अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद से यहां पर्यटकों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। मंदिर बनने के बाद अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 10 गुना से भी ज्यादा बढ़ गई है। इस वजह से यहां पर्यटन से जुड़े कई विकास कार्य भी किए जा रहे हैं।
संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि अयोध्या में पहले जहां 60 लाख लोग आते थे, अब यह संख्या बढ़कर 16 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है। हर दिन लाखों लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मंदिर खुलने के तुरंत बाद ही भारी संख्या में भक्त भगवान राम के दर्शन के लिए पहुंचे थे।
अयोध्या में धार्मिक पर्यटन तेजी से बढ़ा
शेखावत ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या में धार्मिक पर्यटन तेजी से बढ़ा है। आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में अयोध्या आने वाले पर्यटकों की संख्या करीब 60 लाख थी, जो 2024 में बढ़कर 16 करोड़ 44 लाख से ज्यादा हो गई है।
47 पर्यटन परियोजनायें देश में चल रही
शेखावत ने बताया कि सरकार ने मंदिर निर्माण के बाद कई धार्मिक स्थलों का कायाकल्प किया है, और कई जगहों पर यह काम अभी भी जारी है। फिलहाल, ट्रस्ट की ओर से जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के विकास का कार्य पूरा किया जा रहा है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि देश के 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कुल 47 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनकी अनुमानित लागत 1594.40 करोड़ रुपये है।
ऐतिहासिक युद्ध स्थलों को पर्यटन स्थलों में बदला जा रहा
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने ‘रणभूमि ऐप’ और ‘भारत रणभूमि दर्शन’ पहल शुरू की है। यह भारतीय सेना का एक शानदार और दूरदर्शी कदम है, जिसके तहत सीमावर्ती और ऐतिहासिक युद्ध स्थलों को पर्यटन स्थलों में बदला जा रहा है।
इस पहल का मकसद आम नागरिकों को उन ऐतिहासिक जगहों तक पहुंचाना है, जहां वीर सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए बहादुरी से युद्ध लड़ा था। इससे लोग देश के गौरवशाली इतिहास को करीब से जान सकेंगे। मंत्री ने बताया कि इस पहल के तहत 77 ऐतिहासिक शौर्य स्थलों को शामिल किया गया है, जहां लोग जाकर भारत के वीर सैनिकों के साहस और बलिदान को महसूस कर सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर के 11 महत्वपूर्ण स्थानों में गुरेज सेक्टर, बारामूला और उरी शामिल हैं। लद्दाख में 14 जगहें हैं, जिनमें गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो, डेमचोक और पदुम घाटी खास हैं। सिक्किम में डोकलाम समेत कुल 7 स्थान हैं, जबकि अरुणाचल प्रदेश में 21 महत्वपूर्ण इलाके आते हैं, जिनमें बोमडिला, तवांग और कामेंग क्षेत्र शामिल हैं।