प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेला के दौरान एक भयानक भगदड़ की घटना ने सबको हिलाकर रख दिया है। खबरें आ रही हैं कि मौनी अमावस्या के दिन शाही स्नान के समय भीड़ की अराजकता ने भारी हादसा पैदा कर दिया। इस भगदड़ में कम से कम 15 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जबकि कई लोग घायल हो गए हैं। घटना के बाद प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य में जुट गईं, लेकिन स्थिति पर अभी तक पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है।
कुंभ मेला का मौनी अमावस्या शाही स्नान हर साल एक बड़ा आयोजन होता है, जिसमें लाखों लोग गंगा में डुबकी लगाने के लिए संगम घाट पर पहुंचते हैं। इस दिन खासतौर पर भारी भीड़ जुटती है और सुरक्षा इंतजामों का दबाव बढ़ जाता है। इस साल भी जब लोग एकसाथ स्नान के लिए घाट की ओर बढ़ रहे थे, तो कुछ स्थानों पर बैरियर टूटने की खबरें आईं। इसके बाद स्थिति पूरी तरह से बिगड़ गई और भगदड़ मच गई।
प्रयागराज सिटी के एक डॉक्टर ने नाम न सार्वजनिक करने की शर्त पर बताया कि इस घटना में 15 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है, लेकिन वहां भी स्थिति काफी जटिल बनी हुई है। एएफ़पी और पीटीआई जैसी प्रमुख समाचार एजेंसियों के मुताबिक, कई महिलाएं और बुजुर्ग लोग भी भगदड़ में घायल हुए हैं। कुछ घायलों की स्थिति नाजुक बताई जा रही है, जिनका इलाज चल रहा है।
प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओएसडी आकांक्षा राणा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “कुछ स्थानों पर बैरियर टूटने से भगदड़ मच गई, लेकिन स्थिति अब नियंत्रण में है और किसी तरह की गंभीर समस्या नहीं है।” हालांकि घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की तैयारियों में कमी थी, जिसके कारण यह हादसा हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से टेलीफोन पर बात कर हालात का जायजा लिया। पीएम मोदी ने इस दुखद घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए है।
घटना के बाद सुरक्षा बलों और प्रशासन ने मौके पर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। गंभीर रूप से घायलों को अस्पतालों में भर्ती किया गया है। इसके अलावा, अधिकारियों ने इस घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है और कहा है कि मामले की पूरी जांच की जाएगी। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने कहा है कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए आगे के आयोजन के लिए सुरक्षा इंतजामों को और कड़ा किया जाएगा।
घटनास्थल पर मौजूद कुछ चश्मदीदों का कहना है कि भगदड़ के कारण कई लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि लोग घायल होकर सड़क पर पड़े हुए हैं और उनके पास से सुरक्षाकर्मी उन्हें ले जाते हुए नजर आ रहे हैं। इन तस्वीरों में महिलाओं और बच्चों के रोते हुए चेहरे भी दिख रहे हैं, जो इस हादसे से आहत हैं। इस दौरान प्रशासन ने जितनी जल्दी हो सके घायलों को अस्पताल पहुंचाने का काम किया।
प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले के दौरान सुरक्षा इंतजामों को लेकर प्रशासन ने हर मुमकिन कोशिश की थी। डीआईजी वैभव कृष्ण ने मेला स्थल पर भारी संख्या में पुलिस और सुरक्षाबलों की तैनाती की थी। इसके अलावा, श्रद्धालुओं को व्यवस्थित तरीके से स्नान करने के लिए दिशा-निर्देश भी दिए गए थे।
सुरक्षाबल, जिनमें पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और अन्य बचाव कर्मी शामिल थे, की भारी तैनाती के बावजूद भगदड़ की स्थिति बन गई। चश्मदीदों का कहना है कि जब लोग एक दूसरे पर गिरने लगे, तब प्रशासन के लोग घटनास्थल पर मदद के लिए नहीं पहुंचे। यह स्थिति तब बनी, जब स्नान के दौरान संगम घाट के पास बैरियर टूटने की वजह से लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े। भगदड़ की वजह से कई लोग घायल हो गए और कुछ की जान भी चली गई।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी श्रद्धालुओं से अपील की थी कि वे घाटों पर रात को न सोएं और अपने सामान को छोड़कर कहीं न जाएं। पुलिस ने कहा था कि लोग जल्दी-जल्दी स्नान करके घाट से वापस जाएं और दूसरे श्रद्धालुओं को भी स्नान का मौका दें।