अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर सख्त रुख अपनाए हुए हैं। वे इस मामले में किसी तरह की नरमी नहीं बरतना चाहते। हाल ही में उन्होंने कहा कि अवैध प्रवासियों को ग्वांतानामो बे जेल में रखा जाएगा, जो दुनिया की सबसे खतरनाक जेलों में से एक मानी जाती है। इस जेल का इस्तेमाल 9/11 हमलों के बाद आतंकवादियों को रखने के लिए किया गया था। इसे कई लोग “नरक” भी कहते हैं, और इसकी वजह से अमेरिका को कई बार आलोचना झेलनी पड़ी है।
ग्वांतानामो बे में 30,000 प्रवासियों के लिए व्यवस्था
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में घोषणा की कि वह एक नए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। इस आदेश के तहत पेंटागन और होमलैंड सुरक्षा विभाग को ग्वांतानामो बे में 30,000 प्रवासियों के रहने और खाने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। ट्रंप ने कहा कि इस फैसले से अवैध प्रवासियों को पकड़ने की क्षमता दोगुनी हो जाएगी।
इसके अलावा, ट्रंप ने 22 वर्षीय अमेरिकी नर्सिंग छात्रा “लेकन रिले” के माता-पिता का भी जिक्र किया, जो हाल ही में एक घटना में मारी गई थीं। उन्हीं के नाम पर नए “प्रवासी अपराध बिल अधिनियम” का नाम रखा गया है। ट्रंप ने कहा
नर्क जैसी जेल में ट्रंप अवैध प्रवासियों को रखेंगे
दुनिया में कई जेलें हैं, जिनकी अपनी-अपनी कहानियां हैं, लेकिन ग्वांतानामो बे जेल को सबसे डरावनी जगहों में से एक माना जाता है। यह जेल अमेरिका ने क्यूबा में बनाई थी, खास तौर पर आतंकवादियों और संदिग्धों को कैद में रखने के लिए। यहाँ आने वाले कैदियों को बिना किसी सुनवाई के सालों तक रखा जा सकता है।
इस जेल में शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी जाती हैं। कैदियों को कई दिनों तक सोने नहीं दिया जाता, उन्हें घनघोर अंधेरे कमरों में बंद कर दिया जाता है, जहां सूरज की रोशनी तक नहीं पहुंचती। यहां के कमरे बेहद छोटे और घुटन भरे होते हैं, जिससे कैदियों की तकलीफ और बढ़ जाती है। यही वजह है कि इसे दुनिया की सबसे खौफनाक जेलों में गिना जाता है।
1903 में बनी थी ये खतरनाक जेल
इस जेल की स्थापना 1903 में हुई थी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इसे बंद करने की बात कही थी। यह जेल अक्सर विवादों में रहती है और इसे लेकर अमेरिका की आलोचना भी होती है। 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में हुए आतंकी हमलों के बाद इसे दोबारा इस्तेमाल किया जाने लगा। यहां आमतौर पर उन लोगों को रखा जाता है, जिन पर आतंकवाद से जुड़े होने का आरोप होता है।
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