महाकुंभ मेला, जो हर बार लाखों श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित करता है, इस बार एक बड़ी घटना का शिकार बन गया। बुधवार सुबह, जब लाखों लोग मौनी अमावस्या पर शाही स्नान के लिए गंगा नदी की ओर बढ़ रहे थे, तभी अचानक भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। इससे कई लोग घायल हो गए और कुछ की जान भी जा सकती है। इस हादसे को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपना रिएक्शन दिया है, जो अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है।
अखिलेश ने लगााया अव्यवस्था का आरोप
अखिलेश यादव ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए अपनी सरकार से तत्काल राहत कार्यों की अपील की। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर (अब एक्स) अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा, “महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है। श्रद्धांजलि! हमारी सरकार से अपील है कि गंभीर रूप से घायलों को एअर एंबुलेंस की मदद से निकटतम सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटलों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था की जाए। मृतकों के शवों को चिन्हित करके उनके परिजनों को सौंपने और उन्हें उनके निवास स्थान तक भेजने का प्रबंध किया जाए। जो लोग बिछड़ गये हैं, उन्हें मिलाने के लिए त्वरित प्रयास किये जाएं।” अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि प्रशासन को सतर्क रहते हुए हेलिकॉप्टर की मदद से निगरानी बढ़ानी चाहिए ताकि भगदड़ जैसी घटनाओं से बचा जा सके। इसके साथ ही उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि श्रद्धालुओं से संयम और धैर्य से काम लेने की अपील की जाए ताकि स्थिति और बिगड़े नहीं।
क्या हुआ महाकुंभ में?
महाकुंभ मेला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित किया जाता है और यह विश्वभर में सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है। हर साल लाखों श्रद्धालु इस मेले में शामिल होते हैं। बुधवार को मौनी अमावस्या के मौके पर शाही स्नान था, जो महाकुंभ का सबसे अहम दिन होता है। इस दिन गंगा में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी थी। लेकिन, जैसा कि हर बार होता है, इस विशाल जनसमूह को संभालने में प्रशासन के लिए चुनौती पैदा हो गई। अचानक स्थिति ऐसी बन गई कि भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। कई लोग गिर पड़े, जबकि अन्य लोग घेराव में आ गए। इस दौरान कुछ लोग घायल हो गए और कुछ की जान जाने की आशंका जताई जा रही है। अब तक घटनास्थल से मिली जानकारी के मुताबिक, कई घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया है, लेकिन कुछ श्रद्धालुओं के परिवारजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है।
अखाड़ों का ऐलान: ‘अमृत स्नान’ नहीं होगा
महाकुंभ के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक होता है ‘अमृत स्नान’, जो विशेष रूप से शाही स्नान के दिन किया जाता है। लेकिन इस दुर्घटना के बाद अखाड़ा परिषद ने ऐलान किया है कि वे इस बार शाही स्नान में हिस्सा नहीं लेंगे। महंत नरेंद्र गिरि, जो अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष हैं, ने कहा, “हम श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं, और जब तक प्रशासन यह सुनिश्चित नहीं करता कि व्यवस्था दुरुस्त है, तब तक शाही स्नान का आयोजन नहीं किया जाएगा।”
घायलों का इलाज, अस्पतालों की भीड़
महाकुंभ में हुई भगदड़ में घायल हुए लोगों को इलाज के लिए अस्पतालों में भेजा गया है। अस्पताल के बाहर कई श्रद्धालुओं के परिजन रोते हुए नजर आए। सरोजनी नामक एक महिला ने अस्पताल के बाहर रोते हुए कहा, “हम 60 लोगों का समूह लेकर यहां आए थे। अचानक धक्का-मुक्की हुई और हम गिर गए। कई लोग फंस गए और भीड़ बेकाबू हो गई।”
प्रधानमंत्री और सीएम योगी का रिएक्शन
इस दर्दनाक हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की और उन्हें घटनास्थल की स्थिति पर अपडेट लिया। पीएम मोदी ने योगी से यह सुनिश्चित करने को कहा कि राहत कार्य तेजी से चलें और घायलों को तुरंत चिकित्सा सहायता मिले। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस घटना की गंभीरता को समझते हुए राहत कार्यों को प्राथमिकता देने का वादा किया और प्रशासन को स्थिति पर नियंत्रण रखने के निर्देश दिए।
क्या कहते हैं समाजवादी पार्टी के नेता?
इस घटना के बाद, अखिलेश यादव ने महाकुंभ मेले में व्यवस्थाओं की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इतने बड़े धार्मिक आयोजन में ऐसी स्थिति उत्पन्न होना प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है। अखिलेश ने कहा, “यह समय राजनीति करने का नहीं है, लेकिन यह घटना हमें यह समझाने के लिए पर्याप्त है कि इस तरह के बड़े आयोजनों के लिए बेहतर प्रबंधन की जरूरत है। सरकार को इस हादसे से सीखने की आवश्यकता है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।”
क्यों होती है ऐसी भगदड़?
हर साल महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु एक साथ स्नान करने के लिए आते हैं, और इस दौरान भगदड़ की स्थिति उत्पन्न होना कोई नई बात नहीं है। प्रशासन की तरफ से उचित प्रबंधन की कमी और श्रद्धालुओं की संख्या का अत्यधिक बढ़ जाना ही ऐसी घटनाओं का कारण बनता है। अगर इन आयोजनों को सही तरीके से मैनेज किया जाए, तो इस प्रकार की घटनाएं टाली जा सकती हैं।