Basant Panchami Shahi Snan 2025: हिन्दू धर्म में हर त्योहार बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। बसंत पंचमी का त्योहार भी सनातन धर्म के खास पर्वों में से एक है। बसंत पंचमी का त्योहार माँ सरस्वती को समर्पित होता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान का भी विशेष महत्व होता है। ऐसे में आज हम महाकुंभ में बसंत पंचमी के शाही स्नान के शुभ महूर्त के बारे में आपको बताएँगे।
हिंदू पंचांग के अनुसार बंसत पंचमी (basant panchmi) का पर्व माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की विद्या, बुद्धि, ज्ञान, संगीत और विवेक के लिए पूजा-अर्चना की जाती हैं। ऐसा करने से माँ का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
144 साल बाद बना शुभ सयोंग
आपको बता दें, कि 144 साल बाद लगे इस महाकुंभ (mahakumbh 2025) मेले में बसंत पंचमी के दौरान अद्भुद संयोग बना है। जिसमें अमृत स्नान करके व्यक्ति मां सरस्वती का आशीर्वाद वरदान स्वरूप मिल सकता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी की तिथि 2 फरवरी, रविवार की सुबह 9 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगा और इसका समापन 3 फरवरी, सोमवार की सुबह 6 बजकर 54 मिनट पर होगा।
कब किया जाएगा शाही स्नान
आपको बता दें, बसंत पंचमी का व्रत 2 फरवरी को रखा जाएगा। लेकिन 3 फरवरी को शाही स्नान किया जाएगा। वैसे तो बसंत पंचमी के दिन पूरे दिन शाही स्नान किया जा सकता है, लेकिन शाही स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त सबसे शुभ है। हिंदू पंचांग के अनुसार, शाही स्नान के लिए सबसे शुभ मुहूर्त 3 फरवरी की सुबह 5 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 16 मिनट तक का समय रहेगा। इस दौरान आप संगम में डूबकी लगा सकतें हैं। बता दें, बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर सुबह 9 बजकर 14 मिनट तक शिव योग रहेगा। इस समय पूजा करने से शिक्षा के क्षेत्र में शुभ परिणाम मिलते हैं। इसके बाद सिद्ध योग लग जाएगा।
शाही स्नान के समय इन बातों का रखें ध्यान
- महाकुंभ में शाही स्नान के दिन भीड़-भाड़ वाले घाट पर जाने से बचें।
- अगर आपके साथ छोटे बच्चें हैं, तो ऐसे में बच्चों को साथ में नहीं लेकर जाएँ।
- स्नान करने के तुरंत बाद वहां से चले जाएँ, घाट पर भीड़ जमा नहीं करें
- पुलिस-प्रशासन का सहयोग करें।
- संगम में डूबकी लगाकर जल्द लौटें वापस।
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