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महाकुंभ भगदड़: प्रशासन ने तोड़ी चुप्पी, बताया 30 लोगों की हुई मौत; हादसे की वजह का भी खुलासा

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेला में बुधवार की रात एक बड़ा हादसा हुआ, जिसमें 30 से अधिक श्रद्धालुओं की जान चली गई। यह हादसा उस समय हुआ जब भारी भीड़ की वजह से भगदड़ मच गई और कई श्रद्धालु दबकर घायल हो गए। इस घटना के बाद प्रशासन ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन इस हादसे ने कई सवाल भी खड़े किए हैं।

सीएम योगी ने 25 लाख रुपये मुआवजे का किया ऐलान

महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के परिवारों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। यह राशि मृतकों के परिजनों को दी जाएगी। इस हादसे में 30 लोगों की मौत हुई है। मुख्यमंत्री ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए घटना की पूरी जांच के आदेश भी दिए हैं। साथ ही, उन्होंने मृतकों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने का भरोसा दिलाया है।

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भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत, 25 की पहचान हुई

DIG मेला वैभव कृष्णा ने बताया कि महाकुंभ में बुधवार रात 1 से 2 बजे के बीच भगदड़ मच गई, जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई। इनमें से 25 की पहचान हो चुकी है, जिनमें 4 लोग कर्नाटका और 1 गुजरात से थे, जबकि बाकी 5 की पहचान की जा रही है। उन्होंने कहा कि मेला में कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं था और घायलों के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है।

वैभव कृष्णा ने बताया कि कुछ श्रद्धालु बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, जबकि कुछ लोग घाटों पर सो रहे थे, जिन पर भीड़ चढ़ गई और वे कुचल गए। उन्होंने यह भी कहा कि भारी भीड़ की वजह से बैरिकेड्स टूट गए, जिससे लोग एक-दूसरे को कुचलते चले गए। इस भगदड़ में कुल 90 लोग घायल हुए, जिनमें से 30 की मौत हो गई। घायल लोगों को कुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर-2 स्थित अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया है।

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क्या था हादसे का कारण?

प्रशासन के अनुसार, ये हादसा रात करीब डेढ़ बजे हुआ। जानकारी के मुताबिक, घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इकट्ठी हो गई थी। इनमें से कई श्रद्धालु पहले से घाट पर लेटे हुए थे, जबकि कई अन्य श्रद्धालु स्नान करने पहुंचे थे। इन दोनों समूहों के बीच अचानक टकराव हुआ और बैरिकेड्स टूट गए, जिससे भगदड़ मच गई। एक तरफ जहां सुरक्षा इंतजामों को लेकर प्रशासन बार-बार चेतावनी दे रहा था, वहीं अचानक हुई इस दुर्घटना ने प्रशासन के दावों की पोल खोल दी।

डीआईजी महाकुंभ नगर मेला, वैभव कृष्ण ने बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, “इस भगदड़ में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है, और 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 25 मृतकों की पहचान हो चुकी है।” प्रशासन ने कहा कि जिन श्रद्धालुओं ने ब्रह्म मुहूर्त का इंतजार करते हुए घाट पर विश्राम किया था, वे अचानक आई भीड़ का शिकार हो गए।

प्रधानमंत्री मोदी का बयान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर दुख व्यक्त किया और ट्विटर पर लिखा, “प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पीड़ितों की हरसंभव मदद कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मामले पर टिप्पणी की। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि करीब तीन करोड़ लोग कुंभ मेला में स्नान करने के लिए पहुंचे थे, और इस घटना की वजह भीड़ के दबाव के कारण हुई। मुख्यमंत्री ने कहा, “कृपया अफवाहें न फैलाएं, प्रशासन स्थिति पर काबू पा चुका है।”

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चश्मदीदों ने क्या कहा?

हादसे के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि भगदड़ अचानक मची थी। एक महिला ने बताया, “हमने सुरक्षाकर्मियों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन उनकी तरफ से कोई मदद नहीं आई, वे बस हंस रहे थे।” एक अन्य चश्मदीद ने कहा, “हम निकलने के लिए रास्ता ढूंढ़ रहे थे, लेकिन मदद की कोई व्यवस्था नहीं थी।”

मध्य प्रदेश के छतरपुर से आए एक श्रद्धालु ने भी कहा, “घटना के बाद न तो पुलिस थी और न ही कोई मदद के लिए आया। मेरी मां का कुछ पता नहीं है कि वह जिंदा हैं या नहीं।”

प्रशासन की तैयारी पर सवाल

कुंभ मेला में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं, और इस बार भी प्रशासन ने सुरक्षा इंतजामों को लेकर कई दावे किए थे। हालांकि, इस हादसे ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कुंभ मेला के अधिकारियों ने कहा कि बैरिकेड्स को सख्ती से लगाया गया था, लेकिन कुछ जगहों पर बैरिकेड्स टूटने के बाद भगदड़ मच गई। इसके बावजूद, प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए, जिसके कारण इतनी बड़ी घटना हुई।

कुंभ मेला प्रशासन की ओएसडी आकांक्षा राणा ने कहा, “कुछ स्थानों पर बैरिकेड्स टूटने की वजह से भगदड़ मची थी, लेकिन स्थिति अब काबू में है।”

क्या है प्रशासन की तरफ से किया गया राहत कार्य?

प्रशासन ने घायलों के इलाज के लिए अस्पतालों में उचित व्यवस्था की है। घायलों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती किया गया है, और उनकी हालत की लगातार निगरानी रखी जा रही है। प्रशासन का कहना है कि राहत और बचाव कार्य पूरी गति से चल रहा है और मृतकों के परिजनों को मदद दी जाएगी।

अखाड़ों ने लिया स्नान रद्द करने का निर्णय

कुंभ मेला के बाद जब हादसे की खबर फैली, तो सभी प्रमुख अखाड़ों ने मौनी अमावस्या के स्नान को रद्द करने का निर्णय लिया। अखिल भारतीय परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने मीडिया से कहा, “हमने हादसे को देखते हुए यह निर्णय लिया है कि मौनी अमावस्या पर स्नान नहीं होगा। जनहित में यह फैसला लिया गया है।”

विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया

समाजवादी पार्टी ने घटना पर दुख जताया और सरकार से राहत कार्य तेज़ी से करने की अपील की। पार्टी ने ट्विटर पर लिखा,

“प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ से श्रद्धालुओं के हताहत होने की सूचना हृदयविदारक है। ईश्वर मृतकों की आत्मा को शांति दे, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना है।” इसके साथ ही विपक्ष ने इस हादसे के लिए सरकार की निंदा भी की और बेहतर सुरक्षा इंतजाम की मांग की।

कुंभ मेला में  हर बार आता है जन सैलाब 

कुंभ मेला में हर साल करोड़ों श्रद्धालु आते हैं, और मौनी अमावस्या जैसे विशेष अवसर पर इनकी संख्या काफी बढ़ जाती है। इस बार प्रशासन का अनुमान था कि इस दिन 8 से 10 करोड़ लोग मेला क्षेत्र में पहुंचेंगे। ऐसे में भारी भीड़ और सुरक्षा की कमी के कारण यह हादसा हुआ। प्रशासन बार-बार श्रद्धालुओं से अपील कर रहा था कि वे घाटों पर स्नान कर लें और भीड़-भाड़ से बचने के लिए जल्दी स्नान करके अपने गंतव्यों की ओर प्रस्थान करें।

इस हादसे के बाद प्रशासन ने भविष्य में इस तरह के हादसों से बचने के लिए और कड़े इंतजाम करने की योजना बनाई है। इसके लिए मेला क्षेत्र में सुरक्षा और प्रबंधन को और बेहतर बनाने की बात की जा रही है, ताकि इस तरह के हादसे भविष्य में न हों।

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