने की केजरीवाल के खिलाफ FIR की मांग, बीजेपी और AAP में तनातनी

दिल्ली विधानसभा चुनावों के बीच यमुना नदी का पानी एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच इस विवाद को लेकर तीखी बहस चल रही है, और अब कांग्रेस भी इस विवाद में कूद पड़ी है। कांग्रेस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव आयोग से एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। इसके पीछे की वजह यह है कि केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार यमुना में अमोनिया डाल रही है, जिससे दिल्ली का पानी जहरीला हो गया है।

क्या है यमुना पानी विवाद?

दरअसल, आम आदमी पार्टी का कहना है कि यमुना नदी में पानी में अमोनिया का स्तर बहुत बढ़ गया है। इससे दिल्ली में पानी की सफाई की प्रक्रिया पर असर पड़ रहा है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि हरियाणा से आने वाला पानी इतना जहरीला हो गया है कि दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स में इसे साफ करना मुश्किल हो गया है। उनका दावा है कि अमोनिया का स्तर 7 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) तक पहुंच चुका है, जो बेहद खतरनाक और जहरीला माना जाता है। इस आरोप के बाद अब कांग्रेस ने मोर्चा खोलते हुए चुनाव आयोग से इसकी जांच की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि अगर केजरीवाल का आरोप झूठा पाया जाता है, तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान इस तरह के बयान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हैं। कांग्रेस का कहना है कि केजरीवाल के इस बयान से जनता में अफवाह फैल सकती है, और यह चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से क्या कहा?

कांग्रेस ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है और मांग की है कि वह इस मामले की जांच करे। उनका कहना है कि अगर यह आरोप गलत साबित होते हैं तो केजरीवाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। कांग्रेस का मानना है कि इस मामले में गंभीरता से जांच होनी चाहिए क्योंकि यह न सिर्फ चुनावी प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है, बल्कि दिल्लीवासियों की सेहत से भी जुड़ा है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि अगर जांच में यह पाया जाता है कि हरियाणा सरकार सचमुच यमुना नदी में अमोनिया मिला रही है, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। कांग्रेस का यह भी कहना है कि इस मामले में चुनाव आयोग को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।

AAP की तरफ से क्या कहा गया?

आम आदमी पार्टी की तरफ से इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी की नेता और दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा कि यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स 1 से 2 पीपीएम तक के अमोनिया को साफ कर सकते हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से अमोनिया का स्तर 4 से 7 पीपीएम तक पहुंच गया है। उनका कहना है कि अगर यही हालात रहे तो दिल्ली के कई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स बंद हो सकते हैं, क्योंकि पानी इतना जहरीला हो जाएगा कि उसे पीने के लायक नहीं छोड़ा जा सकेगा। आतिशी ने चुनाव आयोग से यह भी अपील की कि वह हरियाणा सरकार से इस मुद्दे पर तुरंत बातचीत करें और दिल्ली में पानी की समस्या के समाधान के लिए कदम उठाए। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि हरियाणा सरकार जानबूझकर यमुना में अमोनिया डाल रही है, जिससे दिल्ली में पानी की समस्या बढ़ी है।

हरियाणा सरकार की प्रतिक्रिया

इस विवाद के बाद हरियाणा सरकार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चुनाव आयोग के सामने अपनी बात रखी और इस आरोप को सिरे से नकारा किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार यमुना नदी में कोई अमोनिया नहीं मिला रही है, और यह आरोप पूरी तरह से गलत है। सैनी ने कहा कि यह एक राजनीतिक मुद्दा है, जिसे चुनावी लाभ के लिए तूल दिया जा रहा है।

पानी का संकट का दिल्ली में क्या होगा?

दिल्ली के लिए यमुना नदी का पानी बहुत अहम है, और अगर इसमें अमोनिया का स्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो दिल्लीवासियों के लिए पानी का संकट और भी गहरा सकता है। दिल्ली में पहले ही जलस्रोतों की कमी है, और यमुना का पानी इस कमी को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर यमुना के पानी की गुणवत्ता में और गिरावट आती है तो दिल्ली के नागरिकों को पीने के पानी के लिए और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के आरोपों के बीच बीजेपी भी अपनी बात रख रही है, लेकिन इस विवाद का असर केवल राजनीतिक मैदान तक सीमित नहीं है। अगर जांच में यह पाया जाता है कि पानी की गुणवत्ता में कोई गड़बड़ी हो रही है तो इसका असर सीधे दिल्लीवासियों की सेहत पर पड़ेगा।

क्या इस विवाद का चुनावों पर असर पड़ेगा?

यमुना के पानी का यह विवाद अब चुनावी राजनीति का हिस्सा बन चुका है। केजरीवाल का आरोप, कांग्रेस की एफआईआर की मांग, और हरियाणा सरकार की सफाई – सब कुछ चुनावी जोश में घुलकर इस मुद्दे को और गर्म कर रहे हैं। अब देखना यह है कि चुनाव आयोग इस मामले में क्या कदम उठाता है। क्या इस विवाद का असर दिल्ली विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा? क्या इससे आम आदमी पार्टी को राजनीतिक फायदा होगा या कांग्रेस इसे एक बडी रणनीतिक जीत के रूप में पेश कर पाएगी? इन सवालों के जवाब चुनावी नतीजों से ही मिलेंगे। दिल्लीवासियों के लिए इस समय सबसे जरूरी बात यह है कि यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर जल्दी से जल्दी सही किया जाए, जिससे पीने कापनी समस्या ना हो।

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