दिल्ली चुनाव 2025: वो हॉट सीटें जहां मुकाबला है तगड़ा , जानें किसके बीच होगी कांटे की टक्कर?

दिल्ली चुनाव 2025: दिल्ली में चुनाव प्रचार थम गया है। अब बुधवार को वोट डाले जाएंगे। दिल्ली की 70 सीटों में से कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां मुकाबला तगड़ा देखने को मिल सकता है। ये वो सीटें हैं जहां थोड़ा सा उलटफेर बड़ा ‘खेला’ कर सकता है। इन सीटों पर आम आदमी पार्टी की प्रतिष्ठा दांव पर है तो बीजेपी अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी है।वहीं दिल्ली में 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत पाने वाली कांग्रेस ने इस चुनावों में नए जोश और उत्साह के साथ कदम रखा है।आईए जानते हैं दिल्ली की वो हॉट सीटें जहां इस बार हो सकता है बड़ा खेला।

नई दिल्ली –प्रतिष्ठा की है लड़ाई

राजनीतिक नजरिए से नई दिल्ली विधानसभा सीट शुरु से ही महत्वपूर्ण रही है। पिछली तीन बार से अरविंद केजरीवाल यहां से जीतकर दिल्ली सरकार की कमान संभालते रहे हैं। इस बार ये सीट सिर्फ आम आदमी पार्टी ही नहीं बल्कि बीजेपी और कांग्रेस के लिए भी प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। केजरीवाल को टक्कर देने के लिए जहां बीजेपी ने पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा को उतारा है, वहीं कांग्रेस ने भी पूर्व सांसद और शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को टिकट दिया है। वैसे तो यहां 23 उम्मीदवार हैं लेकिन मुकाबला इन तीनों के बीच ही है। बीजेपी और कांग्रेस के दोनों उम्मीदवारों के जबरदस्त चुनाव प्रचार की वजह से मामला त्रिकोणीय होता नजर आ रहा है।

कालकाजी – आतिशी के सामने कड़ी चुनौती

वैसे तो पिछली बार भी कालकाजी विधानसभा सीट से आतिशी ने जीत हासिल की थी लेकिन इस बार बतौर मुख्यमंत्री, इस सीट पर चुनाव लड़ने की वजह से पूरी दिल्ली की निगाहें इस सीट पर हैं।बीजेपी ने आतिशी को कड़ी चुनौती देने के इरादे से ही पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने रणनीतिक तौर पर अपनी तेज तर्रार महिला नेता अलका लांबा को टिकट दिया है।

मटिया महल –कांग्रेस और आप के बीच रोचक मुकाबला

केजरीवाल सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे आसिम अहमद खान इस बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी टक्कर आम आमी पार्टी के उम्मीदवार और एमसीडी में डिप्टी मेयर रह चुके आले मोहम्मद इकबाल से होगी। आले मोहम्मद इस सीट से 6 बार चुनाव जीत चुके शोएब इकबाल के बेटे हैं। मटिया महल मुस्लिम बहुल सीट हैं। बीजेपी ने दीप्ति इंदौरा को टिकट दिया है।

ओखला –मुस्लिम वोटों पर नज़र

यह मुस्लिम बहुल सीट है, जहां AAP के अमानतुल्लाह खान का कांग्रेस की आरिबा खान से सीधा मुकाबला हो सकता है। AIMIM के शिफा उर रहमान के उतरने से वोटों में बंटवारा होने की संभावना है, जिसका फायदा बीजेपी उठा सकती है।

पटपड़गंज – आप के नए नवेले नेता अवध ओझा के लिए चुनौती पूर्ण मुकाबला

इस सीट से तीन बार मनीष सिसोदिया जीतते रहे हैं। इस बार आम आदमी पार्टी ने अवध ओझा को यहां से मैदान में उतारा है। अवध ओझा पूर्वांचल से ताल्लुक रखते हैं और यहां पूर्वांचलियों की बदौलत AAP को जीतने की उम्मीद है। पिछले चुनाव में सिसोदिया को कड़ी टक्कर देने वाले रवींद्र नेगी को बीजेपी ने टिकट दिया है। कांग्रेस की तरफ से अनिल कुमार चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं।

मुस्तफाबाद –मुस्लिम वोटों के बंटवारे पर टिकी बीजेपी की आस

इस विधानसभा में मुस्लिम वोटर्स की संख्या 42 पर्सेंट के करीब है। मुस्लिम वोटर्स के बल पर ही दो बार कांग्रेस और एक बार आम आदमी पार्टी ने चुनाव जीता। तीनों उम्मीदवार मुस्लिम थे। सिर्फ एक बार ही इस सीट से कोई गैर मुस्लिम चुनाव जीतने में कामयाब रहा। इस बार के विधानसभा चुनाव में वैसे तो 12 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है, इनमें से छह प्रत्याशी मुस्लिम है दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपी AIMIM के ताहिर हुसैन की एंट्री ने कई उम्मीदवारों की नींद हराम कर दी।

जनकपुरी – बगावत से बदले समीकरण

पिछले दो चुनाव को छोड़कर बाकी सभी चुनावों में जनकपुरी से बीजेपी ही जीती है। 2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी यहां से जीती थी। इस बार आम आदमी पार्टी ने मौजूदा विधायक राजेश ऋषि का टिकट काटकर प्रवीण कुमार को उम्मीदवार बनाया है। राजेश ऋषि अब बीजेपी में आ गए हैं। बीजेपी ने आशीष सूद को तो कांग्रेस ने हरबानी कौर को उम्मीदवार बनाया है। राजेश ऋषि की नाराजगी की वजह से बीजेपी को AAP का वोट बंटने की उम्मीद है।

यह भी पढ़ें:

धार्मिक पर्यटन का नया BAPS Hindu Mandir Abu Dhabi ने मनाई पहली वर्षगांठ, अब तक 20 लाख से ज्यादा लोगों ने किये दर्शन

हब बनी अयोध्या! राम मंदिर के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़, आंकड़े कर देंगे हैरान