Indian Navy budget 2025: भारतीय नौसेना को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अब तक का सबसे बड़ा बजट मिला है। इस बार सरकार ने नौसेना के लिए 97,149.80 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो पिछले साल के 91,572.53 करोड़ रुपये से ज्यादा है। यह रक्षा बजट का 19.76% हिस्सा है।
खास बात यह है कि पहली बार नौसेना का बजट 95,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करने पर खास ध्यान दे रही है।
तुलना करें तो भारतीय वायुसेना को इस बार 1,18,511.68 करोड़ रुपये (कुल रक्षा बजट का 24.10%) और भारतीय थल सेना को 2,39,600.68 करोड़ रुपये (कुल रक्षा बजट का 48.72%) मिले हैं।
जल्द ही खरीदेगा भारत ये हथियार
भारत जल्द ही अपनी नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए फ्रांस से 26 राफेल मरीन लड़ाकू जेट और तीन स्कॉर्पीन क्लास की पनडुब्बियां खरीद सकता है। इसके लिए नौसेना को जो बजट दिया गया है, वह इस बात का संकेत है कि भारत अपनी नौसेना को दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में शामिल करने के लिए बड़े कदम उठा रहा है।
इस डील में राफेल एम लड़ाकू जेट की खरीद पर करीब 50,000 करोड़ रुपये और तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों पर करीब 38,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
2021-22 की तुलना में लगभग दोगुना हुआ बजट
इस साल नौसेना को पूंजीगत बजट के तौर पर 63,000 करोड़ रुपये मिले हैं, जो अब तक का सबसे ज्यादा है। यह कुल 1,80,000 करोड़ रुपये के पूंजी बजट का 35% हिस्सा है। अगर 2021-22 से तुलना करें, तो उस समय नौसेना को 32,050 करोड़ रुपये मिले थे, यानी इस बार का बजट लगभग दोगुना हो गया है।
वायुसेना को इस बार 64,811 करोड़ रुपये (36%) और थल सेना को 33,400 करोड़ रुपये (18.55%) का पूंजीगत बजट मिला है।
अब बात करें राजस्व बजट की, तो नौसेना को 34,149 करोड़ रुपये मिले हैं, जो कुल राजस्व बजट का 10.95% हिस्सा है। यह पहली बार हुआ है जब नौसेना का राजस्व बजट 32,000 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है।
वायुसेना को 53,700 करोड़ रुपये (17.22%) और थल सेना को 2,06,200 करोड़ रुपये (66.15%) का राजस्व बजट मिला है।
क्या है तीनों सेनाओं का पूंजी और राजस्व अनुपात
इस साल पूंजी और राजस्व खर्च का अनुपात थोड़ा बदला है और अब यह 64.85:35.15 हो गया है, जबकि पिछले साल यह 65.22:34.78 था। इसमें हल्की गिरावट देखी गई है। हालांकि, तीनों सेनाओं में नौसेना का अनुपात सबसे अच्छा है। वायुसेना का अनुपात 54.69:45.31 है, जबकि थल सेना का अनुपात 13.94:86.06 है, जो उसकी एडवांस ऑपरेशनल क्षमताओं को दर्शाता है।
डिफेंस में सरकार रही AI पर जोर
भारत के रक्षा बलों के आधुनिकीकरण के लिए सरकार ने 1.80 लाख करोड़ रुपये का बजट तय किया है। इसमें से 1.48 लाख करोड़ रुपये नई तकनीकों, हथियारों और प्लेटफॉर्म की खरीद पर खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा, 31,277 करोड़ रुपये अनुसंधान एवं विकास (R&D) और रक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए दिए गए हैं।
विशेष रूप से भारतीय नौसेना के लिए 24,390 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे नए युद्धपोतों और उपकरणों की खरीद के साथ-साथ मौजूदा संसाधनों को अपग्रेड किया जाएगा।
सरकार AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, साइबर सुरक्षा और अंतरिक्ष तकनीकों पर खास ध्यान दे रही है, ताकि भारतीय रक्षा प्रणाली को भविष्य के खतरों से निपटने के लिए और मजबूत बनाया जा सके।
Make In India को मिल रहा बढ़ावा
बजट में घरेलू खरीद के लिए 1.11 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें से 27,886 करोड़ रुपये खास तौर पर निजी उद्योगों से सामान खरीदने के लिए तय किए गए हैं। यह कदम सरकार की आत्मनिर्भर रक्षा प्रणाली बनाने की योजना को दिखाता है।
यह बजट आवंटन भारत की रक्षा रणनीति को मजबूत करता है, खासकर समुद्री ताकत को बढ़ाने, नई तकनीकों को बढ़ावा देने और नौसेना की समंदर के अंदर काम करने की क्षमता को सुधारने के लिए।