कांग्रेस नेता राहुल गांधी और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच एक नई सियासी लड़ाई छिड़ गई है, जो अब भारतीय विदेश नीति और देश की अंतरराष्ट्रीय छवि से जुड़ी एक गंभीर बहस का रूप ले चुकी है। मामला इस बार राहुल गांधी के बयान को लेकर है, जिसमें उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा अमेरिका की यात्रा पर सवाल उठाए थे। इसके बाद जयशंकर ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने जानबूझकर झूठ बोला और विदेशों में भारत की छवि को नुकसान पहुंचाया है।
राहुल गांधी का बयान: “भारत अपने प्रधानमंत्री को अमेरिका क्यों नहीं भेजता?”
दरअसल, राहुल गांधी ने लोकसभा में दिए अपने बयान में कहा था कि भारत अपनी विदेश नीति के मामलों में काफी पिछड़ चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता भेजा गया, लेकिन भारत कभी अपने प्रधानमंत्री को अमेरिका नहीं भेजता। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति खुद भारत आकर प्रधानमंत्री को बुलाते हैं, जबकि भारत कभी अपने प्रधानमंत्री को अमेरिका भेजने के लिए निमंत्रण नहीं भेजता।
उनका यह बयान दरअसल, एस जयशंकर की दिसंबर 2024 में हुई अमेरिका यात्रा के संदर्भ में था, जिस दौरान उन्होंने बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात की थी।
एस जयशंकर का पलटवार: “राहुल गांधी ने जानबूझकर झूठ बोला”
राहुल गांधी के बयान का जवाब देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्विटर पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने जानबूझकर मेरे दिसंबर 2024 में अमेरिका दौरे के बारे में झूठ बोला है। मेरी यात्रा का उद्देश्य बाइडेन प्रशासन के विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) से मुलाकात करना था, साथ ही हमारी महावाणिज्य दूतावास की एक बैठक की अध्यक्षता भी करना था। इस दौरान नए नामित NSA ने मुझसे मुलाकात की।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी यात्रा के दौरान किसी भी स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई। एस जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत के प्रधानमंत्री ऐसे कार्यक्रमों में आमतौर पर भाग नहीं लेते, और भारत का प्रतिनिधित्व हमेशा विशेष दूतों द्वारा किया जाता है। उनका कहना था कि यह सामान्य ज्ञान है कि भारतीय प्रधानमंत्री ऐसे कार्यक्रमों में नहीं जाते।
विदेश में भारत की छवि को नुकसान: जयशंकर का आरोप
एस जयशंकर ने अपनी प्रतिक्रिया में राहुल गांधी पर यह भी आरोप लगाया कि उनकी बयानबाजी विदेश में भारत की छवि को नुकसान पहुंचा रही है। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी का उद्देश्य राजनीतिक हो सकता है, लेकिन इससे विदेशों में भारत की छवि को नुकसान हो रहा है।” विदेश मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि राहुल गांधी का बयान एक गंभीर मुद्दे पर था, जिसे उन्होंने गलत तरीके से उठाया।
राहुल गांधी का जवाब: “मुझे माफ़ करें”
राहुल गांधी के बयान के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। रिजिजू ने कहा कि विपक्ष के नेता को जिम्मेदारी से बयान देना चाहिए, और इस तरह की बयानबाजी से बचना चाहिए। उन्होंने राहुल गांधी से कहा कि अगर उनके पास इस विषय पर कोई ठोस जानकारी है, तो वह उसे सामने लाएं। इसके जवाब में राहुल गांधी ने कहा, “अगर मेरी बात से विदेश मंत्री एस जयशंकर को परेशानी हुई है, तो मैं माफी चाहता हूं। मुझे माफ़ करिए, मैं सिर्फ सवाल पूछ रहा था।”
विदेश नीति पर गंभीर चर्चा
इस पूरे विवाद ने भारत की विदेश नीति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के संदर्भ में गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एस जयशंकर की यात्रा से संबंधित राहुल गांधी के बयान और उसके बाद की विवादित प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारतीय राजनीति में विदेश नीति को लेकर सियासी बयानों का दौर तेज हो चुका है।
विदेश नीति और प्रधानमंत्री मोदी का मुद्दा
राहुल गांधी के बयान ने यह सवाल भी उठाया कि भारत अपनी विदेश नीति को किस दिशा में ले जा रहा है। उन्होंने यह कहा कि भारत को अमेरिका के न्योते पर अपने प्रधानमंत्री को वहां भेजने के लिए तैयार रहना चाहिए, ताकि देश की साख बढ़े। वहीं, एस जयशंकर ने पूरी यात्रा को लेकर जानकारी दी और यह स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विदेश कार्यक्रम इस तरह के कार्यक्रमों में शामिल नहीं होता है, और भारतीय विदेश नीति में यह एक सामान्य परंपरा है।
ये भी पढ़ें:कांग्रेस नेता डॉ. शकील अहमद खान के बेटे ने की आत्महत्या, सियासी गलियारे में मचा हड़कंप