Saraswati Puja Visarjan Date 2025: इस बार बसंत पंचमी को लेकर कई कन्फ्यूजन रहें, ऐसे में कुछ लोगों ने 2 फरवरी को ही सरस्वती पूजन कर लिया। परन्तु कुछ श्रद्धालु भक्त 3 फरवरी को सरस्वती पूजन कर रहे हैं। ऐसे में सरस्वती मूर्ति विसर्जन को लेकर भी कई सवाल सामने आएं हैं। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की प्रतिमा को घर में स्थापित किया जाता है। वहीं, दूसरी ओर उसके अगले दिन मां सरस्वती की प्रतिमा का विसर्जन करने का विधान है। पर सवाल यह है कि किस दिन मूर्ति का विसर्जन करना शास्त्र सम्मत होगा।
सरस्वती विसर्जन 2025 का शुभ मुहूर्त
विसर्जन से पहले मां सरस्वती की मूर्ति का अच्छे से श्रृंगार करें और उसे अच्छे से क्लीन भी करें। मां सरस्वती की प्रतिमा के पास फूल, दीपक, अगरबत्ती और चंदन आदि से पूजा करें। पूजा के समय विशेष रूप से मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करें। फिर एक लाल कपड़ें में मूर्ति को रखें और उसका विसर्जित करें
4 फरवरी को करें विसर्जन
माघ शुक्ल षष्ठी तिथि को देवी की प्रतिमा को विसर्जित कर देना चाहिए। इस साल 3 फरवरी को बहुसंख्यक पंचांग जैसे हृषिकेष पंचांग, वैदेही पंचांग और विश्वविद्यालय पंचांग 11 बजकर 48 से षष्ठी तिथि का आरंभ मान रहे हैं। परन्तु जो लोग आज मूर्ति को को स्तापित कर रहे हैं उनके लिए जरूरी यह भी है कम से 24 घटे माता की सेवा जरूर करें। ऐसे में इन लोगों को मूर्ति का विसर्जन 4 फरवरी को सुबह देवी की पूजा के पश्चात करना चाहिए। सूर्यास्त से पूर्व मूर्ति को जल में प्रवाहित करना है।
जानें अन्य जानकारी
बता दें कि जिन्होंने 2 फरवरी को ही सरस्वती पूजन किया है उनको भी 4 तरीख को ही मूर्ति का विसर्जन करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि 3 तारीख को रात तक पंचक लगा हुआ है। 3 फरवरी को 11 बजकर 48 मिनट के बाद मूर्ति का विसर्जन करके शाम के समय मूर्ति को जल में प्रवाहित करें।